बाड़ी योजना: गौठानों में लहलहाती फसलों को बेचकर महिलाओं ने कमाए 43.20 लाख रुपए

पोस्ट -16 जून 2023 शेयर पोस्ट

बाड़ी योजना : सरकार की इस योजना का लाभ लेकर महिलाएं कर रही लाखों की इनकम

छत्तीसगढ़ सरकार खेतीबाड़ी में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने एवं उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसके लिए राज्य में कई महत्वाकांक्षी योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं के अंतर्गत महिलाओं को कृषि की विभिन्न गतिविधियों से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की विशेष प्राथमिकता वाली महत्वाकांक्षी नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी योजना के अंतर्गत गोठानों में सामुदायिक बाड़ी योजना अत्यंत लाभप्रद साबित हो रही है। योजना के अंतर्गत संचालित गौठानों से महिलाओं को लाखों रुपए की इनकम हो रही है। इस योजना के तहत आदिवासी महिलाएं स्वयं सहायता समूह बनाकर गौठानों में सब्जियों की खेती कर रही हैं। महिलाएं सामुदायिक प्रयास से बाड़ी योजना के तहत गौठानों में बारहमासी फल, फूल एवं सब्जियां लहलहा रही हैं। इस योजना से महिलाओं को काफी लाभ पहुंचा है। गौठानों में महिलाओं को खेती की विभिन्न गतिविधियों से जोड़कर उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है। बता दें कि राज्य के कई ग्रामीण क्षेत्र आज भी काफी पिछड़े हुए हैं। इन क्षेत्रों में महिलाओं को रोजगार देने के लिए सरकार इन योजनाओं का संचालन कर रही है। आईये, इस लेख के माध्यम से इस खबर के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

महिला समूहों ने अर्जित की 43.20 लाख रुपए की आमदनी

गौठानों के लिए शुरू की गई बाड़ी योजना बहुउपयोगी सिद्ध हो रही है। इस योजना के फलस्वरूप गौठानों में बारहमासी फल, फूल एवं सब्जियां लहलहा रही है। स्वयं-सहायता समूह की महिलाएं इन फसल उत्पादों को बेचकर अच्छी इनकम कर रही है। राज्य के बालोद जिले के गोठानों की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने फल, फूल एवं सब्जियां को बेचकर 43 लाख 20 हजार रूपए की आमदनी अर्जित की है। गौठानों में बाड़ी योजना के अंतर्गत साग- सब्जियों के उत्पादन से लोगों को पौष्टिक साग-सब्जियां मिल रही है। इसके अलावा गौठानों में उगाए गए पेड़-पौधे पर्यावरण के संरक्षण एवं संर्वधन के लिए काम आ रहे हैं। इस योजना से जुड़े गौठानों में काम कर रहे स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए आमदनी का एक अहम जरिया बन गई है। 

अदरक ब्रीडर कंद से बीजोत्पादन का किया जा रहा है कार्य 

बाड़ी योजना के अंतर्गत बालोद जिले के गुरूर विकासखण्ड के अरमरीकला गौठान में 1.40 एकड़ भूमि पर बरबट्टी, टमाटर, भिड़ी, बैगन, प्याज और गोभी वर्गीय फसल के उत्पादन के साथ-साथ अदरक ब्रीडर कंद से बीजोत्पादन का काम भी किया जा रहा है। इसकी जिम्मेदारी उज्ज्वला योजना स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को दी गई है। इसमें समूह की अध्यक्ष उषा बाई के अलावा 12 अन्य महिलाएं कार्यरत हैं। 

उद्यानिकी विभाग द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही है आदान सामग्री 

स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को इसके लिए उद्यानिकी विभाग द्वारा आदान सामग्री के रूप में 57 हजार 600 रूपये की राशि का 7.20 क्विंटल बीज सब्सिडी के तौर पर उपलब्ध कराया जा रहा है। सब्जियों के उत्पादन में समूह द्वारा 60 हजार रुपये की लागत लगाकर 1.80 लाख रुपए की आमदनी बाजार में सब्जी बेचकर की गई है। वहीं, अदरक बीजोत्पादन योजना से 18 क्विंटल का उत्पादन किया गया जिससे 1.40 लाख रुपए की आमदनी हुई है। इसके अलावा, अरमरीकला के एकता स्वयं सहायता समूह एवं आत्मा स्वयं सहायता समूह द्वारा भी 2.40 एकड़ भूमि में बाड़ी योजना से सब्जी बेचकर 1.04 लाख रुपए की आमदनी अर्जित की गई है। वर्तमान में गौठानों में खरीफ सीजन 2023-24 के लिए सब्जी फसल लगाने की तैयारी की जा रही है। इससे तय समय में सब्जी उत्पादन से अधिक से अधिक आमदनी अर्जित की जाएगी।

138 महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा किया जा रहा सब्जी उत्पादन

बालौद जिले में चयनित 185 गौठानों में सामुदायिक बाड़ी निर्मित की गई है, जिसमें 138 महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा सब्जी उत्पादन का काम किया जा रहा है। बालौद जिले में इस प्रकार की महात्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत करीब 2308 महिलाएं सब्जी उत्पादन के काम में लगी हुई हैं। महिला स्वयं सहायता समूह को सुराजी ग्राम योजनान्तर्गत जमीन और पानी की सुविधा के साथ-साथ महिलाओं को तकनीकी जानकारी एवं आदान सामग्री के रूप में बीज उपलब्ध कराया जाता है। इस प्रकार बालोद जिले के गौठानों में संचालित बाड़ी योजनांतर्गत स्वयं सहायता महिला समूहों द्वारा फल-फूल एवं कंदवर्गीय सब्जी उत्पादों को बेचकर अब तक 43.20 लाख रुपए का लाभ अर्जित किया जा चुका है। 

Website - TractorGuru.in
Instagram - https://bit.ly/3wcqzqM
FaceBook - https://bit.ly/3KUyG0y

`

Quick Links

Popular Tractor Brands

Most Searched Tractors