सरकार का बड़ा फैसला, इन किसानों को नहीं दिया जाएगा सरकारी योजनाओं का लाभ

पोस्ट -08 नवम्बर 2023 शेयर पोस्ट

इन किसानों को नहीं मिलेगा अनुदान योजनाओं का लाभ, ना ही खरीदी जाएगी एमएसपी पर धान

Stubble Management : रबी फसलों की बुआई का वक्त शुरू हो चुका है और किसान इस वक्त फसलों की बुआई कर रहे है। इस दौरान किसान खेतों में पुरानी फसल के अवशेष को जला रहे है। जिसके कारण आस -पास के क्षेत्र में प्रदूषण फैल रहा है। खेत में पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाने के लिए राज्य सरकारें अपने लेवल पर उचित प्रयास भी कर रही है। हर बार की तरह इस बार भी पंजाब और हरियाणा राज्यों की सरकार की सख्ती के बाद भी किसान खेतों में पुआल (पराली) जलाते दिख रहे हैं। जिसे देखते हुए बिहार सरकार ने राज्य के किसानों पर सख्ती करने और पराली जलाने के मामलों पर रोक लगाने के लिए एक अहम कदम उठाया है। जिसमें सरकार ने इस वर्ष फसल अवशेष जलाने वाले राज्य के किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी नहीं करने और किसान हित में चलाई जा रही है सरकारी योजनाओं कें लाभ से वंचित करने का निर्णय लिया गया है। आईए इस पोस्ट की मदद से इस बिहार सरकार की ओर से लिए गए निर्णय के बारे में विस्तार से जानें।

फसल अवशेष प्रबंधन पर आयोजित बैठक में लिया गया फैसला

बिहार सरकार ने इस साल पराली जलाने वाले किसानों से एमएसपी पर धान नहीं खरीदने और डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफ़र) के तहत मिलने वाले अनुदान योजना के लाभ से भी वंचित करने का निर्णय लिया है। बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी की अध्यक्षता में शुक्रवार को फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर आयोजित हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है। बैठक के शुरूआत  में कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने अधिकारियों को खेतों में पराली जलाने से होने वाले गंभीर नुकसान और फसल अवशेष प्रबंधन पर जानकारी दी। कृषि सचिव ने कहा कि अक्टूबर माह में ही वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के अनुसार वायु प्रदूषण का लेवल बढ़ता दिख रहा है। जैसे-जैसे रबी फसलों की बुआई के लिए किसानों द्वारा खेतों को तैयार करने का समय आयेगा स्थिति और बिगड़ने की आसार है। इसलिए अभी से अधिकारी सतर्कता बरतना शुरू करें। खेतों में किसान धान की पराली और खूँटी नहीं जलाए इसके लिए किसानों को जागरूक करें। साथ ही फसल अवशेष को जलाने से उठाने वाले धुआ से पर्यावरण को होने वाले नुकसान की जानकारी किसानों दें।

फसल अवशेष जलाने वाले किसानों पर होगी यह कार्यवाही

मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने निर्देश दिए कि वैसे किसान जिनका फसल अवशेष जलाने के करण डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफ़र) पोटर्ल से  रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया है। ऐसे सभी किसानों की  सूची प्रखंड कार्यालयों में प्रदर्शित की जाए। राज्य में फसल अवशेष जलाने वाले किसानों को डीबीटी के माध्यम से मिलने वाले अनुदान से वंचित किया जा रहा है। साथ ही उन्हें धान अधिप्राप्ति के लाभ से भी वंचित करने की कार्यवाही की जाए। निर्देश के बाद भी बार-बार फसल अवशेष जलाने वाले किसानों पर सुसंगत धाराओं के तहत आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। जिससे अन्य किसान पराली जलाने की घटनाओं को अजाम न दें और फसल अवशेष का उचित प्रबंधन करें। मुख्य सचिव ने धान की कटाई के वक्त रियल टाइम फसल अवशेष जलाने के मामलों पर निगरानी करने के लिए मुख्यालय स्तर पर कंट्रोल रूम बनाकर निगरानी करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए है। 

कंबाइन हार्वेस्टर मालिकों को देना होगा फसल अवशेष न जलाने का शपथ पत्र

बिहार के कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने जिला अधिकारियों को फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित अंतर-विभागीय ज़िला स्तरीय कार्य समूह की बैठक करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिला कृषि अधिकारी के पास पंचायतवार कंबाइन हार्वेस्टर की रिपोर्ट उपलब्ध है। जिलाधिकारी फ़सल कटाई के पूर्व हार्वेस्टर मालिक संचालक के साथ बैठक कर उन्हें फसल अवशेष न जलाने के लिए जागरूक करें। कंबाइन हार्वेस्टर मालिक संचालक को फसल अवशेष न जलाने का शपथ पत्र लिया जाए। राज्य के सभी जिलों में फसल अवशेष प्रबंधन के लिए होर्डिंग के माध्यम से प्रचार- प्रसार करने के निर्देश दिए है। 

पराली से किसानों को मिलेगी अतिरिक्त आय

बता दें कि किसान बेलर मशीन की मदद से खेत में धान की पराली की बेल्स तैयार कर बायो ईंधन बनाने वाली कपंनियों को बेच सकते हैं। इससे किसान को अच्छी खासी अतिरिक्त आय भी होगी। वहीं, गेहूं की बजाई हैप्पी सीडर, सुपर सीडर सीडर मशीन के साथ कर सकते हैं। इन मशीनों पर कृषि विभाग के द्वारा अनुदान भी दिया जा रहा है। इसके अलावा, किसान खेत से पराली को सूखा चारा बनाने वाली मशीन के साथ ट्रॉली में भरकर पशुओं के लिए सूखा चारा भी बना सकते हैं।          

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