Subsidy for dairy setup 2025 : दुधारू पशुओं की डेयरी स्थापना करने की प्लानिंग कर रहे हितग्राहियों के लिए बड़ी खबर है। प्रदेश सरकार ने गायों के घटती संख्या और राज्य में दुग्ध की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए “डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना ” नामक एक नई स्कीम शुरू की है। इस योजना के तहत सरकार दुधारू पशुओं की डेयरी स्थापना (Dairy Establishment) के लिए प्रत्येक हितग्राही को सब्सिडी देगी। इस योजना का उद्देश्य मध्यप्रदेश में दुधारू पशुओं की गुणवत्ता में सुधार करना, दूध उत्पादन को बढ़ाना और युवाओं को रोजगार प्रदान करना है। डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना (Dr. Bhimrao Ambedkar Kamdhenu Scheme 2025) के तहत इच्छुक नागरिक डेयरी स्थापना के लिए सरकार से 33 प्रतिशत तक की सीधी सब्सिडी पा सकते हैं। इस लेख में डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना, लाभार्थी चयन और हितग्राहियों को मिलने वाली सब्सिडी राशि के बारे में जानते हैं।
पशु पालन एवं डेयरी विभाग मध्य प्रदेश के अवर सचिव सुनील गडावी ने खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर समेत प्रदेश के सभी जिलों को पत्र जारी किया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश में दूध व दुग्ध उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। दुग्ध उत्पादन की बढ़ती मांग पर शासन ने नवीन घटक के रूप में कामधेनु योजना शुरू की है। राज्य सरकार की इस योजना को दुग्ध उत्पादन में संतुलन और वृद्धि लाने के लिए एक सशक्त प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। “डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना" (Dr. Bhimrao Ambedkar Kamdhenu Yojana) में गाय व भैंस वंश में देशी और संकर नस्लों के दुधारू पशुओं (dairy cattle) को बढ़ावा दिया जाएगा।
कामधेनु योजना से न केवल दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि गुणवत्ता में भी सुधार होगा। इससे प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के नए द्वार खुलेंगे और पशुपालकों को लंबे समय तक फायदा मिलेगा। इस योजना के तहत प्रत्येक हितग्राहियों को 200 दुधारू पशुओं की डेयरी स्थापना के लिए सब्सिडी देय होगी। योजना के तहत गायों और भैंस वंश के लिए निर्धारित 36 लाख से 42 लाख रुपए की लागत पर 33 प्रतिशत अनुदान देय होगा। इसके तहत अनुसूचित जाति-अनुसूचित जन जाति श्रेणी के हितग्राहियों के लिए 33 प्रतिशत और अन्य श्रेणी के हितग्राहियों को परियोजना लागत पर 25 प्रतिशत अनुदान मिलेगा।
हितग्राहियों का चयन “पहले आओ-पहले पाओ” के तहत किया जाएगा। योजना में हितग्राहियों को अनुदान राशि का भुगतान चार किस्तों में किया जाएगा। पहली किस्त में पशुओं के लिए शेड निर्माण के लिए राशि दी जाएगी। फिर चौथे, आठवे और बारहवें माह में पशु क्रय करने के लिए राशि दी जाएगी। देशी नस्ल और संकर नस्ल के अनुसार भुगतान राशि में थोड़ा अंतर होगा। जैसे कि 8वें माह की किस्त में देशी नस्ल के पशु क्रय करने के लिए 8 लाख और संकर नस्ल के लिए 9.80 लाख रुपए की आर्थिक सहायता जारी की जाएगी।
भुगतान समय सीमा | घटक | राशि (देशी नस्ल) | राशि ( संकर नस्ल ) |
प्रथम किस्त एक माह | शेड निर्माण | 11 लाख | 11.40 लाख |
दूसरी किस्त चौथे माह | 9-पशु क्रय | 9 लाख | 11.00 लाख |
तृतीय किस्त 8 वें माह | 8-पशु क्रय | 8 लाख | 9 .80 लाख |
चतुर्थ किस्त 12 वें माह | 8 पशु क्रय | 8 लाख | 8 लाख |
शासन से पत्र जारी होते ही जिला स्तर पर पशु पालन विभाग द्वारा डॉ भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना (Dr. Bhimrao Ambedkar Kamdhenu Scheme 2025) को अमली जामा पहनाने में जुट गया है। दुधारू गाय व भैंस वंश की इकाई स्थापना के लिए कार्य योजना भी तैयार की जा रही है। शीघ्र ही योजना में हितग्राहियों का चयन शासन की गाइड लाइन के अनुसार किया जाएगा।
शासन से जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश में कुल गायों की संख्या ( वर्ष 2018-19 की गणना ) 1.87 करोड़ थी, जो वर्ष 2024-25 की प्राथमिक गणना के हिसाब से घटकर 92.99 लाख गाय रह गई। यानी गायों की संख्या में 43.76 प्रतिशत की भारी गिरावट देखी गई है। हालांकि, केंद्रीय पशु चिकित्सा मंत्रालय ने गणना की तिथि 30 अप्रेल तक बढ़ा दिया है। अधिकारियों का मानना है कि पशु गणना का फाइनल डाटा एक मई के बाद जारी हो सकता है। फाइनल डाटा आने के बाद यह अंतर कुछ कम होने की संभावना है।
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