एग्रीस्टैक योजना : खरीफ फसलों के सर्वेक्षण के लिए शुरू होगी “ई-पड़ताल”, किसानों को मिलेगा लाभ

पोस्ट -14 जुलाई 2023 शेयर पोस्ट

जानें, क्यों कर रही है योगी सरकार खरीफ फसलों की ’ई-पड़ताल, इससे किसानों को क्या होगा लाभ 

उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र द्वारा शुरू की गई एग्रीस्टैक योजना को पूरे प्रदेश में लागू करने का बड़ा फैसला लिया है। योगी सरकार इस योजना के तहत प्रदेश में दो चरणों में खरीफ फसलों की “ई- पड़ताल” करेगी। जिसमें इस साल मौजूदा खरीफ सीजन के अंतर्गत पहले फेस में 21, जबकि दूसरे फेस में 54 जिलों में ई-पड़ताल सर्वे होगा। इसमें 10 अगस्त से 25 सितंबर के बीच राज्य की कृषि योग्य भूमि पर फसलों की पैदावार का ई-पड़ताल के जरिए सर्वे किया जाएगा। प्रदेश सीएम योगी आदित्यनाथ का कहना है कि प्रदेश में किसानों को केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का समुचित लाभ पहुंचाने के लिए एग्रीस्टैक योजना को शुरू किया जा रहा है। जिसके तहत उत्तर प्रदेश में फसलों को टैक कर सर्वे का काम किया जाएगा। इस एग्रीस्टैक योजना का उद्देश्य प्रदेश में फसलों की पैदावार की ई-पड़ताल कर फसलों का डाटाबेस तैयार करना है। 

दरअसल, प्रदेश में डिजिटल फसल सर्वेक्षण “ई-पड़ताल” सर्वे के जरिए जुटाए गए डेटाबेस किसानों के लिए “वन स्टॉप सॉल्यूशन” की तरह कार्य करेगा। किसानों तक उनकी फसलों की जरूरत के अनुसार सस्ता ऋण, सरकारी अनुदान व प्रशस्ति प्रबंधन, फसलों संबंधी समस्याओं के समाधान, उच्च गुणवत्ता वाले कृषि इनपुट सहित विस्तृत बाजार तक पहुंच सुनिश्चित करने जैसी अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी। वहीं, इस डिजिटल प्लेट फार्म के जरिए प्रदेश में अब प्राकृतिक आपदा से फसलों के रकबे में नुकसान पर किसानों को समय पर समुचित मुआवजा आसानी से दिया जा सकेगा।

प्रदेश में “ई-पड़ताल” सर्वे कराने का काम शुरू

मुख्यमंत्री योगी की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश में “ई- पड़ताल” सर्वे को अंजाम देने की तैयारी पहले से शुरू हो चुकी है। इसमें राज्य, जिला और तहसील स्तर सहित कुल 4 स्तरीय कमेटियों का गठन पहले ही किया जा चुका है। इसमें सबसे मुख्य स्टीयरिंग कमेटी की अध्यक्षता खुद मुख्य सचिव करेंगे, जबकि इंप्लीमेंटेशन समिति के अतंर्गत राज्य, जिला एवं तहसील स्तर की कमेटियां कार्य करेंगी। सर्वे को अंजाम देने के लिए विभिन्न स्तरों पर स्टीयरिंग कमेटी न केवल इन सभी कमेटियों की कार्यप्रणाली की मॉनिटरिंग करेंगी, बल्कि प्रदेश में एग्रीस्टैक योजना के उचित तरीके से क्रियान्वयन के लिए सभी स्तरों पर बैठकों का आयोजन भी किया जा रहा है। 

10 अगस्त से विभिन्न चरणों में शुरू किया जाएगा “ई- पड़ताल” के जरिए सर्वे

खास बात यह है कि प्रदेश में इस वर्ष मौजूदा खरीफ सीजन के अंतर्गत फसलों के “ई- पड़ताल” सर्वे के काम अंजाम देने के लिए सरकार ने तीन करोड़ से अधिक कृषि योग्य पंजीकृत भूमि को चिन्हित किया है। प्रदेश में “ई- पड़ताल” के जरिए सर्वे का कार्य 10 अगस्त से 25 सितंबर के बीच विभिन्न चरणों में संपन्न किया जाएगा। पहले चरण में 21 और दूसरे फेज में 54 जिलों में फसलों के  सर्वेक्षण के लिए ई- पड़ताल का काम किया जाएगा। इसके लिए एग्रीस्टैक योजना के अंतर्गत ही राज्य के 75 जिलों के 350 तहसीलों के अंतर्गत आने वाले 31002 लेखपालों के अधीन क्षेत्र के 35983 ई-पड़ताल क्लस्टर्स के आंकड़ों को समावेशित किया जाएगा।  

ई-पड़ताल किसानों को लाभ देने का जरिया बनेगा  

ई-पड़ताल के जरिए सिर्फ फसलों का डाटा ही एकत्रित नहीं किया जाएगा, बल्कि किसानों लाभ देने के लिए 6 सूत्रीय प्वांइट में क्रियान्वित करने के लिए रूपरेखा भी तैयार की गई है। ई-पड़ताल के जरिए एकत्रित डेटा के आधार पर किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अतंर्गत बैंकों से केसीसी लोन पर सब्सिडी का लाभ प्राप्त होगा। इसके अलावा, फसलों की एमएसपी निर्धारण करने में भी एकत्रित डाटा मददगार साबित हो सकेगा। वहीं, सॉइल हेल्थकार्ड योजना के जरिए ई-पड़ताल से जुटाए गए डेटा कृषि योग्य भूमि के मृदा निरीक्षण के लिहाज से भी सहायक सिद्ध हो सकेगा। ई-पड़ताल से जुटाए गए आंकड़ों के अंतर्गत किसान भूमि की उर्वरता के आधार पर फसलों चयन कर उचित बुवाई कर सकते हैं। वहीं, कृषि भूमि पर फसलों के समुचित फसल क्षेत्र के निर्धारण एवं किसानों को फसलों संबंधी कस्टमाइज्ड एडवायजरी जारी करने के लिहाज से भी ई-पड़ताल महत्वपूर्ण योगदान निभाएगा।

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