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NFSM: किसानों, उत्पादकों के लिए बीज सब्सिडी में बढ़ोत्तरी |

NFSM: किसानों, उत्पादकों के लिए बीज सब्सिडी में बढ़ोत्तरी |
पोस्ट -14 फ़रवरी 2025 शेयर पोस्ट

किसानों व बीज उत्पादकों के लिए खुशखबरी! बीज सब्सिडी में भारी वृद्धि | एनएफएसएम मे नए प्रावधान

National Food Security and Nutrition Mission : कृषि क्षेत्र से गुणवत्तायुक्त बेहतर पैदावार के लिए अच्छे बीजों की बुवाई होना बहुत जरूरी है। इसलिए, कृषि विश्वविद्यालय, कृषि अनुसंधान केंद्रों एवं राज्य बीज निगम द्वारा उन्नत किस्मों के प्रमाणित बीज अनुदान पर उपलब्ध कराए जाते हैं। यह अनुदान राज्य कृषि विभाग की बीज नीति के तहत दिया जाता है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई विभिन्न मिशन योजनओं के तहत तैयार किया जाता है। इनमें केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा क्रियान्वित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM) शामिल है। इसके तहत राज्यों में फसलों के बीजों के लिए किसानों व बीज उत्पादकों को अनुदान दिए जाते हैं। इस कड़ी में केंद्र सरकार ने देश के किसानों के हित में “राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं पोषण मिशन” के दिशा-निर्देशों में बड़े बदलाव करने की स्वीकृति प्रदान की है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में हुई कृषि विभाग की एक महत्वपूर्ण बैठक में यह स्वीकृति दी है। 

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किसानों और बीज उत्पादकों के लिए सब्सिडी बढ़ाई (Subsidy Increased for Farmers and Seed Producers)

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से एक महत्वपूर्ण बैठक ली, जिसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) के घटकों (Components) में किसानों के हित में परिवर्तन किए गए हैं। एनएफएसएम के दिशा-निर्देशों में संशोधन करते हुए किसानों और बीज उत्पादकों के लिए सब्सिडी बढ़ाई गई है, वहीं, कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने स्पष्ट तौर पर अधिकारियों से कहा कि योजना का लाभ केवल किसानों को मिलना सुनिश्चित किया जाना चाहिए, ऐसा नहीं होना चाहिए कि किसानों के नाम पर अन्य कोई फायदा उठा लें। मिशन के तहत, पारंपरिक-देशी बीज किस्मों का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रावधान किया गया है, वहीं, पंचायत स्तर पर बीज प्रसंस्करण व भंडारण इकाई स्थापित करने की भी अनुमति दी गई है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने आला अफसरों को निर्देश दिए कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए, ताकि किसानों का भला हो।

इस मिशन के उद्देश्य (Objectives of this Mission)

समीक्षा बैठक में कृषि मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती “बीज और रोपण सामग्री” (एसएमएसपी) उप मिशन सहित “राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और पोषण मिशन” (एनएफएसएनएम) अब कृषि संवर्धन योजना का एक घटक होगा। मिशन का उद्देश्य देश के चिन्हित जिलों में सतत् तरीके से क्षेत्र विस्तार और उत्पादकता वृद्धि के माध्यम से चावल, गेहूं, दलहन, मोटे अनाज (मक्का व जौ) व पोषक अनाज (श्री अन्न) का उत्पादन बढ़ाना है। व्यक्तिगत खेत स्तर पर मिट्टी की उर्वरता व उत्पादकता बहाल करना। किसानों में विश्वास बहाल करने के लिए कृषि स्तरीय अर्थव्यवस्था (अर्थात कृषि लाभ) को बढ़ाना तथा कुशल बाजार संपर्कों के माध्यम से किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्ति के लिए खेत पर फसलोपरांत मूल्य संवर्धन को बढ़ाना और बीज प्रतिस्थापन दर (एसआरआर) और किस्म प्रतिस्थापन दर (वीआरआर) को बढ़ाना एवं देश के बीज क्षेत्र के लिए इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर ढांचे में सुधार करना आदि है।

प्रमाणित बीज उत्पादन एवं वितरण पर सब्सिडी बढ़ाने की मंजूरी (Approval to Increase Subsidy on Certified Seed Production and Distribution)

इस बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई प्रजातियों के प्रदर्शन, प्रमाणित बीज उत्पादन एवं प्रमाणित बीज वितरण के कंपोनेंट्स में किसानों के लिए सब्सिडी बढ़ाने की मंजूरी दी है। साथ ही, जलवायु अनुकूल, बायो-फोर्टिफाइड एवं उच्च उपज देने वाली किस्मों के उत्पादन को प्राथमिकता दी जाएगी। मिशन के सभी प्रावधानों पर डिजिटली मानिटरिंग की जाएगी। कृषि मैपर और साथी पोर्टल की सहायता भी इसमें ली जाएगी। केंद्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि स्कीम का फायदा किसानों को पूरी तरह से मिलना सुनिश्चित किया जाए व स्कीम के केंद्र में किसान ही हों। इसी तरह, पारंपरिक किस्मों के उत्पादन को बढ़ावा देने का प्रावधान नए दिशा-निर्देशों में करने की अनुमति शिवराज सिंह चौहान ने प्रदान की है। 

पारंपरिक किस्मों को बढ़ावा (Promotion of Traditional Varieties)

कृषि मंत्री चौहान ने आगे कहा कि क्योंकि ये पारंपरिक किस्में फसल विकास, स्थानीय अनुकूलन, पोषण मूल्य व अन्य महत्वपूर्ण विशेषताओं में रणनीतिक महत्व रखती हैं। इस प्रकार किस्मों की पहचान, सूचीकरण, उनके उत्पादन के मुख्य क्षेत्रों की पहचान, जियोटैगिंग, उनके उत्पादन में वृद्धि, उनके उत्पादों को लोकप्रिय बनाने और उनकी विपणन क्षमता बढ़ाने जैसे समग्र दृष्टिकोण के साथ पारंपरिक किस्मों को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है। इसलिए, इस घटक में उनके बीज वितरण, उत्पादन, विभिन्न पहलुओं में क्षमता निर्माण व पीपीवीएफआरए व राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण द्वारा पंजीकृत ऐसी किस्मों के बीज बैंक के निर्माण/विकास पर सहायता/प्रोत्साहन का प्रावधान है। 

बीज प्रसंस्करण एवं भंडारण इकाई का प्रावधान (Provision of Seed Processing and Storage Unit)

मिशन के संशोधित दिशा-निर्देशों में ग्राम पंचायत स्तर पर बीज प्रसंस्करण एवं भंडारण इकाई का प्रावधान भी किया गया है। इसके तहत, एसएमएसपी के पूर्ववर्ती घटक अर्थात ग्राम पंचायत स्तर पर बीज प्रसंस्करण एवं भंडारण इकाई को पुनर्जीवित करने की स्वीकृति भी केंद्रीय कृषि मंत्री द्वारा दी गई है, ताकि देशभर के किसानों के आसपास के क्षेत्र में स्थानीय स्तर पर बीज प्रसंस्करण, सफाई, ग्रेडिंग, पैकेजिंग व भंडारण कार्य किया जा सके।  गैर पारंपरिक तरीके से आलू बीज उत्पादन के लिए नए घटक के निर्देशों को भी केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंजूरी प्रदान की है। वहीं बीज उत्पादन, विधायन, प्रमाणीकरण एवं टेस्टिंग से जुड़ी विभिन्न सरकारी एजेंसियों को दी जाने वाली सहायता में भी वृद्धि की गई है, ताकि वे सशक्त होकर बेहतर कार्य कर सकें। 

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