Rearing of foreign breed goats : पिछले कुछ सालों में बकरी पालन के प्रति ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में आम लोगों का रूझान बढ़ा है। बकरी पालन ने ग्रामीण इलाकों में छोटे व सीमांत किसानों सहित बेरोजगार युवाओं को रोजगार का बेहतर अवसर उपलब्ध कराया है। कम लागत और कम जगह में बकरी पालन व्यवसाय को आसानी से शुरू किया जा सकता है। देश के हर राज्य में वहां की जलवायु व भौगोलिक स्थिति के अनुसार बकरी की अलग-अलग प्रजातियां मौजूद है, जो अपने दूध व मांस के लिए प्रसिद्ध है। अब बकरी पालन व्यवसाय में विदेशी नस्ल की बकरियों ने भी एंट्री कर ली है। देश के कई राज्यों में विदेशी नस्ल की बकरियों का पालन करके पशुपालक अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं। ट्रैक्टर गुरु की इस पोस्ट में हम आपको एक ऐसी विदेशी नस्ल की बकरी के बारे में बता रहे हैं जिसका दूध ही 200 रुपए लीटर की दर से बिकता है। आइए, ‘सानेन नस्ल' (Sanen Breed) की बकरी के लिए के बारे में जानते हैं।
सानेन नस्ल (Sanen Breed) की बकरी को भैंस से ज्यादा दूध देने के कारण कुछ ही समय में ज्यादा लोकप्रियता मिली है। इस नस्ल की बकरी मांस भी सामान्य बकरी की तुलना में महंगा बिकता है। भारत में जहां सामान्य नस्ल की भैंस हर दिन 6 से 8 लीटर तक दूध देती है वहीं सानेन बकरी 10 लीटर तक दूध देती है। यह बकरी नीदरलैंड की नस्ल है। यह बकरी पशुपालकों के लिए चलता-फिरता एटीएम है। अधिक दूध देने के कारण इस नस्ल की बकरी को गरीब किसानों की गाय कहा जाता है।
सामान्य प्रजाति की बकरी का दूध 50 रुपए लीटर से लेकर 100 रुपए लीटर के भाव से बिकता है। बकरी के दूध की कीमत गांव में कम मिलती है जबकि शहरों में इसे महंगे भाव से खरीदा जाता है। सानेन नस्ल की बकरी का दूध, पनीर, घी और मांस की बाजार कीमत काफी अधिक है क्योंकि सानेन बकरी के दूध और मांस में प्रोटीन की मात्रा बहुत अधिक होती है। इस बकरी के दूध का बाजार भाव 150 से 200 रुपए लीटर तक है। इसका दूध भैंस के दूध से ज्यादा गाढ़ा होता है। वहीं इस नस्ल की बकरी का मांस 1000 से 1500 रुपए किलो की रेट से बिकता है। इस बकरी के दूध से बने घी की कीमत 3000 रुपए किलो है जबकि पनीर की कीमत 1000 रुपए किलो तक है। यह बकरी एक साल में 800 किलो से ज्यादा दूध दे सकती है।
सानेन नस्ल की बकरी एक विदेशी नस्ल की बकरी है। इसका रंग सफेद होता है। सींग लंबे और ऊपर की तरफ होते है। साथ ही कान सीधे मुंह की तरफ खड़े रहते हैं। इसकी पूंछ छोटी होती है। इस नस्ल के नर बकरे का वजन 80 किलो और मादा बकरी का वजन 60 किलो तक होता है। नर की लंबाई 90 सेमी और मादा 80 सेमी तक होती है। इस नस्ल की बकरी मात्र 9 महीने की अवधि में गर्भ धारण करने के लिए तैयार हो जाती है। सानेन नस्ल की बकरी को 'विश्व की दूध की रानी' (Milk Queen of the World) कहा जाता है।
सानेन नस्ल की विदेशी बकरी को पालने के लिए बारिश का मौसम सबसे सही रहता है। इस सीजन में पशुपालक इस किस्म की बकरी को कम कीमत पर बेचते हैं। अगर आपको सानेन नस्ल की बकरी खरीदनी है तो आपको राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में जाना होगा और वहां पर खरीददारों से संपर्क करना होगा। इन राज्यों में कई पशु पालक बारिश के मौसम में सानेन बकरी को कम कीमत पर बेच देते हैं। दुनिया के 80 से अधिक देखों में सानेन बकरी का पालन किया जाता है। सानेन बकरी की कुल आबादी करीब 9 लाख है।
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