UP-AGREES PROJECT : भारत सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी किसानों की समस्याओं को हल करने और उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के किसानों को बड़ी सौगात मिली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यूपी सरकार ने किसानों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को साबित करते हैं हुए यूपी एग्रीज परियोजना की शुरुआत की है, जो प्रदेश के किसानों और कृषि सेक्टर के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि के सेक्टर में उत्तर प्रदेश नई ऊंचाईयों को छूने के लिए तैयार है। देश में लगभग 45 फीसदी भूमि कृषि योग्य है, जिसमें से 75 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि उत्तर प्रदेश में मौजूद है, जो इसे देश का सबसे उपयोगी और उपजाऊ भूमि वाला राज्य बनाती है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश गेहूं, आलू, आम, अमरूद, मटर, मशरूम, तरबूज और शहद आदि के उत्पादन में देश में नंबर एक स्थान पर है। देश में जो सब्जी उत्पादन होता है, उसमें से सब्जी के उत्पादन की 15 प्रतिशत हिस्सेदारी और फल उत्पादन में 11 प्रतिशत की हिस्सेदारी उत्तर प्रदेश के पास है। प्रदेश में जहां देश की 16-17 प्रतिशत जनसंख्या उत्तर प्रदेश में निवास करती है, वहीं खाद्यान्न उत्पादन में उत्तर प्रदेश का योगदान 23 प्रतिशत से अधिक है। इसी कारण उत्तर प्रदेश को देश के फूड बॉस्केट के रूप में जाना जाता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित एक समारोह में उत्तर प्रदेश एग्रीकल्चर ग्रोथ एंड एंटरप्राइज इकोसिस्टम स्ट्रेंथनिंग (यूपी एग्रीज) परियोजना के शुभारंभ किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह किसानों और कृषि क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए अच्छी शुरुआत है।
प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में यह परियोजना एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने बताया कि भारत के खाद्यान्न निर्यात में उत्तर प्रदेश का तीसरा स्थान है, और यूपी एग्रीज (UP-AGREES) प्रदेश के निर्यात की संभावनाओं को आगे ले जाने में मील का पत्थर साबित होगा।
उन्होंने कहा कि 4 हजार करोड़ रुपये की यूपी एग्रीज (UP-AGREES) परियोजना के लिए 2,737 करोड़ रुपये का लोन विश्व बैंक से मिला है, जबकि राज्य सरकार ने 1,166 करोड़ रुपये का अंशदान किया है। इस परियोजना का मकसद कृषि और उससे संबंधित सेक्टर को चिन्हित करना, प्रमुख फसलों की उत्पादकता में गुणात्मक वृद्धि, विशिष्ट कृषि उत्पादों पहचान दिलाना, फसल तैयार होने के बाद प्रबंधन (पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट) और बाजार सपोर्ट सिस्टम को विकसित करना है, जिससे अन्नदाताओं को बेहतर बाजार सुविधा मिलेगी और उनकी आय में वृद्धि हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के लिए नए अभियान को आगे बढ़ने की शुरुआत है। यूपी एग्रीज (UP-AGREES) परियोजना को पहले चरण में प्रदेश के आठ कमिश्नरी के 28 जनपद चुने गए है। यह परियोजना 2024-25 से 2029-30 तक छह वर्षों तक लागू होगी। सरकार का लक्ष्य है कि एग्रीकल्चर की अभी जो प्रोडक्टिविटी है, इसमें 30 से 35 प्रतिशत की अतिरिक्त वृद्धि की जाए, जिससे प्रदेश में किसानों की आमदनी में बड़ी बढ़ोतरी आए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से उत्तर प्रदेश तेजी से विकास के नए प्रतिमान स्थापित कर रहा है। कृषि और उससे जुड़े सेक्टरों में प्रगति स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। यह परियोजना उसी अभियान का एक हिस्सा है।
इसमें यूपीडा की इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग एंड लॉजिस्टिक क्लस्टर में केमपैक इंडिया द्वारा ग्रीन फील्ड मैन्युफैक्चरिंग इकाई का शिलान्यास कार्यक्रम भी शामिल है। 1300 करोड़ रुपए का निवेश एसबीआई के तहत उत्तर प्रदेश में आएगा। इसके अलावा, मत्स्य पालन क्षेत्र को आधुनिक बनाने के लिए प्रदेश सरकार और यूएई के एक्वाब्रिज कंपनी के मध्य 4 हजार करोड़ के निवेश का समझौता ज्ञापन (एमओयू) हुआ है। सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश को कृषि का हब बनाने के लिए जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट तैयार किया जा रहा है। वहीं, यूपी एग्रीज परियोजना से प्रदेश के 10 लाख किसानों को प्रत्यक्ष रूप से सहायता सरकार की ओर से प्राप्त होगी।
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