कृषि उत्पाद भारत के निर्यात का एक बड़ा हिस्सा है, जो देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है। कृषि क्षेत्र के चहुंमुखी विकास के लिए केन्द्र और राज्य सरकार अपने-अपने स्तर पर विभिन्न प्रकार की कल्याणकारी योजनाएं चला रही हैं। इसी क्रम में आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य में आधुनिक तकनीक की नवीनतम खोज ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए स्वतंत्रता दिवस के दिन युवाओं के लिए बड़ी घोषणा की है। खेती में आधुनिक तकनीक की नवीनतम खोज ड्रोन इस्तेमाल के लिए राज्य में युवाओं को सब्सिडी पर ड्रोन दिए जाएंगे। इससे कृषि क्षेत्र में फसलों पर कीटों के आक्रमण एवं कीटनाशकों के छिड़काव जैसी बड़ी समस्या के निदान में ड्रोन महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। किसान कीटनाशकों का सुरक्षित तरीके से स्प्रे कर पाएंगे। यह ड्रोन किसानों को सस्ते दर पर उपलब्ध करवाए जाएंगे। ताकि उत्पादन में वृद्धि हो और किसानों की आय बढ़े। तो आइए ट्रैक्टरगुरू के इस लेख में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने और ड्रोन सब्सिडी योजना के संबंध में सरकार की तरफ से हुए घोषणा के बारे में जानते हैं।
आंध्र प्रदेश के पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी विकास मंत्री एस. अपला राजू 75 वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद सभा को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में ड्रोन तकनीक को पूरी तरह से अपनाया जाएगा। किसान समूहों और कृषि विज्ञान में डिग्री रखने वाले युवाओं को सब्सिडी पर ड्रोन दिए जाएंगे। किसान समूहों को 40 फीसदी सब्सिडी पर ड्रोन दिए जाएंगे। कृषि विज्ञान में डिग्री रखने वाले युवाओं को ड्रोन खरीदने पर 50 फीसदी सब्सिडी मिलेगी। इससे राज्य में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा साथ ही रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। सरकार द्वारा ड्रोन तकनीक पर सब्सिडी उपलब्ध करने मुख्य उद्देश्य है कि किसानों को कृषि संबंधित परेशानियां को दूर कर उनकी आय में वृद्धि करना है।
75 वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद सभा को संबोधित करते हुए आंध्र प्रदेश के पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी विकास मंत्री अप्पाला राजू ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक विकास को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार कृषि ड्रोन योजना चला रही है। जिसके तहत किसानों को कृषि ड्रोन खरीदने पर बड़े पैमाने पर सरकारी सहायता मिलती है। इसके लिए केन्द्र सरकार खेती में ड्रोन तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए उनकी खरीद पर किसानों को 100 प्रतिशत तक या अधिकतम 5 लाख की सब्सिडी उपलब्ध करवा रही है। ताकि किसानों की आय को दोगुना किया जा सके। ड्रोन के इस्तेमाल से रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। इसके अलावा कृषि मशीनरी प्रशिक्षण और परीक्षण संस्थानों, कृषि विज्ञान केंद्रों, आईसीएआर संस्थानों और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा ड्रोन के इस्तेमाल को आसान बनाने के लिए शिक्षित युवाओं को ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, ताकि वो आसानी से इसका संचालन सके। यहां बता दें कि आंध्र प्रदेश देश का ऐसा राज्य हैं जहां पर कृषि के लिए बुनियादी ढांचा विकसित करने के लिए सबसे अधिक कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश देश में कृषि के लिए आधारभूत संरचना विकसित करने के लिए सबसे अधिक पैसे खर्च करने वाला राज्य है।
कृषि में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए किसानों व अन्य कृषि संगठनों के लिए फार्म मशीनरी प्रशिक्षण व परीक्षण संस्थानों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थानों, कृषि विज्ञान केंद्रों व राज्य कृषि विश्वविद्यालयों को ड्रोन की खरीद हेतु लागत पर 40 से 50 प्रतिशत सब्सिडी कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन के तहत दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि खेती में ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल से कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति आएगी। क्योंकि किसानों को खेती में फसल बुवाई से लेकर खड़ी फसलों की देख-रेख जैसे तमाम तरह के कृषि कायों में काफी दिक्कतों का सामना करता है। खेती में कई बार तो यह भी देखा गया है कि खेती-किसानी में किसान खाद और अन्य कीटनाशकों का छिड़काव समय से पूरी फसल पर नहीं कर पाते है। लेकिन अब ड्रोन तकनीक की मदद से खेत में खड़ी फसलों पर यूरिया और अन्य कीटनाशकों का छिड़काव कम समय में बेहद आसानी से कर पाएंगे। किसानों का समय बचेगा। साथ ही कीटनाशक, दवा और खाद उर्वरक की भी बचत होगी। किसान ड्रोन के इस्तेमाल से एक एकड़ खेत में कीटनाशक, दवा और खाद उर्वरक का छिड़काव पांच से दस मिनट में कर सकते है। किसान इसके जरिए प्रभावित जगह पर अच्छे से निर्धारित मात्रा में छिड़काव कर पाएंगे। साथ ही उन्हें खेत के अंदर जाने की आवयकता नहीं पड़ेगी। किसान ड्रोन को ऑटो सेंसर के माध्यम से एक निश्चित हाईट पर उड़ाकर खड़ी फसलों पर करीब 10 लीटर तक कीटनाशक का छिड़काव आसानी से कर सकता है।
आईजी ड्रोन एग्री के छिड़काव की क्षमता लगभग 5 लीटर से 20 लीटर तक है। इसकी कीमत 4 लाख रूपए है।
केटी-डॉन ड्रोन - इसमें 10 लीटर से लेकर 100 लीटर तक भार उठाने की क्षमता है, इसमें क्लाउड इंटेलिजेंट मैनेजमेंट है, जिसे मैप प्लानिंग फंक्शन और हैंडहेल्ड स्टेशन के साथ डिजाइन किया गया है। इसकी मदद से कई ड्रोन को नियंत्रित किया जा सकता है। इस प्रकार के ड्रोन की कीमत बाजार में 3 लाख रूपए से शुरू है।
मोड 2 कार्बन फाइबर कृषि ड्रोन - इस कृषि ड्रोन के मॉडल का नाम केसीआई हेक्साकॉप्टर है, इसमें 10 लीटर तक कीटनाशक का भार उठाने की क्षमता है। इसमें एनालॉग कैमरे की तकनीक है, इसकी कीमत 3.6 लाख रूपए है।
एस 550 स्पीकर ड्रोन - इसकी ड्रोन की क्षमता 10 लीटर तक का भार उठाने की क्षमता है। इस ड्रोन की सहायता से आप एक एकड़ भूमि पर लगभग 10 मिनट में कीटनाशक एवं खाद का छिड़काव किया जा सकता है। इसकी कीमत 4.5 लाख रूपये है। यह ड्रोन जीपीएस आधारित प्रणाली है तथा ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन है, इसकी वॉटर प्रूफ बॉडी होने की वजह से इसे बारिश में भी चलाया जा सकता है और इसका सेंसर बाधा आने से पहले ही अलर्ट कर देता है।
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