Dengue Fever Treatments : विशेषज्ञों से जानें क्या बकरी के दूध से ठीक हो जाता है डेंगू?

पोस्ट -30 अगस्त 2024 शेयर पोस्ट

Dengue Fever : क्या डेंगू-मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारी के इलाज में कारगर साबित होता है बकरी का दूध! जानें विशेषज्ञों की राय

Dengue Fever : देश में अभी मानसून का मौसम सक्रिय है, जिसके कारण देश के विभिन्न राज्यों में हल्की, मध्यम और भारी बारिश का दौर जारी है। इन सब के बीच डेंगू और मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारी के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पूरे देश में डेंगू की स्थिति को लेकर अलर्ट मोड पर है। देश के कई राज्यों में इन दिनों डेंगू कहर बरपा रहा है। सरकारी और निजी अस्पतालों में रोजाना बड़ी संख्या में डेंगू के मामले दर्ज किए जा रहे हैं। डेंगू के शिकार मरीजों के इलाज के लिए अस्पतालों में लंबी कतार लगाना शुरू हो चुकी है। ऐसे में एक बार फिर से बकरी का दूध हाईलाइट हो रहा है। इन दिनों बकरी के दूध की मांग और उसकी कीमत दोनों ही बढ़ी है, जिसके चलते बकरी दूध विक्रेता लोगों से मनमाने दाम भी वसूल रहे हैं।

एक्सपर्ट्स और डाक्टरों का मानना है कि डेंगू से पीड़ित व्यक्ति के लिए बकरी का दूध सबसे अधिक फायदेमंद होता है और यह शरीर में तेजी से प्लेटलेट्स रेट बढ़ाता है। हालांकि, आम तौर पर लोगों के दिमाग एक सवाल रहता है, क्या डेंगू बुखार में बकरी के दूध के सेवन से मरीज तेजी  से रिकवरी करता है , क्या वाकई बकरी का दूध पीने से डेंगू ठीक हो जाता है? इन सभी साइंटिफिक फैक्ट पर विशेषज्ञों से पूरी सच्चाई जानें।

डेंगू बुखार (Dengue fever)

बता दें कि डेंगू (Dengue) एक जानलेवा बीमारी है, यह मच्छरों के संक्रमण से होने वाली बीमारी है। डेंगू का वायरस एडिस मच्छर (Aedes mosquito) के काटने से व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है। उष्णकटिबंधीय (tropical regions) और अर्ध-उष्णकटिबंधीय (subtropical regions) क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लोग इस बीमारी का शिकार होते हैं। डेंगू का शिकार हुए व्यक्ति में अचानक तेज बुखार (40°C/104°F), गंभीर सिरदर्द (Headache), जोड़ों और मांसपेशियों में गंभीर दर्द, आंखों के पीछे दर्द, सूजी हुई लिम्फ ग्रंथियां, जी मिचलाना, उल्टी करना, खुजली और तेज थकान जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। संक्रमित व्यक्ति की प्लेटलेट्स रेट काफी कम हो जाती है और समय पर इसका इलाज न मिलने पर व्यक्ति की मौत भी हो जाती है। हर साल देशभर में डेंगू से बड़ी संख्या में मौते भी होती है।

क्या बकरी का दूध प्लेटलेट्स बढ़ाने में मददगार है? (Is goat milk helpful in increasing platelets?)

विशेषज्ञों का कहना है कि डेंगू बुखार हर साल आता है, लोग बीमार पड़ते हैं। हालांकि इसमें लोगों को बहुत ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। पीड़ित व्यक्ति की अस्पतालों में जांच कर इलाज करवाएं। डॉक्टरों का कहना है कि बकरी का दूध प्लेटलेट्स बढ़ाने या डेंगू के किसी भी तरह के इलाज में मददगार है, ऐसा विज्ञान के मुताबिक अभी तक साबित नहीं हुआ है। लेकिन डेंगू में बकरी के दूध (Goat Milk) का सेवन इसलिए लाभदायक होता है, क्योंकि कई रिपोर्ट्स में पाया गया है कि बकरी के दूध में सेलेनियम पाया जाता है। डेंगू में मुख्य खतरा प्लेटलेट काउंट और सेलेनिमय का होता है। इसलिए अगर डेंगू का मरीज जब नियमित रूप से रोजाना बकरी का दूध पीता है, तो उसके शरीर में सेलेनियम का स्तर बढ़ता है, जिससे मरीज को बुखार में राहत मिलती है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को इलाज के साथ-साथ बकरी के दूध का भी सेवन करना चाहिए।

बकरी के दूध में मौजूद पोषक तत्व (Nutrients in goat milk)

विशेषज्ञों के अनुसार, बकरी के दूध में गाय के दूध की तुलना में अधिक प्रोटीन और प्रोटीन में ट्रिप्टोफौन और सिस्टीन जैसे कई पोषक तत्व  पाए जाते हैं। इसके अलावा  बकरी के दूध में फैट, प्रोटीन, लैक्टोज,, मिनरल और विटामिंस की भरपूर मात्रा पाई जाती है। बकरी के दूध में विटामिन B6, B12, C और D पाए जाते हैं, जो सेहत के लिहाज से बहुत फायदेमंद होता है।

इसके अलावा बकरी के दूध में फोलेट बाइंड करने वाले कंपोनेट्स काफी अच्छी खासी मात्रा में पाए जाते हैं, जो शरीर में फोलिक एसिड की मात्रा में तेजी से वृद्धि करते हैं और शरीर की सूजन, बीमारियों और संक्रमण की रोकथाम में मदद करते है। इसलिए बकरी के दूध का सेवन डेंगू के मरीज के लिए फायदेमंद माना जाता है।

घरेलू नुस्खों के साथ डॉक्टर से करें संपर्क (Contact the doctor with home remedies)

डेंगू, मलेरिया जैसी सीजनल बीमारी में घरेलू नुस्खों में बकरी के दूध के अलावा पपीते का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन डॉक्टर से संपर्क कर आवश्यक इलाज और दवाओं को निर्धारित पाठ्यक्रम का पालन करना चाहिए। डेंगू बुखार से निपटने के दौरान हाइड्रेटेड रहना महत्वपूर्ण है। बहुत सारे तरल पदार्थ जैसे पानी, नारियल पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स वाले पेय पीना महत्वपूर्ण है। यह शरीर के खोए हुए तरल पदार्थ को भरने में मदद करता है, वायरस के खिलाफ आपकी लड़ाई का समर्थन करता है। भरपूर आराम करके अपने शरीर को डेंगू वायरस से लड़ने आवश्यक समय दें।

एसिटामिनोफेन (पैरासिटामोल) जैसी ओवर-द-काउंटर दवाएं बुखार को कम कर सकती हैं और दर्द या बेचैनी को कम कर सकती हैं।  गंभीर डेंगू के मामलों में प्लेटलेट काउंट में महत्वपूर्ण गिरावट आ सकती है। प्लेटलेट के स्तर को फिर से भरने के लिए प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन आवश्यक हो सकता है, शरीर को थक्का जमाने में मदद करता है और अत्यधिक रक्तस्राव को रोकता है।

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