Agriculture Project NABARD : कृषि सेक्टर में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सरकार द्वारा नई-नई परियोजनाओं को मंजूर भी किया जा रहा है। इन परियोजनाओं के तहत छोटे-बड़े किसानों को कम लागत पर आधुनिक कृषि सुविधाएं विकसित करने के लिए सहायता प्रदान की जाती है, ताकि किसान कृषि उपज के अपव्यय को कम कर अपनी आमदनी बढ़ा सके। इस कड़ी में हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में कृषि विकास के लिए 127 परियोजनाओं (Projects) को मंजूरी दी है। इन प्रोजेक्ट में शामिल नेचुरल फार्मिंग, डेयरी प्लांट और ग्रामीण बुनियादी ढांचा बेहतर करने के लिए राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) ने 900 करोड़ से रुपए से अधिक की राशि देने की सहमति दी है। यह प्रोजेक्ट प्रदेश के कुल्लू, किन्नौर और कांगड़ा समेत अन्य जिलों में क्रियान्वति किए जाएंगे, कृषि विकास के साथ ही बुनियादी ढांचे को विकसित करने में मददगार होंगे। इस संबंध में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिह सुक्खू ने जानकारी दी।
अपने आधिकारिक बयान में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने 2024-25 के लिए 903.21 करोड़ रुपए के 127 प्रोजेक्ट (परियोजना) के लिए नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक) से मंजूरी ले ली है। उन्होंने कहा कि नाबार्ड (NABARD) ने हिमालच प्रदेश में 903.21 करोड़ रुपये की 127 परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इन प्रोजेक्ट में कृषि विभाग, डेयरी विभाग के साथ ही जल शक्ति विभाग, लोक निर्माण विभाग के माध्यम से बुनियादी ढांचे के विकास कार्यों पर यह रकम खर्च की जाएगी।
राज्य वार्षिक बजट 2025-26 में सरकार की प्राथमिकताओं पर विचार करने के लिए कांगड़ा, कुल्लू और किन्नौर जिलों के विधायकों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत 412.75 करोड़ रुपए लागत की 50 योजनाएं और जल शक्ति विभाग के तहत 179.07 करोड़ रुपए की 23 योजनाएं निर्धारित है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि इन सभी योजनाओं में प्रदेश की दो मुख्य पहल शामिल हैं। इसमें कांगड़ा जिले के डगवार में 1.5 लाख लीटर प्रति दिन क्षमता वाले डेयरी प्रॉसेसिंग प्लांट (Dairy processing plant) और 96 इलेक्ट्रिक बस चार्जिंग स्टेशन (Bus Charging Station) स्थापित करना शामिल है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल सरकार ने रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास कोष) के तहत वर्ष 2024-25 के लिए 1,087.77 करोड़ रुपए भी आवंटित किए हैं। यह पिछले वर्ष की तुलना में 5.28 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने बताया कि आगामी तीन वर्षों में हिमाचल सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू करेगी। इससे क्षेत्र के स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी समर्पित प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें धार्मिक और चाय पर्यटन पर विशेष फोकस किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में संभावित कार्यान्वयन के लिए पश्चिम बंगाल के चाय पर्यटन मॉडल का भी अध्ययन किया जाएगा। वहीं, बीते माह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल में प्राकृतिक खेती (Natural Farming) पर अधिक बल दिया जा रहा है। प्रदेश कृषि विभाग के अंतर्गत सभी खेतों को अगले साल तक नेचुरल फार्मिंग के लिए पूरी तरह से विकसित कर दिया जाएगा, जिसमें मात्र प्राकृतिक खेती के लिए बीज उत्पादन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। आधिकारिक बयान में बताया गया है कि आने वाले एक साल में 1 लाख किसान परिवारों को प्राकृतिक खेती (Natural Farming) से जोड़ा जाएगा।
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