केंद्र की मोदी सरकार देश में एक्सप्रेस वे, नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे और रिंग रोड बनाने की दिशा में बहुत तेजी से काम कर रही है। पिछले एक दशक के दौरान देश में सड़क और राजमार्ग निर्माण क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हुआ है। सरकारी दावों के अनुसार इन 10 सालों के दौरान 55 हजार किमी से ज्यादा हाईवे का निर्माण हुआ है। इस समय राजस्थान, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र में एक्सप्रेस वे, हाईवे और रिंग रोड का निर्माण जारी है। इस बीच अच्छी खबर सामने आई है कि रिंग रोड परियोजना में आने वाले किसानों को 4 गुना मुआवजा दिया जाएगा। इसके साथ किसानों को एक साल का ब्याज भी मिलेगा। आईये, ट्रैक्टर गुरु की इस पोस्ट के माध्यम से जाने कि पहले चरण में किन किसानों को मुआवजे का लाभ मिलेगा।
उत्तरप्रदेश में योगी सरकार केंद्र की मोदी सरकार के सहयोग से विकास की दिशा में तेजी से बढ़ रही है। एक्सप्रेस वे, हाईवे व रिंग रोड के निर्माण से करोड़ों लोगों को फायदा पहुंचाने का प्रयास जारी है। यूपी के बस्ती जिले में रिंग रोड के निर्माण के लिए पहले चरण में किसानों की 111 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। बस्ती रिंग रोड परियोजना के लिए चयनित भूमि की रजिस्ट्री जल्द शुरू होने वाली है। किसानों के मुआवजा देने के लिए केंद्रीय राज्य सड़क परिवहन मंत्रालय ने पहली किस्त के रूप में 80 करोड़ रुपए जारी कर दिए हैं।
बस्ती रिंग रोड परियोजना के पहले चरण में 22.15 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण होगा। फोरलेन सड़क 54 गांवों में किसानों की जमीन से गुजरेगी। इसके लिए 8000 किसानों की कुल 111 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। अब इन 8 हजार किसानों को 300 करोड़ का मुआवजा देना प्रस्तावित है। पहली सूची के अनुसार 100 से अधिक किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। जिसकी प्रक्रिया शीघ्र शुरू होगी।
रिंग रोड परियोजना से प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के लिए पहले जमीनों का प्रतिकर मूल्य निकाला गया है। इस प्रतिकर मूल्य की चार गुना धनराशि मुआवजे के रूप में किसानों को दी जाएगी। इसके अलावा जमीन के चिह्नांकन से मूल्यांकन तक की अवधि के लिए औसतन एक साल का ब्याज भी किसानों को मिलेगा। ब्याज प्रतिकर मूल्य का 12 प्रतिशत की दर से देय होगा। किसानों को ब्याज सहित मुआवजे की राशि का भुगतान उनके खाते में किया जाएगा। विशेष आधिपत्य विभाग ने किसानों की पहली सूची तैयार कर ली है, अगले सप्ताह से किसानों के खाते में राशि पहुंचना शुरू हो जाएगी।
सरकार के नियमों के अनुसार अब भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में लेट-लतीफी का लाभ भी किसानों को मिलेगा। जमीन अधिग्रहण के प्रावधानों के अनुसार जमीनों पर सरकार का अधिकार तब माना जाता है जब जमीनों के चिह्नांकन (3-A) की प्रक्रिया पूरी हो गई है। इसलिए अवार्ड जारी होने की अवधि तक का ब्याज भी किसान को मिलता है। बस्ती के विशेष भूमि आधिपत्य अधिकारी के मीडिया में प्रकाशित बयान के अनुसार बस्ती रिंग रोड परियोजना के लिए अवार्ड प्रक्रिया पूरी हो गई है। अगले सपताह से किसानों को मुआवजे का वितरण शुरू हो जाएगा। मुआवजा निर्धारण करने में विशेष सावधानी से काम करना होता है, इसलिए देरी हो जाती है। इसके अलावा अन्य सड़क परियोजनाओं के लिए भी अवार्ड प्रक्रिया पूरी की गई है।
बस्ती फोरलेन रिंग रोड के निर्माण पर कुल 1138.32 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसमें किसानों का मुआवजा भी शामिल है। बस्ती शहर से 10 किमी दूर गोटवा बाजार से रिंग रोड शुरू होगा और हुडिया चौराहे होते हुए फिर उसी स्थान पर समाप्त होगा। पहले चरण में 22.15 किमी लंबी सड़क बनाई जाएगी। नियमों के अनुसार 22 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण होगा। इसके लिए 45 मीटर चौड़ाई में जमीनों का अधिग्रहण किया जा रहा है। इसके अलावा रिंग रोड में कुछ जगहों पर पुल, कॉप्लेक्स, पार्किंग, टोल प्लाजा आदि का निर्माण भी होगा। इन निर्माण कार्यों के लिए 60 मीटर चौड़ी जमीन का अधिग्रहण प्रस्तावित है।
बस्ती रिंग रोग परियोजना 35 से ज्यादा ग्राम पंचायतों से गुजरेगी। इनमें ग्राम पंचायत बकैनियाद्वीप, बक्सर, बल्लीपट्टी, बनकटा, बरवनियां, बायपोखर, बेलवाडाड़, भदेश्वरनाथ, भटहा, देवराव खास, देवरिया, डीघा, गोटवा, कड़रखास, कटया, खुटहन, कोपवा, कोपिया, मछिया, निविया, नौगढ़, ओठगनपुर कला, पचौरा, परसाजाफर, परसा डफाली, परसादपुर, पिपरा मेघउ, पोखरभिटवा, पुरैना, राजा चक, राजाजोत, रिठौली, सबदेइया कला, समसपुर व सेखुई आदि शामिल हैं।
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