Farmers ID : कृषि को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान), प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई), और प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (पीएम-केएमवाई) के माध्यम से किसानों को वित्तीय सुरक्षा, जोखिम शमन और दीर्घकालिक सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जा रही है। इन सरकारी योजनाओं का लाभ किसानों को उचित तरीके से मिले, इसके लिए राज्य सरकारों द्वारा समर्पित प्रयास भी किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के किसानों को सभी सरकारी योजनाओं सहित अन्य कार्यक्रमों में लाभ दिलाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का सहारा ले रही है। इसके तहत कई अभियान चलाकर प्रदेशभर के किसानों के हर खेत के लिए डिजिटल बेस किसान रजिस्ट्री (फार्मर आईडी) बना रही है। जिसका उद्देश्य प्रदेश के किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने में पारदर्शिता और तेजी लाना है। 31 दिसंबर 2024 तक यह फॉर्मर रजिस्ट्री की जाएगी।
फॉर्मर रजिस्ट्री में पंजीकृत किसानों को ही केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ मिलेगा। ऐसे में फार्मर आईडी बनवाने के लिए किसानों के पास लास्ट मौका है। वहीं, फार्मर्स रजिस्ट्री कराने में पूरे प्रदेश में जौनपुर जिला सबसे आगे है, जबकि रामपुर, अंबेडकरनगर, महाराजगंज और पीलीभीत ने टॉप 5 जिलों में स्थान बनाया है।
प्रदेश में किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार द्वारा कई बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। जिसके फलस्वरूप वर्तमान में प्रदेश का किसान खुशहाल के साथ ही समृद्ध भी हो रहा है। अन्नदाताओं की आय में लगातार वृद्धि भी हो रही है। आज यूपी में लगभग 2,22,96,269 किसान निवास कर रहे हैं। ऐसे में उन्हे डिजिटल आईडी मुहैया कराने के लिए एग्री स्टैक योजना के तहत किसान रजिस्ट्री अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत प्रदेश के अन्नदाताओं के प्रत्येक खेत के लिए डिजिटल बेस किसान रजिस्ट्री बनाई जा रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 28 दिसंबर शाम 6 बजे तक प्रदेश भर में लगभग 16,65,233 फार्मर्स आईडी (किसान रजिस्ट्री) बनायी जा चुकी है। प्रदेश का जौनपुर जिला फॉर्मर आईडी बनवाने में सबसे अव्वल रहा है। 28 दिसंबर शाम 6 बजे तक 1,09,048 फॉर्मर आईडी बनाकर जौनपुर जिले ने पूरे यूपी में पहला स्थान हासिल किया है।
जौनपुर जिलाधिकारी दिनेश चंद्र सिंह ने कहा है कि अन्नदाताओं को सरकारी योजनाओं एवं अन्य कार्यक्रमों का लाभ देने के लिए किसान रजिस्ट्री (फार्मर्स आईडी) बनायी जा रही है। उसी का नतीजा है कि फार्मर्स आईडी बनाने में जौनपुर पूरे प्रदेश में पहले स्थान पर है, जबकि रामपुर फॉर्मर आईडी बनाने में दूसरे, अंबेडकर नगर तीसरे, महाराजगंज चौथे और पीलीभीत फॉर्मर रजिस्ट्री बनाने में पांचवे स्थान पर है।
रामपुर जिलाधिकारी जोगिंदर सिंह ने बताया कि 28 दिसंबर को शाम 6 बजे तक रामपुर में कुल 92,026 फार्मर्स रजिस्ट्री बनायी गयी है। जिलाधिकारी अविनाश सिंह, अंबेडकरनगर ने बताया कि जिले ने 28 दिसंबर तक 66,115 किसान आईडी बनाकर तीसरा स्थान प्राप्त किया है। महाराजगंज जिलाधिकारी अनुनय झा ने बताया कि 66,550 फार्मर्स आईडी बनाकर प्रदेश में चौथा स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने कहा, कि जिले में शिविर और अभियान चलाकर अन्नदाताओं के लिए फार्मर्स आईडी बनायी जा रही है। पीलीभीत जिलाधिकारी संजय सिंह ने बताया कि जिले ने 50,399 फॉर्मर आईडी बनाकर टॉप पांच में जगह बनायी है।
फार्मर्स आईडी यानी किसान रजिस्ट्री से अन्नदाताओं को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान), प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) समेत अन्य कल्याणकारी राज्य सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे और निर्बाध तरीके से मिल सकेगा। प्रदेश सरकार का यह कदम कृषकों के जीवन स्तर में सुधार करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बडी पहल है। ऐसे में सभी जिलाधिकारियों, ग्रामीण इलाकों में सहायक कर्मियों और स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से अभियान को गति देकर किसान रजिस्ट्री बनाई जा रही है। इस क्रम में मऊ के अपर जिलाधिकारी सत्यप्रिय सिंह ने बताया कि सरकार द्वारा किसानों के हित में चलाई जाने वाली योजनाओं एवं अन्य अनुदानों का लाभ लेने के लिए किसानों को फार्मर रजिस्ट्री में लास्ट डेट 31 दिसंबर तक पंजीकरण कराना होगा। फॉर्मर रजिस्ट्री में पंजीकरण कराने वाले किसानों को अन्य योजनाओं का भी लाभ मिलेगा। फॉर्मर रजिस्ट्री करने के लिए, इस योजना हेतु बनाए गए पोर्टल upfr.agristack.gov.in तथा मोबाइल एप Farmer Registry UP के माध्यम से किसान स्वयं रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
इसके अलावा, किसान अपने नजदीकी जन सुविधा केंद्र (सीएससी) या फिर सरकार द्वारा पंचायत भवन तथा गांव में अन्य जगहों पर लगाए गए कैंप पर जाकर निर्धारित शुल्क देकर अपनी किसान रजिस्ट्री में रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। जनसेवा केंद्र से रजिस्ट्रेशन करने के लिए किसान अपने साथ अपना आधार कार्ड, योजना से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और खतौनी की प्रति, फैमिली आइडी (परिवार पहचान संख्या) या राशन कार्ड, लेकर जाना होगा। फॉर्मर आईडी में अन्नदाता का नाम उनके पिता का नाम, उसके स्वामित्व वाले सभी गाटा संख्याएं अंकित की जाएंगी। अगर खातेदार साझा होता है, तो इस स्थिति में किसान का अंश, आधार नंबर, मोबाइल नंबर और ई-केवाईसी की जानकारी होगी। ऐसे में अगर आपने अब तक किसान रजिस्ट्री नहीं करवाई है, तो इसे तुरंत करवा लें।
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