आजकल खेती-किसानी में कृषि यंत्रों का योगदान बढ़ता जा रहा है। इन यंत्रों की सहायता से खेती-किसानी से जुड़े कामों को बेहद कम समय और कम लागत में आसानी पूर्ण कर लिया जाता है। इससे किसानों की उपज भी बढ़ती है और कृषि लागत भी कम आती है, जिससे आय में भी इजाफा होता है। वर्तमान समय में हर किसान खेती-किसानी में बीजों की बुवाई से लेकर फसल कटाई तक से जुड़े कामों को कम मेहनत, समय के साथ निपटाने के लिए इन खेती की मशीनों को खरीदाना चाहता है। लेकिन इन मशीनों की कीमत इतनी ज्यादा होती है कि छोटे और सीमांत किसान इन मशीनों को खरीद पाने से वंचित रह जाते हैं, इसलिये छोटे-बड़े हर किसान को ट्रैक्टर एवं खेती मशीन मुहैया करवाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा इन मशीनों पर किसानों को आर्थिक सहायता दी जाती है ताकि किसान इन मशीनों को बिना किसी परेशानी के खरीद सके। इसी क्रम में राजस्थान सरकार की और राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन के तहत किसानों को भारी सब्सिडी पर खेती की मशीन उपलब्ध करा रही है। सब्सिडी पर मिलने वाले इन कृषि मशीनों का लागत का 60 प्रतिशत केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है।
दरअसल राजस्थान सरकार राज्य में फसल उत्पादन लागत में कमी व उत्पादकता को बढाये जाने हेतु उद्यानिकी में यांत्रिकरण कार्यक्रम के तहत आधुनिक कृषि मशीनों के उपयोग को बढ़ावा दे रही है। इस कार्यक्रम के तहत राज्य में अधिक से अधिक किसानों को राजस्थान के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की ओर से राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन-उद्याानिकी में यांत्रिकरण के तहत विभिन्न कृषि मशीनों पर सब्सिडी दी जा रही है। कृषि एवं बागवानी में कृषि मशीन एवं उपकरणों की उपयोगिता को देखते हुए आवेदन आमंत्रित किए हैं। राज्य के इच्छुक किसान भाई ई- मित्र पोर्टल या नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के दौरान किसानों को शपथ देना होगा कि वह अनुदानित कृषि पावर मशीन और उपकरणों का न्यूनतम 5 वर्ष तक विक्रय नहीं करेगा। अधिक जानकारी के लिए नजदीकी विकासखंड या जिला उद्यानिकी विभाग के कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा राजस्थान उद्यानिकी विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://dipr.rajasthan.gov.in/scheme/detail/158 पर संपर्क कर सकते है।
राजस्थान के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की ओर से राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन-उद्याानिकी में यांत्रिकरण के तहत राज्य में कृषि एवं बागवानी में उपयुक्त ट्रैक्टर (20 पी.टी.ओ. तक) रोटावेटर/ उपकरण सहित, पावर टिल 8 बी.एच.पी. से कम, पावर टिल 8 बी.एच.पी. से अधिक, ट्रैक्टर /पावर चलित मशीन (20 बी.एच.पी. तक) ( जोत एवं सीड बेड तैयारी उपकरण, बुवाई, रोपाई एवं खुदाई उपकरण, प्लास्टिक मल्च लगाने वाला उपकरण, स्वचालित बागवानी मशीनरी, ट्रैक्टर माउंटेड/ऑपरेटेड स्प्रेयर-(35 बी.एच.पी से अधिक/इलेक्ट्रोस्टेटिक स्प्रेयर) आदि शक्ति चलित उपकरणों पर अनुदान देय है।
राजस्थान के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग फसल उत्पादन लागत में कमी व उत्पादकता को बढाये जाने हेतु उद्यानिकी में यांत्रिकरण के तहत किसानों, उत्पादक सघं, किसान समूह, स्वयं सहायता समूह, महिला किसान समूह (कम से कम 10 सदस्य) जो बागवानी फसलों की खेती करते है को पावर चलित उपकरणों पर निम्ननानुसार अनुदान देय हैः-
सामान्य वर्ग के किसानों को लागत का 25 प्रतिशत अधिकतम राशि रूपये 75000- प्रति उपकरण। वहीं अनुसूचित जाति, अनुसूचितजनजाति, लघु वं सीमान्त, महिला किसानों को लागत का 35 प्रतिशत अधिकतम 1 लाख रूपए तक राशि का अनुदान प्रति उपकरण उपलब्ध है।
सामान्य वर्ग के कृषकों को अधिकतम राशि रूपये 40,000/- प्रति उपकरण एवं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु व सीमान्त, महिला कृषकों को अधिकतम राशि रूपये 50,000/- प्रति उपकरण अनुदान देय है।
सामान्य वर्ग के कृषकों को इकाई लागत का अधिकतम 60,000 रुपए राशि तक का अनुदान प्रति उपकरण एवं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु व सीमान्त, महिला कृषकों को अधिकतम 75,000 रुपए राशि तक का अनुदान प्रति उपकरण दिया जाएगा।
(अ) भूमि विकास, जोत एवं सीड बेड तैयारी उपकरण
कुल लागत- रूपये 30,000/- प्रति उपकरण
सामान्य कृषकों को अधिकतम राशि रूपये 12,000/- प्रति उपकरण। वहीं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु एवं सीमान्त एवं महिला कृषकों को अधिकतम राशि रूपये 15000/- प्रति उपकरण
(ब) बुवाई, रोपाई एवं खुदाई उपकरण
कुल इकाई लागत रूपए 30,000 प्रति उपकरण
सामान्य वर्ग के किसानों को अधिकतम राशि रूपये 12,000/- प्रति उपकरण। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु एवं सीमान्त एवं महिला कृषकों को अधिकतम राशि रूपये 15000/- प्रति उपकरण अनुदान उपलब्ध है।
(स) प्लास्टिक मल्च बिछाने की मशीन
कुल लागत इकाई रूपये 70,000/- प्रति उपकरण
प्लास्टिक मल्च बिछाने वाले उपकरण पर सामान्य वर्ग के किसानों को निर्धारित इकाई लागत 70 हजार रुपए पर इकाई लागत का 40 प्रतिशत अधिकतम 28 हजार रुपए एवं लघु, सीमांत, महिला, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को इकाई लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम 35 हजार रुपए तक का अनुदान प्रति उपकरण दिया जाएगा।
(द) स्वचालित बागवानी मशीनरी
कुल लागत इकाई रूपये 2.50 लाख प्रति उपकरण
सामान्य कृषकों को अधिकतम राशि रूपये 1,00,000/- प्रति उपकरण। लघु, सीमांत, महिला, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को अधिकतम राशि रूपये 1,25,000/- प्रति उपकरण अनुदान दिया जाएगा।
सामान्य वर्ग के कृषकों को लागत इकाई का 40 प्रतिशत अधिकतम राशि रूपये 50000/- प्रति उपकरण एवं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु व सीमान्त, महिला कृषकों को लागत इकाई का 50 प्रतिशत अधिकतम राशि रूपये 63,000/- प्रति उपकरण अनुदान दिया जाएगा।
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