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कीटनाशकों पर जीएसटी कटौती से किसानों को मिलेगा 13 प्रतिशत का सीधा लाभ, जानें पूरी खबर

कीटनाशकों पर जीएसटी कटौती से किसानों को मिलेगा 13 प्रतिशत का सीधा लाभ, जानें पूरी खबर
पोस्ट -25 जून 2022 शेयर पोस्ट

खुशखबरी : कीटनाशकों पर अब मात्र 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगी 

देश में कृषि क्षेत्र के विकास के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। किसानों के लिए विभिन्न प्रकार की सब्सिडी योजनाओं को शुरू किया हुआ है। इनके अलावा सरकार कृषि क्षेत्र में उपयोग होने वाले लगभग सभी संसाधनों पर छूट प्रदान कर रही है। देश में कृषि क्षेत्र के निरंतर विकास के लिए किसानों का उच्च उत्पादकता, आय और फसल स्वास्थ्य के उचित प्रबंधन के लिए फसल सुरक्षा समाधान महत्वपूर्ण हैं। इसी बीच देश के किसानों के हित में अच्छी खबर आयी है। देश के किसानों को राहत पहुंचाते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 23 जून को कीटनाशक निर्माताओं से वैकल्पिक उत्पादों पर काम करने का आग्रह किया क्योंकि कई किसान जैविक और प्राकृतिक खेती में रुचि दिखा रहे हैं

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उन्होंने वित्त मंत्री के साथ जीएसटी कटौती पर उद्योग की मांग को उठाने पर भी सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि स्थायी समिति ने सरकार को सिफारिश की है कि उर्वरकों पर जीएसटी केवल 5 प्रतिशत है और कीटनाशक फसलों की सुरक्षा में मदद देने वाले प्रॉडक्ट्स हरित क्रांति का एक अहम हिस्सा हैं और ये उत्पादकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जिस कारण कीटनाशकों को जीएसटी के 5 प्रतिशत स्लैब के तहत रखा जाना चाहिए। फिक्की के 11वें कृषि रसायन सम्मेलन 2022 में कीटनाशकों पर कृषि मंत्री ने जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने की मांग उठाने पर बात कही। तो आइए ट्रैक्टरगुरू की इस खबर के माध्यम से जानते है कि 11वें कृषि रसायन सम्मेलन 2022 में कीटनाशकों उत्पादन पर जीएसटी को लेकर क्या चर्चा हुई एवं जीएसटी को लेकर क्या मांग उठाई गई? 

अब कीटनाशकों पर होगी जीएसटी कम 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि-रसायन उद्योग को आश्वासन दिया कि वह वित्त मंत्री के साथ कीटनाशकों पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने की मांग को उठाएंगे। जीएसटी परिषद की 47वीं बैठक 28 और 29 जून को चंडीगढ़ में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होगी। इसके अलावा कृषि मंत्री ने फसल विविधीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि किसानों को अधिक बागवानी और महंगी फसलों की खेती करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दरअसल कीटनाशकों पर 18 पर्सेंट जीएसटी लगाने से किसानों की मुश्किलें बढ़ने लग गई हैं। फसलों की सुरक्षा में मदद देने वाले प्रॉडक्ट्स हरित क्रांति का एक अहम हिस्सा हैं और ये उत्पादकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।  

कीटनाशकों पर 18 प्रतिशत की जीएसटी उचित नही

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कीटनाशकों पर 18 पर्सेंट जीएसटी लगना उचित नहीं। इससे किसानों की मुश्किलें बढेंगी। फसलों की सुरक्षा में इस्तेमाल होने वाले बीज, उर्वरक, कीटनाशक आदि जैसी चीजों पर 18 पर्सेंट जीएसटी लगने से कृषि उपज के दाम में इजाफा हो रहा है। कृषि उत्पादन की कीमतों पर कंट्रोल बाजार का होता है। किसान का इसमें नाम मात्र का दखल होता है। खेती-बाड़ी में काम आने वाली चीजों की कीमत चढ़ने और उत्पादन की कीमतों में ठहराव रहने से किसान के पास इस लागत को बर्दाश्त करने के अलावा और कोई चारा नहीं बचेगा। इस तरह किसानों पर बोझ बढ़ेगा। फिक्की के 11वें कृषि रसायन सम्मेलन 2022 में केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ऑनलाइन माध्यम से जुड़ते हुए यह कहा कि एग्रोकेमिकल पर 18 प्रतिशत जीएसटी अत्यधिक अनुचित है क्योंकि वे न केवल फसल स्वास्थ्य में मदद का कार्य करते हैं बल्कि हरित क्रांति का एक अहम भी हिस्सा हैं साथ ही फसलों की गुणवत्ता, उपज में भी वृद्धि करते हैं। फसलों की सुरक्षा में मदद देने वाले प्रॉडक्ट्स पर 18 प्रतिशत की उच्च जीएसटी दर उचित नहीं है। इस जीएसटी दर को अधिकतम 5 प्रतिशत तक लाया जाना चाहिए।

उच्च गुणवत्ता वाले कृषि रसायन पर जोर 

पूर्व कृषि आयुक्त डॉ. चारुदत्त दिगंबर माई ने कहा कि इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट और प्लास्टीकल्चर टेक्निक के साथ मिलकर ऐग्रोकेमिकल्स बुआई से लेकर कटाई तक फसलों की सुरक्षा और उत्पादन में अहम भूमिका निभाते हैं। साथ एग्रोकेमिकल उद्योग कृषि क्षेत्र में रीढ़ की हड्डी के रूप में कार्य करता है। पिछले कई वर्षों में फसलों की सुरक्षा के लिए उत्पाद बनाने वाले भारतीय उद्योग ने प्रॉडक्शन कपैसिटी बढ़ाने के अलावा इंपोर्टेड और देशी टेक्नोलॉजी को एक साथ मिलाकर काम करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है ताकि देश में फसलों की सुरक्षा करने वाले उत्पादों की जरूरत पूरी की जा सके। उन्होंने कहा कि तेजी से जलवायु परिवर्तन, कीटों और बीमारियों के उभरते खतरों को देखते हुए, नए और नवीन रसायन विज्ञान और प्रौद्योगिकियों की शुरूआत के लिए नियामक प्रणाली को बदलने की आवश्यकता है। किसानों को स्थायी आधार पर उच्च गुणवत्ता वाले कृषि रसायनों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कई स्तरों पर प्रवर्तन तंत्र में सुधार करने की तत्काल आवश्यकता है। उन्होंने कहा सरकार को सीआईबी और आरसी के कामकाज में पूर्ण सुधार करना चाहिए और उन्हें विभिन्न आरसी में लिए गए निर्णयों को जल्द से जल्द पारदर्शी तरीके से लागू करने की सलाह देनी चाहिए। फसलों की सुरक्षा में काम आने वाले उत्पादों पर जीएसटी 18 पर्सेंट से घटाकर यथा संभव सबसे निचले स्लैब में कर दिया जाए। इससे सभी एग्रीकल्चर इनपुट्स में समानता आ जाएगी और किसानों पर बोझ भी घटेगा। 

अंतरराष्ट्रीय कानूनों के साथ संरेखित करने की आवश्यकता

फसलों की सुरक्षा के लिए सरकार ने कीटनाशकों को एक अहम एग्रीकल्चर इनपुट्स माना है। साथ सरकार ने कीटनाशकों को चौंपियन क्षेत्र के रूप में घोषित किया है। देश में अनाज की जरूरत पूरी करने के लिए एग्रीकल्चर प्रॉडक्टिविटी और इसकी ग्रोथ में और सुधार की आवश्यकता है। इसलिए विकसित देशों से नई तकनीक और निवेश को आकर्षित करने की दृष्टि से भारतीय कानून को अंतरराष्ट्रीय कानूनों के साथ संरेखित करना आवश्यक है। 

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