Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana : खरीफ सीजन 2016 से शुरू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) देश के सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए उपलब्ध है। इस योजना के अंतर्गत अगर फसलों का बीमा लेने वाले बीमित किसानों की फसलों को प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान होता है, तो उन्हें क्षतिपूर्ति के लिए मुआवजा दिया जाता है। पीएमएफबीवाई की शुरुआत से अब तक 27 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने एक या अधिक सीजन में इस योजना को लागू किया है। वर्तमान में 23 राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का कार्यान्वयन कर रहे हैं और किसानों की नुकसान भरपाई के लिए बीमा दावा लाभ प्रदान कर राहत पहुंचा रहे हैं। इस कड़ी में राजस्थान राज्य में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) के तहत खरीफ 2023 सीजन और रबी 2023-24 की फसल बीमा दावा राशि का वितरण किया जा रहा है। इसके लिए, राज्य सरकार ने 2595 करोड़ रुपए की राशि जारी की है। इस राशि से प्रभावित किसानों को फसल बीमा दावा राशि का भुगतान किया जा रहा है। विधानसभा में कृषि मंत्री की तरफ से उद्योग मंत्री के.के. विश्नोई ने यह जानकारी दी है।
विधानसभा में उद्योग मंत्री के.के. विश्रोई ने बताया कि पीएमएफबीवाई (PMFBY) के तहत खरीफ वर्ष 2023 और रबी सीजन 2023-24 के लिए फसल बीमा दावा राशि का भुगतान किसानों को किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पीएम फसल बीमा योजना के तहत रबी 2023-24 के लिए 1012.10 करोड़ रुपए की बीमा दावा राशि (Insurance claim amount) किसानों को वितरित कर दी गई है, जबकि शेष राशि का भुगतान शीघ्र कर दिया जाएगा। इसी प्रकार, खरीफ वर्ष 2023 के लिए कुल 1583.53 करोड़ रुपए की राशि किसानों को वितरित कर दी गई है।
शून्यकाल में, उद्योग राज्य मंत्री विश्रोई ने सदन के सदस्य अजय सिंह द्वारा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से उठाए गए प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि नागौर (डीडवाना-कुचामन) सहित जिले के अविवादित फसल कटाई प्रयोग (Uncontroversial crop harvesting experiments) और फसल कटाई उपरांत होने वाले नुकसान के आधार पर पीएमएफबीवाई (PMFBY) के क्रियान्वयन के अंतर्गत खरीफ 2023 के लिए 1,91,735 पॉलिसी धारक कृषकों को कुल 207.56 करोड़ रुपए वितरित किए गए हैं। इसी प्रकार, रबी 2023-24 के लिए 44,625 पॉलिसी धारकों को कुल 52.19 करोड़ रुपए वितरित किए गए हैं।
वहीं विधानसभा में उठाए गए एक ओर अन्य प्रश्न का जवाब देते हुए उद्योग मंत्री ने कहा कि, पीएम फसल बीमा योजना के तहत विधानसभा क्षेत्र अनूपगढ़ में रबी वर्ष 2023-24 के लिए 289 किसानों को 22 लाख रुपए के इंश्योरेंस क्लेम की राशि वितरित की गई है और 157 कृषकों को 1 करोड़ 39 लाख रुपए के क्लेम राशि वितरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
बकाया बीमा क्लेम भुगतान हेतु राज्य सरकार द्वारा अनुबंधित बीमा कंपनियों से समन्वय कर किसानों को शीघ्र भुगतान करवाने की कार्यवाही की जा रही है, उन्होंने सदन को ऐसा भरोसा दिलाया। विश्रोई ने बताया कि एनईएफटी बाउंस होने पर इंश्योरेंस कंपनी द्वारा किसानों को पुनः बैंक खातों का समुचित विवरण लिया जाता है। तकनीकी कारणों से बीमा दावा राशि बकाया होने की स्थिति में ब्याज दिए जाने का प्रावधान नहीं है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के मुताबिक, पीएमएफबीवाई राज्यों के साथ-साथ किसानों के लिए भी स्वैच्छिक है। राज्य/केंद्र शासित प्रदेश अपनी जोखिम धारणा और वित्तीय विचारों आदि को ध्यान में रखते हुए इस योजना के तहत सदस्यता लेने के लिए स्वतंत्र हैं। केंद्र ने 2021-22 से 2025-26 तक की अवधि के लिए 69,515.71 करोड़ रुपए के कुल परिव्यय के साथ 2025-26 तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) और `पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (RWBCIS) को जारी रखने की अनुमति दे दी है। पीएमएफबीवाई के तहत बीमा मॉडल का चयन, पारदर्शी बोली प्रक्रिया के माध्यम से बीमा कंपनियों का चयन, किसानों का नामांकन, स्वीकार्य दावों की गणना के लिए फसल उपज/फसल हानि का आकलन जैसे सभी प्रमुख कार्य संबंधित राज्य सरकार या राज्य सरकार के अधिकारियों और संबंधित बीमा कंपनी की संयुक्त समिति द्वारा किए जा रहे हैं।
पीएम फसल बीमा योजना राज्य सरकार द्वारा कार्यान्वित की जाती है, इसलिए बीमित किसानों के दावों से संबंधित शिकायतों सहित शिकायतों के समाधान के लिए, योजना के संशोधित परिचालन दिशा-निर्देशों में स्तरीकृत शिकायत निवारण तंत्र अर्थात जिला स्तरीय शिकायत निवारण समिति (डीजीआरसी), राज्य स्तरीय शिकायत निवारण समिति (एसजीआरसी) का प्रावधान किया गया है। इन समितियों को परिचालन दिशा-निर्देशों में उल्लेखित विस्तृत अधिदेश दिए गए हैं, ताकि शिकायतों की सुनवाई की जा सके और निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार उनका निपटान किया जा सके।
शिकायत निवारण प्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए, कृषि रक्षक पोर्टल और हेल्पलाइन (केआरपीएच) विकसित किया गया है। अखिल भारतीय टोल फ्री नंबर 14447 शुरु किया गया है और इसे बीमा कंपनियों के डेटाबेस से जोड़ा गया है, जहां किसान अपनी शिकायतें/मुद्दे उठा सकते हैं। इन शिकायतों/मुद्दों के समाधान के लिए समय सीमा भी तय की गई है। सरकार दावों के समय पर निपटान सहित बीमा कंपनियों के कामकाज की नियमित निगरानी कर रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि योजना के तहत पात्र लाभ समय पर और पारदर्शी तरीके से किसानों तक पहुंचे।
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