Agriculture News : किसान फसलों की बेहतर सिंचाई कर पाएं, इसके लिए सरकार द्वारा उन्हें सौर ऊर्जा स्रोतों (Solar energy sources) से जोड़ा जा रहा है। केंद्र एवं राज्य की अलग–अलग योजनाओं के माध्यम से किसानों को सौर ऊर्जा (Solar Power) से चलने वाले पंप उपलब्ध कराए जाते हैं। इस कड़ी में मध्यप्रदेश शासन द्वारा भी राज्य में कृषि एवं अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए सरकार द्वारा सोलर पावर स्टोरेज प्लांट (Solar Power Storage Plant) स्थापित करवाए जा रहे हैं। साथ ही किसान सहित अन्य लोगों को सोलर पैनल कनेक्शन अपनाने हेतु अनुदान भी उपलब्ध कराया जा रहा है। इस क्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में 30 लाख किसानों को सौर ऊर्जा से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। सीएम ने यह बात ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में कहीं।
उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारियों से कहा कि ऐसी योजनाएं बनाए कि उपभोक्ताओं पर बोझ न बढ़े। बिजली सब्सिडी का भार कम किया जा सके। सीएम यादव ने कहा कि तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाने के काम में गति लाएं। इसके बारे में उपभोक्ताओं को जागरूक करें। जले एवं खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदला जाए।
बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तीनों विद्युत वितरण कंपनियों को सख्त निर्देश दिए है कि बिजली के क्षेत्र में मध्यप्रदेश को आदर्श राज्य बनाने के लिए समर्पित प्रयास किए जाएं। उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए सभी बिजली कंपनियों (Power Companies) कीऑर्गेनाइजेशनल स्ट्रक्चर का प्रस्ताव पेश करने को भी कहा। सीएम ने कहा कि इसे जल्द ही मंजूर किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में 30 लाख किसानों को सौर ऊर्जा से जोड़ने के लक्ष्य है, जिसे पूरा करने के लिए समय-सीमा के अंदर सुनियोजित कार्य-योजना तैयार करें। इससे बिजली सब्सिडी में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि किसानों को सिंचाई के लिए दिन में बिजली उपलब्ध कराए, जिससे किसान बिना किसी परेशानी के फसलों की सिंचाई समय पर कर पाएं।
मंत्रालय में ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने संगठनात्मक संरचना स्वीकृत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने ट्रांसफार्मर और बिजली लाइनों की मेंटीनेंस की कार्य-योजना बनाने एवं अवैध बस्तियों में रहने वाले लोगों को बिजली कनेक्शन देने की बात कही। इस बैठक में बताया गया कि आरडीएसएस योजना में 12 लाख 57 हजार से अधिक स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा 6 लाख 70 हजार 644, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा 77 हजार 100 और पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा 5 लाख 9 हजार 338 स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। समीक्षा बैठक में अटल गृह ज्योति, अटल किसान ज्योति योजना सहित अन्य योजनाओं की विस्तृत समीक्षा कर जरूरी निर्देश दिए गए।
मालूम हो कि मध्य प्रदेश के मुरैना में देश का पहला सोलर पावर स्टोरेज प्लांट (Solar Power Storage Plant) स्थापित किया जा रहा है। इसका निर्माण इस साल जल्द ही शुरू हो जाएगा। इस सोलर पावर स्टोरेज प्लांट से आम लोगों के साथ-साथ किसानों को सीधा फायदा मिलेगा। इससे किसानों को सिंचाई के लिए बिजली की निर्बाध सप्लाई मिल सकेगी और लोगों को रात में बिजली की सप्लाई की जा सकेगी। सोलर पावर स्टोरेज प्लांट से मध्य प्रदेश के साथ उत्तर प्रदेश के किसानों को भी सीधा फायदा होगा।
मुरैना में करीब तीन हज़ार हेक्टेयर जमीन पर बनने वाले 600 मेगावॉट क्षमता के इस सोलर पावर प्लांट की लागत करीब 3500 करोड़ रुपए अनुमानित है। इस प्लांट से 600 मेगावॉट बिजली का उत्पादन हो सकेगा। वर्तमान में सौर ऊर्जा उत्पादन (Solar energy generation) के अग्रणी राज्यों में मध्य प्रदेश शामिल है। प्रदेश के रीवा में दुनिया का सबसे बड़ा रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर पावर प्लांट (Rewa Ultra Mega Solar Power Plant) है। यह प्लांट 750 मेगावॉट बिजली उत्पादन (Electricity generation) करता है। इस प्लांट से 76 फीसदी बिजली सप्लाई (Power Supply) मध्य प्रदेश की पावर जनरेशन कंपनियों को,तो वहीं 24 प्रतिशत बिजली दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) को दी जाती है।
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