भारत में अनेक ऐसे प्रांत हैं जहां पहाड़ों के आसपास खेती होती है। ऐसे खेतों की जमीन में छोटे-बड़े आकार के पत्थरों की भी भरमार होती है। इनको हाथों से नहीं निकाला जा सकता। जब किसान इनमें आलू ,हल्दी और अदरक आदि इसी तरह की फसलें करते हैं तो उनको इन फसलों को निकालने में ये पत्थर भारी दिक्कत पैदा करते हैं। ऐसे में किसानों की फसल प्रभावित होती है और मेहनत एवं ज्यादा समय बर्बाद होता है। कृषि वैज्ञानिकों ने इसका हल ढूंढ़ निकाला है। एक ऐसी मशीन का आविष्कार किया गया है जो हल्दी और आलू के अलावा पथरीले खेतों से पत्थरों को बाहर निकाल कर जमीन को उपजाऊ बनाने में सहायक है। इस मशीन का नाम है स्टोन पिकर। आलू और हल्दी या अदरक आदि की खेती करने वाले जिन किसान भाइयों ने अभी तक स्टोन पिकर मशीन नहीं खरीदी है वे जल्दी से इसे खरीद सकते हैं। यह पावरफुल कृषि उपकरण तेज स्पीड के साथ काम करता है। ट्रैक्टर गुरू की इस पोस्ट में आपको स्टोन पिकर मशीन के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है।
बता दें, कि स्टोन पिकर मशीन एक आधुनिक कृषि यंत्र है। इसे ट्रैक्टर की सहायता से ऑपरेट किया जाता है। ट्रॉली की तरह इसे ट्रैक्टर के पीछे सैट किया जाता है। इसके बाद इसे खेत में चलाया जाता है। अगर किसी को खेत की मिट्टी में कम गहराई पर दबे पत्थर निकलवाने हों तो यह फास्ट गति से पत्थरों को निकाल देती है। वहीं यदि आपने ऐसे खेत में आलू या हल्दी की फसल बो रखी है जिसमें फसल तैयार होने के समय उसे निकालने में बार-बार पत्थर दिक्कत करते हैं तो स्टोन पिकर मशीन आपकी फसल को सुरक्षित रखते हुए इसके साथ-साथ पत्थर भी निकाल देगी। यह मशीन मेहनत, लागत और समय इन तीनों की बचत करती है।
स्टोन पिकर मशीन के काम करने की अलग ही स्टाइल है। इस मशीन की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसे अकेला एक किसान भी ऑपरेट कर सकता है। जब इसे आलू और हल्दी की फसल वाले पथरीले खेतों में चलाया जाता है तो यह आलू या हल्दी एवं पत्थर निकालने के साथ इनको पीछे नहीं छोड़ती बल्कि ये भी सभी वस्तुएं इस मशीन के पीछे लगे एक कंटेनर में जमा होती रहती हैं। बाद में किसान इन चीजों को अलग-अलग स्थानों पर रख सकते हैं। इससे खेत पूरी तरह से समतल बन जाता है।
स्टोन पिकर मशीन के बारे में इसके विशेषज्ञों का कहना है कि यह मशीन खेत में दबे 10 इंच गहराई तक के करीब एक फुट आकार के पत्थरों को आसानी से निकाल सकती है। पत्थरों को एकत्र करने के लिए इसमें मजबूत सरियों की जाली बनाई गई है जो मिट्टी को छानकर पत्थर या आलू वगैरह को रख लेती है और कंटेनर में स्टोर कर देती है। इसमें एक क्लच प्लेट भी लगी होती है जो ज्यादा बड़े पत्थर के आने पर काम करती है।
स्टोन पिकर मशीन या पत्थर बीनने वाली मशीन का साइज 100 cm. से लेकर 175 या अधिकतम 200 सेंटीमीटर तक हो सकता है। छोटे किसान कम साइज वाली मशीन उपयोग में ले सकते हैं।
अगर एक एकड़ जमीन में आलू निकलवाने हों तो स्टोन पिकर मशीन आलू या हल्दी के साथ पत्थरों को भी निकाल कर अलग -अलग कर देती है। इस मशीन से किसानों को आलू सहित कई फसलों की खुदाई का काम बहुत आसान हो जाता है। यह मशीन 1 एकड़ जमीन से मात्र दो घंटे के समय में ही पत्थर, आलू, हल्दी आदि निकाल कर अलग कर देती है। यही नहीं आलुओं को इकट्ठा करने में भी यह उपयोगी है, इससे आलुओं की पैकिंग करने में भी किसानों को आसानी हो जाती है।
अगर आपका खेत पहाड़ी तलहटी में है और इसमें पत्थरों की बहुतायत है तो आपको स्टोन पिकर मशीन का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे आपको कई फायदे मिलेंगे जो इस प्रकार हैं - :
स्टोन पिकर मशीन की कीमत बाजार में करीब 4 लाख रुपये है। किसान इस मशीन को ट्रैक्टर गुरू की वेबसाइट पर विजिट कर ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं। यह कृषि यंत्र किसानों के लिए अत्यधिक उपयोगी साबित हो रहा है।
Website - TractorGuru.in
Instagram - https://bit.ly/3wcqzqM
FaceBook - https://bit.ly/3KUyG0y