MSP hike of Copra (Coconut) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने नए साल से पहले किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। केंद्रीय कैबिनेट ने 2025 सीजन के लिए नारियल (कोपरा) के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि को मंजूरी दे दी। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को 2025 मौसम के लिए खोपरा (नारियल गरी) के एमएसपी में 422 रुपए तक बढ़ाकर इसे 12,100 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार ने 2018-19 के बजट में घोषणा की थी कि सभी अनिवार्य फसलों का समर्थम मूल्य (एमएसपी) अखिल भारतीय भारित उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना स्तर पर तय किया जाएगा। केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कहा कि एमएसपी उत्पादन लागत से 50 प्रतिशत अधिक तय किया गया है, जिससे कुल वित्तीय बोझ 855 करोड़ रुपए का आएगा।
बैठक में लिए गए निर्णय पर जानकारी देते हुए केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि मिलिंग खोपरा (नारियल गरी) की उचित औसत गुणवत्ता के लिए एमएसपी में पिछले सीजन की तुलना में 420 रुपए प्रति क्विंटल और बॉल कोपरा के लिए 100 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है। उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में सरकार ने मिलिंग खोपरा और बॉल कोपरा के लिए एमएसपी को 2014-15 में 5,250 रुपए प्रति क्विंटल और 5,500 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2025 सीजन में 11,582 रुपए प्रति क्विंटल और बॉल कोपरा के लिए 12,100 रुपए प्रति क्विंटल तय की गई है। इसमें लगभग 121 प्रतिशत और 120 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर तय किया गया समर्थन मूल्य मिलिंग खोपरा और बॉल कोपरा (नारियल) किस्मों की उचित और औसत गुणवत्ता के लिए है। उन्होंने कहा कि उच्च एमएसपी मिलने से न केवल नारियल उत्पादकों को लाभ मिलेगा बल्कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नारियल उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए खोपरा उत्पादन के लिए किसानों को प्रोत्साहन भी मिलेगा। इससे दक्षिण भारत के किसान अधिक मात्रा में खोपरा की खेती करके अपनी आय को दोगुनी करेंगे। वैष्णव ने कहा कि केरल और तमिलनाडु मिलियन खोपरा के प्रमुख उत्पादक है, जबकि बॉल कोपरा उत्पादन में सर्वाधिक हिस्सेदारी कर्नाटक की है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि किसानों के कल्याण के लिए अनेक निर्णय लिए गए हैं। यह निर्णय किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने आगे कहा कि खोपरा और छिलके रहित नारियल की खरीद के लिए भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ लिमिटेड (NAFED) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (NCCF) दोनों केंद्रीय नोडल एजेंसियां होंगी। इसके अलावा, इसमें राज्य सरकारों की बड़ी भूमिका होगी, इसलिए खोपरा खरीद राज्य सरकार के निगमों के सहयोग से की जाएगी। बता दें कि मिलिंग कोपरा का उपयोग तेल निकालने के लिए किया जाता है, जबकि बॉल खोपरा को सूखे फल के रूप और धार्मिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है।
केंद्र सरकार ने मार्केटिंग ईयर 2025-26 के लिए सभी जरूरी रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में पहले ही तय कर दिया है। आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने रबी फसलों के विपणन सत्र 2025-26 के लिए एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि रेपसीड और सरसों के लिए 300 रुपए प्रति क्विंटल और मसूर के लिए 275 रुपये प्रति क्विंटल की घोषित की है। चना, गेहूं, कुसुम और जौ के लिए क्रमशः 210 रुपए प्रति क्विंटल, 150 रुपए प्रति क्विंटल, 140 रुपए प्रति क्विंटल और 130 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है।
क्र. सं. | फसल | पुरानी MSP रुपए/ क्विंटल | नई MSP रुपए/ क्विंटल | दरों में वृद्धि (रुपए) |
1 | गेहूं | 2,275 | 2,425 | 150 |
2 | जौ | 1,850 | 1,980 | 130 |
3 | चना | 5,440 | 5,650 | 210 |
4 | सरसों -तिहलन | 5,650 | 5,950 | 300 |
5 | कुसुम | 5,800 | 5,940 | 140 |
6 | मसूर | 6,425 | 6,700 | 275 |
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