Agri Stack Scheme : केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा चलाई जा रही कृषि संबंधित सभी सरकारी योजनाओं का लाभ एक-एक पात्र किसान तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए किसानों को तकनीकी प्रणालियों से जोड़ा जा रहा है। केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की एग्री स्टैक योजना के तहत, किसानों के लिए एक डिजिटल बेस किसान रजिस्ट्री तैयार की जा रही है। केंद्र सरकार की इस परियोजना के तहत देश के सबसे बड़े कृषि सूबे उत्तर प्रदेश में किसानों की फार्मर रजिस्ट्री (Farmer Registry) तैयार करने का कार्यक्रम तेजी से चल रहा है। वहीं, आगामी फरवरी माह से पूरे राजस्थान में फार्मर रजिस्ट्री का काम शुरू किया जाएगा। इसके तहत चरणबद्ध रूप से ग्राम पंचायत स्तर पर फार्मर रजिस्ट्री के लिए कैंप लगाए जाएंगे। इस बीच मंगलवार को उत्तर प्रदेश कृषि विभाग ने अपने ऑफिशियल वेबसाइट पर फार्मर रजिस्ट्री (Farmer Registry) संबंधित कुछ जानकारी साझा की है । इसके तहत फार्मर रजिस्ट्री कराने वाले किसानों को सरकारी योजनाओं सहित अन्य कई लाभ मिलेंगे। आइए, जानते हैं कि फार्मर रजिस्ट्री कैसे करें और इसके लिए कौन-कौन से दस्तावेज देने होंगे तथा इससे किसानों को क्या लाभ है।
कृषि विभाग की जानकारी में बताया गया है कि फार्मर रजिस्ट्री (फार्मर्स आईडी) से किसानों को कई लाभ मिलेंगे। फार्मर रजिस्ट्री तैयार होने के बाद किसान को बार-बार ई-केवाईसी प्रक्रिया कराने की आवश्यकता नहीं रहेगी। बैंक से डिजिटल किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से अधिकतम 2 लाख रुपए का लोन बिना किसी दस्तावेज के पात्रता के अनुसार उसी दिन प्राप्त किया जा सकता है। कृषि एवं कृषि विभाग संबंधित सभी सरकारी योजनाओं में सब्सिडी का लाभ पारदर्शिता और तेजी से मिल सकेगा। किसानों को फसल ऋण, फसल बीमा, सम्मान निधि योजना एवं आपदा राहत पाने में आसानी होगी। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) खरीद के लिए किसानों का पंजीकरण आसानी से हो जाएगा। किसानों को संस्थागत खरीददारों से जुड़कर अपनी फसलों के लिए उचित दाम प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी। फार्मर रजिस्ट्री होने के पश्चात कोई भी डाटा, रियल टाइम खतौनी के माध्यम से अपडेट होकर फार्मर रजिस्ट्री में अपडेटेड होता रहेगा। इससे किसानों को किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचने में सहायता प्राप्त होगी। फॉर्मर रजिस्ट्री में पंजीकृत होने के बाद किसानों को केंद्र एवं राज्य सरकार दोनों की योजनाओं का लाभ मिलेगा।
बता दें कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना सहित अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए अब किसानों को फार्मर रजिस्ट्री कराना अनिवार्य है, बिना इसके किसान सम्मान निधि की आगामी किस्त देय नहीं होगी। फार्मर रजिस्ट्री की अन्तिम तारीख 31 जनवरी 2025 है। किसान किसी भी कॉमन सर्विस सेंटर/जन सुविधा केंद्र (CSC) पर जाकर फार्मर रजिस्ट्री करा सकते हैं, उनके पास आधार ओटीपी पाने के लिए आधार लिंक करने वाला मोबाइल नंबर होना अनिवार्य है। फार्मर रजिस्ट्री पंचायत सहायक/लेखपाल/प्राविधिक सहायक (कृषि) से संपर्क कर भी कराई जा सकती है। सभी किसान जल्द से जल्द अपनी फार्मर रजिस्ट्री आवश्यक रूप से तैयार करा लें, जिससे आप की पीएम किसान सम्मान निधि की किस्त में किसी भी प्रकार की कोई रूकावट न आए।
ऑफिशियल पोर्टल upfr.agristack.gov.in या मोबाइल ऐप (Farmer Registry UP) पर वेब पोर्टल upfr.agristack.gov.in के जरिए किसान अपने आप फार्मर रजिस्ट्री कर सकते हैं। इसमें कृषक व उसके पिता का नाम दर्ज होगा। उसके स्वामित्व वाले सभी गाटा संख्या, आधार कार्ड, मोबाइल नंबर आदि दर्ज होगा। सह खातेदार होने की स्थिति में गाटा में किसान का अंश और मोबाइल नंबर (जिस पर ओटीपी प्राप्त करना चाहते हैं) भी दर्ज कराना होगा। इस फार्मर रजिस्ट्री में और सभी जमीनों का रिकॉर्ड आधार से लिंक कर दिया जाएगा, जिसके किसानों का फार्मर आईडी कार्ड बनाया जाएगा। प्रगतिशील किसान राजकीय कृषि बीज भंडार पर भी इसका प्रशिक्षण लेकर अपनी ग्राम सभा में किसानो की फार्मर रजिस्ट्री कर सकते हैं। सभी किसान भाईयों से यह अपील की गई है कि वे अपनी फॉर्मर रजिस्ट्री आवश्यक रूप से करा लें , क्योंकि इसमें केवल 10 दिन का समय और शेष बचा है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घोषणा की कि आगामी फरवरी माह से फार्मर रजिस्ट्री पूरे राजस्थान में शुरू होगी। प्रदेशभर में इसके तहत चरणबद्ध रूप से फार्मर रजिस्ट्री के लिए कैम्प लगाए जाएंगे। ये कैंप ग्राम पंचायत स्तर पर लगाए जाएंगे, जिसको लेकर तैयारी पूरी करने तथा तथा उपखंड स्तर पर पर्यवेक्षण एवं जिला स्तर पर मॉनिटरिंग की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कैंपों में आमजन को किसी तरह की परेशानी नहीं हो। इसके अलावा, इन कैंपों में अन्य विभागों की संबंधित सेवाओं को भी शामिल करने के निर्देश दिए है। एग्रीस्टैक किसान केंद्रित समाधान उपलब्ध करवाने की दिशा में महत्वाकांक्षी पहल है, इससे राज्य के कृषि क्षेत्र में डिजिटल क्रांति की शुरूआत होगी। सीएम भजनलाल ने कहा कि इस मिशन में किसान अहम कड़ी हैं। उनको इस मिशन के प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाए, जिससे वे इससे जुड़ें और कोई भी अन्नदाता सरकार की किसान कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित नहीं रहे।
उल्लेखनीय है कि एग्रीस्टैक कृषि से संबंधित डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने की केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की परियोजना है। इसके तहत तकनीकी तौर पर क्रॉप सर्वे, फार्मर रजिस्ट्री एवं भू-संदर्भित नक्शे का एक डेटाबेस निर्माण कर प्रत्येक किसान को विशिष्ट आईडी प्रदान की जाएगी। जिसका उद्देश्य देश में कृषि पद्धतियों को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न हितधारकों को एक साथ लाना है। इसके अंतर्गत डेटा और डिजिटल सेवाओं का उपयोग करके किसानों तक पीएम किसान सम्मान निधि में ऑटोमेशन, किसान क्रेडिट कार्ड योजना सहित अन्य कल्याणकारी योजनाओं एवं सेवाओं की पहुंच को आसान बनाना है।
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