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भारी बारिश से खरीफ बुवाई में तेजी, अच्छे भावों ने बढ़ाई सोयाबीन और कपास की बुवाई

भारी बारिश से खरीफ बुवाई में तेजी, अच्छे भावों ने बढ़ाई सोयाबीन और कपास की बुवाई
पोस्ट -11 जुलाई 2022 शेयर पोस्ट

इस बार सोयाबीन और कपास की खेती पर अधिक ध्यान,  सात लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में बुवाई

देश में मानसून की सक्रियता ने किसानों के चेहरे खिला दिए हैं। इस समय देश के हर राज्य में हल्की से भारी बारिश हो रही है। कई राज्यों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, तो कुछ राज्य में किसान अभी भी अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं। वहीं महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में भी पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश हुई है। इसलिए यहां कृषि कार्य में तेजी देखने को मिल रही है। अच्छी बारिश के चलते अब जिले में फिर से खरीफ की बुवाई जोर पकड़ने लगी है। जिले के किसानों ने खरीफ फसलों की बुवाई शुरू कर दी है। 

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जानकारी के लिए बता दें कि जून के अंत और जुलाई की शुरुआत में बारिश नहीं होने से किसानों को चिंता सताने लगी थी व  बुआई रुक गई थी। अब पिछले दिनों से शुरू हुई बरसात ने पूर्व में बोई फसलों में भी जान डाल दी है। इन फसलों में किसान अब निराई-गुडाई कर रहे हैं। राज्य के विभिन्न हिस्सों में अच्छी बारिश से किसान खुश नजर आ रहे हैंं। राज्य में ठाणे, रायगढ़, मुंबई, पालघर, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, पुणे, कोल्हापुर और सतारा में अच्छी बारिश के बाद किसान काफी खुश है। पिछले कुछ दिनों से मराठवाड़ा और विदर्भ के कुछ जिलों में भी अच्छी बारिश हो रही है। मराठवाड़ा के हिंगोली, परभणी और नांदेड़ जिलों में कुछ जगहों पर मूसलाधार बारिश के कारण नदियां और नाले उफान पर हैं जिस कारण इन जगहों पर बैकलॉग है। वहीं कोंकण में भी अच्छी बारिश जारी है। खरीफ सीजन की ज्यादातर बुवाई मॉनसून पर निर्भर होती है। इसलिए अच्छी बारिश होने की वजह से किसानों के चेहरे पर खुश साफ तौर पर देखने को मिल रही हैं, तो आइए ट्रैक्टर गुरू के इस लेख के माध्यम से यवतमाल जिले में खरीफ फसलों की बुवाई को लेकर हो रहे कृषि कार्य पर चर्चा करते हैं। जानते हैं कि यहां के किसानों ने बारिश में हुई देरी के बावजूद भी खरीफ फसलों की बुवाई का लक्ष्य लगभग पूरा कर लिया है।   

यवतमाल जिले में खरीफ फसलों का बुवाई का लक्ष्य

जिलेभर में मानसून का दौर शुरू होते ही किसानों ने खेतों में खरीफ की फसल बुवाई शुरू कर दी है। इसमें बाजरा, ज्वार, मक्का सहित सोयाबीन व कपास आदि फसलें शामिल हैं। कृषि विभाग के अनुसार जिले में पिछले आठ दिनों से हो रही भारी बारिश के चलते किसानों ने लगभग चार दिन में 6 लाख हेक्टेयर में बुवाई कर ली है। जिले में अब तक कुल 7 लाख 27 हजार हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई पूरी हो चुकी है। कृषि विभाग के अनुसार देरी से बारिश के बाद भी अब तक जिले में लक्ष्य के अनुरूप करीब 50 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में बुवाई हो चुकी है। 

जिले में अबतक कुल 7 लाख 27 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसलों की  बुवाई 

कृषि विभाग ने इस बार 9 लाख 2 हजार हैक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में खरीफ की बुवाई का लक्ष्य तय किया है। अब तक जिले में 7 लाख 27 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ की बुवाई हो चुकी है। जिसमें से जिले में सोयाबीन 2 लाख 23 हजार हेक्टेयर, ज्वार 3 हजार हेक्टेयर, हरा चना 1 हजार 575 हेक्टेयर, मक्का 103 हेक्टेयर, तिल 54 हेक्टेयर, बाजरा 5 हेक्टेयर, उड़द 1 हजार 598 हेक्टेयर, गन्ना 1 हजार 597 हेक्टेयर और कपास 4 लाख 18 हजार हेक्टेयर शामिल हैं। 

कुछ जिलों में अभी बारिश का इंतजार कर रहे हैं किसान

कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जिले में इस बार मानसूनी बारिश का दौर देरी से शुरू हुआ है। जिससे फसलों की बुवाई भी प्रभावित हुई है। अब बारिश का दौर वापस शुरू होने से खरीफ फसलों की बुवाई ने भी जोर पकड़ लिया है। इसके अलवा अभी राज्य में कुछ जिलों में किसान बुवाई के लिए अच्छी बारिश का इतंजार कर रहे है। दरअसल किसानों को यह डर सता रहा है कि अगर अभी अच्छी बारिश नहीं होगी, तो जिन किसानों ने पहले से ही बुवाई कर चुके हैं उन्हें अब दोहरी बुवाई संकट का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि खरीफ सीजन की ज्यादातर फसलें मानसून पर निर्भर होती है। इसमें धान प्रमुख है। 

जिलें में इन फसलों की बुवाई पर है ज्यादा ध्यान  

सरकार चाहे कुछ भी कहे और करे, लेकिन किसान उन्हीं फसलों की बुवाई करते हैं जिनमें उन्हें ज्यादा फायदा होता हैं। इस बार विभाग की ओर से 9 लाख 2 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ की बुवाई का लक्ष्य लिया गया है। जिले में भारी बारिश के बाद किसानों ने चार दिन में ही छह लाख हेक्टेयर बुवाई सहित अब तक कुल 7 लाख 27 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई कर ली है। इस साल जिले में किसान सोयाबीन और कपास की बुवाई पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। क्योंकि कपास का दाम बाजर में न्यूनतम समर्थन मूल्य से दोगुना और सोयाबीन का रेट 80 प्रतिशत से अधिक है। इस वजह से इन फसलों की बुवाई बाकी फसलों के मुकाबले ज्यादा है। आगामी समय में जिले में बुवाई का रकबा और बढ़ेगा। इस बार मक्का, उड़द, सोयाबीन, चना, कपास, गन्ना और तिल के रकबे में बढ़ोतरी हुई है। अगर इस बार फसलों के लिए मौसम अनुकूल रहता है, तो जिले में खरीफ की फसलों का बंपर उत्पादन होने की संभावना है। 

समय रहते बुवाई हो जाने की उम्मीद 

इस वर्ष खरीफ फसलों की खेती में मानसूनी वर्षा के आगमन एवं फैलाव में असामान्य स्थितियां देखी जा रही है, कुछ क्षेत्रों के किसानों द्वारा खरीफ फसलों बुवाई की जा चुकी है, तो वहीं कुछ किसान जो कि फसलों की बुआई हेतु पर्याप्त वर्षा जल की प्रतीक्षा कर रहे हैं और बुआई नहीं कर पाए हैं। पिछले सप्ताह हुई बारिश में तेजी से अब उन्हें उम्मीद है कि समय रहते बुवाई का कार्य पूरा हो जाएगा। मौसम द्वारा उत्पन्न परिस्थिति को देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए विशेष सलाह जारी की है। जारी सलाह में कहा गया है कि ऐसे किसान जिन्होंने अभी तक बुवाई नहीं की है उन किसानों के लिए बुआई हेतु यह समय उपयुक्त है। 

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