Drone Promotion and Use Policy-2025 : देश का कृषि क्षेत्र तेजी से ड्रोन तकनीक को अपना रहा है। केंद्र व राज्य सरकार की पहलों और सटीक कृषि समाधानों के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के प्रयासों के चलते कृषि ड्रोन (Agricultural Drones) के इस्तेमाल में बढ़ोत्तरी देखी गई है। वहीं, कई निजी और सरकारी कंपनियां क्षेत्र के लिए ड्रोन उपलब्धता सुनिश्चित कर रही है, ताकि अधिक से अधिक किसानों तक इसकी पहुंच सुनिश्चित की जा सके। इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए मध्यप्रदेश सरकार ड्रोन तकनीक को राज्य में बड़े स्तर पर प्रमोट कर रही है। इसके लिए, प्रदेश सरकार ने ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025 को स्वीकृति प्रदान की है। साथ ही राज्य को ड्रोन हब बनाने का सरकार ने ऐलान भी किया है। इसके तहत मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश में ड्रोन महाविद्यालय (drone university) और ड्रोन डेटा रिपॉजिटरी (Drone Data Repository) की स्थापना भी करेगी। वहीं, दूसरी तरफ “कृषि दर्शन एक्सपो 2025’’ में ड्रोन कंपनियों द्वारा कृषि ड्रोन एवं स्प्रे प्रबंधन और संचालन के लिए सॉफ्टेवयर लॉन्च किए गए हैं, जो किसानों को क्षेत्र में सटीक समाधान प्रदान करेंगे।
दरअसल, ड्रोन के इस्तेमाल से कीटनाशकों का स्प्रे करने की तकनीक को केंद्र सरकार बड़े स्तर पर बढ़ावा दे रही है। ड्रोन खरीदने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किसानों/समूहों को अच्छी-खासी सब्सिडी भी प्रदान की जाती है। कृषि में ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल से समय, श्रम और पैसा तीनों की बचत होती है तथा किसानों के स्वास्थ्य को भी नुकसान नहीं पहुंचता है। ड्रोन के इस्तेमाल से फसलों में कीटनाशक और खाद का छिड़काव सटीकता से किया जा सकता है, वह भी कम से कम लागत में। तकनीक से किसानों को फसलों की निगरानी, रोगों का पता लगाने और उत्पादन का मूल्यांकन करने में मदद मिल रही है। किसान ड्रोन की मदद से कीटनाशक-उर्वरक का छिड़काव बिना किसी बर्बादी के करने में सक्षम बन रहे हैं। हालांकि, ड्रोन को उड़ाने के लिए पायलट सर्टिफिकेट का होना अनिवार्य है, इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्रों एव अन्य संस्थान में ड्रोन पायलट प्रशिक्षण प्रयोगशाला की स्थापना भी की गई है ।
ड्रोन तकनीक क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने ड्रोन संवर्धन एव उपयोग नीति-2025 को मंजूरी दी है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि इस नीति के तहत मध्यप्रदेश को ड्रोन निर्माण व प्रौद्योगिकी का प्रमुख केंद्र बनाने के लिए कार्य योजना तैयार की गई है। इसमें ड्रोन के सुरक्षित और कुशल इस्तेमाल के माध्यम से नवाचार, आर्थिक समृद्धि और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025 के तहत प्रदेश में ड्रोन प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए ड्रोन कॉलेज स्थापित होगा। ईड्रो नीति के तहत ड्रोन डेटा रिपॉजिटरी जल्द बनेगा, जिससे क्षेत्र मे ड्रोन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा। ड्रोन डेटा रिपॉजिटरी विभिन्न विभागों के मध्य परस्पर डेटा साझा करने और सहयोग को बढ़ावा देगी। उन्होंने कहा ईड्रो नीति प्रदेश को ड्रोन निर्माण व प्रौद्योगिकी का प्रमुख हब बनाने में सहायता देगी। प्रधानमंत्री गति शक्ति पहल से प्रेरित होकर ड्रोन नीति के तहत ड्रोन डेटा व इमेजरी के लिए केंद्रीकृत प्लेटफॉर्म बनेगा।
ड्रोन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश सरकार जल्द ही प्रदेश में ड्रोन डेटा रिपॉजिटरी स्थापित करेगी। इस रिपॉजिटरी पर फसलों, मौसम, मिट्टी और पानी से जुड़े विभिन्न डेटा उपलब्ध होंगे, जिनके हिसाब से किसानों की खेती आसान हो जाएगी। ड्रोन के इस्तेमाल से फसल प्रबंधन, कीटनाशक छिड़काव और भूमि सर्वेक्षण जैसे कार्य तेजी से और प्रभावी ढंग से हो रहे हैं। सरकारी प्रोत्साहन योजनाओं से किसान इस अत्याधुनिक तकनीक को अपनाकर कम लागत पर फसलों से अधिक उत्पादन का लाभ उठा सकते हैं।
बता दें कि देश की सबसे बड़ी कृषि प्रदर्शनी “कृषि दर्शन एक्सपो 2025’’ में कृषि व उनसे संबंधित ट्रैक्टर, हार्वेस्टर सहित अन्य कृषि यंत्रों की धूम रही। इस कृषि प्रदर्शनी मेले में किसानों को कृषि में ड्रोन और सौर ऊर्जा में आई नई तकनीकों एवं नवाचारों के विषय में अवगत कराया गया। इस मौके पर कृषि ड्रोन समाधान प्रदान करने वाले प्रमुख दिग्गज गोपालन एयरोस्पेस द्वारा अक्की 610 एग्री ड्रोन (AKKI 610)लांच किया गया। वहीं, एक प्रमुख स्टार्टअप कंपनी “स्काईलार्क ड्रोन्स” ने DIAMO-AG सॉफ्टवेयर का अनावरण किया। यह भारत का पहला सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म है, जो देश में कृषि ड्रोन के प्रबंधन और संचालन के तरीके को बदलने के लिए डिजाइन किया गया है। उल्लेखनीय है कि उत्तरी क्षेत्र कृषि मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान (टी.टी.सी.केंद्र) में 15 फरवरी से 17 फरवरी तक तीन दिवसीय कृषि दर्शन एक्सपो 2025 का सफलापूर्वक आयोजन किया गया था। इस भव्य कृषि मेले में ड्रोन द्वारा फसलों में स्प्रे के प्रयोग की तकनीकी जानकारी भी संस्थान द्वारा किसानों को प्रदान की गई। वहीं, कृषि नवाचारों एवं तकनीकों का लॉन्च व प्रदर्शन किया गया।
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