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धान का उत्‍पादन बढ़ाने के लिए सरकार खर्च करेगी 102 करोड़ रुपए

धान का उत्‍पादन बढ़ाने के लिए सरकार खर्च करेगी 102 करोड़ रुपए
पोस्ट -18 मार्च 2025 शेयर पोस्ट

सरकार ने धान उत्पादन बढ़ाने के लिए 102 करोड़ का विशेष पैकेज और किसानों को विदेश भेजने की योजना पेश की।

Tamil Nadu Budget 2025-26 : किसानों की आर्थिक सुरक्षा बढ़ाने और कृषि विकास के लिए राज्यों द्वारा मजबूत बजट पेश किया जा रहा है। नई-नई योजनाओं को लागू करने का ऐलान किया जा रहा है, जबकि पहले से चल रही योजनाओं को आगे बढ़ाने की घोषणाएं भी की जा रही है। इस कड़ी में तमिलनाडु की डीएमके सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में वित्‍त वर्ष 2025-26 के लिए राज्‍य का बजट पेश किया। डीएमके (द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) सरकार ने बजट में राज्य कृषि क्षेत्र के लिए चलाई जा रही अपनी कल्याणकारी योजनाओं के लिए अच्छी खासी धनराशि का आवंटन किया। वहीं, अब तमिलनाडु सरकार ने राज्य में धान का रकबा और उत्पादकता बढ़ाने के लिए विशेष पैकेज खर्च करने का ऐलान किया है, जिसके लिए एमके स्टालिन सरकार (MK Stalin Government) 29 गैर-डेल्टा जिलों में कर, कुरुवई और सोरनावारी मौसमों के दौरान धान के रकबे और खाद्यान्न उत्पादन को बढ़ाने के लिए 102 करोड़ रुपए का एक विशेष पैकेज लागू करेगी। इसके अलावा, धान उत्पादन बढ़ाने की बेहतर तकनीक सीखने के लिए सरकार धान उत्पादक किसानों को विदेशों में भी भेजेगी। राज्य के कृषि मंत्री एम आर के पन्नीरसेलवम ने शनिवार को विधानसभा में यह जानकारी दी।  

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किसानों को मशीन से रोपण और प्रमाणित बीजों पर सब्सिडी (Subsidy to farmers on machine planting and certified seeds)

कृषि मंत्री एम आर के पन्नीरसेलवम ने कहा कि इस विशेष पैकेज से किसानों को मशीन से रोपण (machine planting) और गुणवत्ता प्रमाणित बीजों (Quality Certified Seeds) के लिए सब्सिडी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि कुरुवई के दौरान रकबा और खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने के लिए डेल्टा जिलों के कृषकों को इसी तरह का पैकेज दिया जाएगा, जिसके लिए सरकार 58 करोड़ रुपए की राशि आवंटित करेगी। राज्य के कावेरी डेल्टा जिलों में 18 लाख एकड़ और गैर-डेल्टा जिलों में 34 लाख एकड़ क्षेत्रफल में धान की खेती (Paddy farming) की जाती है। क्षेत्र में धान का रकबा और उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से किसानों को यह पैकेज प्रदान किया जाएगा। 

नवनीतम तकनीक सीखने हेतु विदेश जाएंगे किसान (Farmers will go abroad to learn the latest technology)

विधानसभा में 2025-26 के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री एमआरके पन्नीरसेल्वम ने ₹45,661 करोड़ के कुल परिव्यय वाला कृषि बजट पेश किया। इसमें उन्होंने कृषि, बागवानी और अन्य कृषि क्षेत्र के लिए कई घोषणाएं करते हुए करते हुए कहा कि यह कृषि बजट राज्य के किसानों के जीवन को बेहतर बनाएगा। पन्नीरसेल्वम ने कहा कि सरकार किसानों के लिए अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर यात्रा की व्यवस्था करेगी, ताकि उन्हें धान की फसल में उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीक अपनाने में मदद मिल सके। कृषि मंत्री ने कहा, "किसानों को नवीनतम तकनीक सीखने और उन्हें अपने खेतों में लागू करने में मदद करने के लिए 100 प्रगतिशील किसानों को जापान, चीन और वियतनाम की एक्सपोजर यात्रा पर ले जाया जाएगा। इसके लिए 2 करोड़ रुपए आवंटित किए जाएंगे।" 

मूल्यवान पेड़ों की खेती को बढ़ावा (Promotion of cultivation of valuable trees)

मंत्री ने कहा कि तमिलनाडु की डीएमके सरकार चंदन, लाल चंदन, महोगनी और शीशम जैसे मूल्यवान पेड़ों की खेती (farming of valuable trees) को बढ़ावा देने और लकड़ी के पंजीकरण, कटाई, परिवहन और विपणन से संबंधित प्रक्रियाओं को सहज बनाने और हरित तमिलनाडु के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तमिलनाडु कृषि वानिकी नीति का लोकार्पण करेगी। उन्होंने अपने बजट भाषण में कहा, "वृक्ष वर्षा में सहायता करके फसल उत्पादकता में सुधार करते हैं। बायोमास को बहाकर मिट्टी के स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं। इसलिए, उच्च मूल्य वाले पेड़ों की खेती (tree cultivation) के तहत किसानों को अतिरिक्त आमदनी प्रदान करने के लिए कृषि वानिकी को प्रोत्साहित किया जाता है।"

स्थापित किए जाएंगे मुख्यमंत्री किसान सेवा केंद्र (Chief Minister Kisan Seva Kendra will be established)

इसके अलावा, 10 से 20 लाख रुपये के बीच अनुमानित लागत पर 1,000 मुख्यमंत्री किसान सेवा केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिसमें 30 प्रतिशत सब्सिडी होगी, जो प्रति केंद्र 3-6 लाख रुपये होगी। इस योजना के लिए राज्य बजट से 42 करोड़ रुपए की राशि प्रस्तावित की जाएगी। ये केंद्र कृषि सहायता हेतु केंद्र के रूप में काम करेंगे, जहां बीज, उर्वरक और अन्य कृषि संबंधी आवश्यकताओं जैसे आवश्यक इनपुट मौजूद होंगे। इसके अतिरिक्त, वे फसल उत्पादकता बढ़ाने, कीट और रोग प्रबंधन, आधुनिक तकनीकों को अपनाने और मूल्य संवर्धन तकनीकों पर विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।

ग्रीष्मकालीन जुताई को प्रोत्साहन (Promotion of summer ploughing)

मंत्री पन्नीरसेल्वम ने कहा कि कृषि स्नातकों और डिप्लोमा धारकों की विशेषज्ञता का लाभ किसानों के कल्याण और कृषि विकास के लिए उठाया जाएगा। वर्ष 2025-2026 के दौरान राज्य निधि से 24 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, ताकि 2,000 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से तीन लाख एकड़ भूमि को कवर करने के लिए ग्रीष्मकालीन जुताई को प्रोत्साहित किया जा सके। 

लागू की जाएगी पहाड़ी किसान विकास योजना (Hill Farmer Development Scheme will be implemented)

उन्होंने कहा, इस वर्ष राज्य के 20 जिलों में 63,000 पहाड़ी किसानों के कल्याण के लिए 22.80 करोड़ रुपये की लागत से “मलाईवाज उझावर मुनेत्र थिट्टम” (पहाड़ी किसान विकास योजना) लागू की जाएगी।  इस योजना में लघु बाजरा की खेती, इनपुट का वितरण, सब्जी फसलों में क्षेत्र विस्तार, कृषि मशीनरी, मूल्य संवर्धन, सूक्ष्म सिंचाई और एकीकृत कृषि प्रणाली तथा इन लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान करने के लिए कदम उठाना शामिल है। केंद्र और राज्य निधि के तहत 40.27 करोड़ रुपए के परिव्यय से 1.87 लाख एकड़ क्षेत्र में मक्का उत्पादन को बढ़ाया जाएगा। 12 करोड़ रुपए की लागत से 37 जिलों में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा। 

किसानों को मिला फसल बीमा मुआवजा (Farmers get crop insurance compensation)

पन्नीरसेल्वम ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल को नुकसान होने की स्थिति में किसानों को नुकसान से बचाने और उनकी आजीविका को बनाए रखने के लिए फसल बीमा योजना लागू की जाएगी और यह योजना 2025-26 के दौरान 841 करोड़ रुपये की लागत से 35 लाख एकड़ को कवर करने के लिए लागू की जाएगी। पिछले चार वर्षों में कृषि और बागवानी फसलों को हुए नुकसान के लिए 20.84 लाख किसानों को राहत के रूप में 1,631.53 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं।  इसके अलावा, पिछले चार वर्षों में 30 लाख किसानों को फसल बीमा मुआवजे के रूप में 5,242 करोड़ रुपये प्रदान किए गए। उन्होंने अपने बजट भाषण में बताया कि विभिन्न योजनाओं से कृषि क्षेत्र का विकास हुआ है। राज्य में कुल सकल फसली क्षेत्र वर्ष 2019–20 में 146.77 लाख एकड़ से बढ़कर 2023-24 में 154 लाख एकड़ हो गया है। 

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