Krishi Yantra Subsidy Application : गेहूं की कटाई के बाद जायद मौसम की फसलों की बुवाई का काम किसानों द्वारा शुरू कर दिया गया है। वर्तमान में ज्यादातर किसान अपनी फसल की कटाई कंबाइन हार्वेस्टर से करते हैं। गेहूं फसल की कटाई उपरांत किसान खेत में पड़े फसल अवशेष (नरवाई) को आग लगाकर नष्ट कर देते हैं, जिससे पर्यावरण प्रदूषण के साथ-साथ मिट्टी की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है, जिसको देखते हुए कृषि विभाग, जबलपुर द्वारा फसल अवशेष यानी नरवाई के प्रबंधन (Crop Residue Management) और जायद सीजन में मूंग एवं उड़द की बुआई को लेकर जरूरी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। वहीं राज्य के किसानों के लिए सरकार की ओर से बड़ी खुशबखरी भी सामने आई है। प्रदेश में कृषि यंत्रों पर अनुदान का लाभ देने हेतु आवेदन की अंतिम तिथि को बढ़ाया गया है। इसके तहत अब किसान हैप्पी सीडर सहित विभिन्न ट्रैक्टर चलित व शक्ति चलित कृषि यंत्रों के लिए आवेदन 16 अप्रैल तक कर सकेंगे।
कृषि विभाग के अनुसार, फसल कटाई उपरांत खेत में शेष बचे फसल अवशेष (नरवाई) में आग लगा दी जाती है, जिसके मिट्टी में उपस्थित लाभदायक सूक्ष्म जीवाणु भी नष्ट हो जाते हैं। इससे भूमि में उपलब्ध जैव विविधता समाप्त हो जाती है और सूक्ष्म जीवों के नष्ट होने से मिट्टी में जैविक पोषक तत्वों का निर्माण रूक जाता है। फलस्वरूप खेत की उत्पादकता कम हो रही है तथा खेत धीरे-धीरे बंजर हो जाता है। विभाग के मुताबिक, बिना फसल अवशेषों (भूसा, तना, डंठल, पत्ते और छिलके) को जलाए और बिना खेत की तैयारी के धान व मूंग, उड़द जैसी दलहन फसलों की सीधी बुवाई हैप्पी सीडर, सुपर सीडर व स्मार्ट सीडर जैसे कृषि यंत्रों की मदद से की जा सकती है।
खास बात यह है कि प्रदेश में इन कृषि यंत्रों पर सब्सिडी का लाभ देने के लिए ई-कृषि यंत्र अनुदान योजना के अंतर्गत किसानों से आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं। इसके तहत किसान सब साइलर, बैकहो / बैकहो लोडर, रेज्ड बेड प्लांटर विथ इन्कलाइंड प्लेट प्लांटर एंड शेपर, स्टोन पिकर, पॉवर स्प्रेयर / बूम स्प्रेयर, लेजर लेंड लेवलर, फर्टिलाईजर ब्राडकस्टर, हैप्पी सीडर एवं पल्वेराइजर के लिए आवेदन कर सकते हैं। कृषि कल्याण विभाग की इस योजना के अंतर्गत इन 9 प्रकार के ट्रैक्टर चलित और शक्तिचलित कृषि यंत्रों के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा सामान्य वर्ग के किसानों को अलग-अलग प्रकार की सब्सिडी दी जाएगी।
उपसंचालक कृषि के अनुसार, संचालनालय कृषि अभियांत्रिकी विभाग, मध्यप्रदेश की कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत हैप्पी सीडर सहित निम्न कृषि यंत्रों के जिलेवार जारी लक्ष्य में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु एवं सीमांत एवं सभी सामान्य वर्ग कृषकों के लिए अलग-अलग श्रेणी के कृषि यंत्रों पर अलग अलग प्रकार की सब्सिडी दी जाएगी। उपसंचालक कृषि, जबलपुर के अनुसार, हैप्पी सीडर की कीमत करीब 2 लाख व सुपर सीडर की कीमत दो से ढाई लाख रूपए है। शासन द्वार यंत्र पर प्रदाय अनुदान राशि लघु- सीमांत, अनुसूचित जाति, जनजाति एवं महिला कृषकों को लागत का 50 प्रतिशत एवं सामान्य कृषकों को कीमत का 40 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इससे किसानों को हैप्पी सीडर पर 65 हजार से 80 हजार रुपए एवं सुपर सीडर पर 80 हजार से 1.50 लाख रुपए की सब्सिडी मिल रही है।
यंत्र प्राप्ति के लिए कृषि अभियांत्रिकी विभाग के पोर्टल पर ऑन डिमांड कैटेगरी में आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। संचालनालय कृषि अभियांत्रिकी, मप्र, भोपाल द्वारा वर्तमान में जारी कृषि यंत्रों के आवेदन की अंतिम तिथि 16 अप्रैल 2025 तक बढ़ा दी गई है। पहले आवेदन की अंतिम तिथि 8 अप्रैल 2025 रखी गई थी। प्राप्त आवेदनों के विरुद्ध लॉटरी दिनांक 17 अप्रैल 2025 को संपादित की जाएगी। शेष शर्तें यथावत रहेंगी। इच्छुक व्यक्ति कृषि यंत्रों के लिए 16 अप्रैल 2025 तक आवेदन कर सकेंगे। अधिक जानकारी के लिए एन एल मेहरा सहायक कृषि यंत्री जबलपुर 8889479405 और श्री वी वी मौर्य सहायक कृषि यंत्री, कटनी 9425469228 से संपर्क किया जा सकता है। कृषि यंत्र अनुदान योजना में कृषि हैप्पी सीडर के लिए राशि 4500/- रुपए का डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) जरूर बनवानी पड़ेगी। डीडी बनवाने के बाद ही किसान योजना में आवेदन कर पाएंगे।
कृषि विभाग के मुताबिक, कंबाइन हार्वेस्टर से गेहूं फसल की कटाई उपरांत खेत में 8 से 12 इंच के तना/ डंठल शेष रहते हैं, जिन्हें कृषि यंत्र स्ट्रा रीपर के इस्तेमाल से भूसा बनाया जा सकता है। जिसका उपयोग पशुओं को चारे व अतिरिक्त आय के साधन के रूप में किया जा सकता है। नरवाई को बिना आग लगाए नष्ट करने के लिए रोटावेटर का उपयोग किया जा सकता है। इससे नरवाई यानी फसल अवशेष के बारीक टुकड़ों को मिट्टी में मिलाया जाता है, जो समय के साथ-साथ धीरे-धीरे जैविक खाद में तब्दील हो जाते हैं। इससे भूमि की उर्वरता शक्ति बढ़ती है और अगली पैदावार में वृद्धि होती है।
निर्देश के मुताबिक, हैप्पी सीडर-सुपर सीडर एवं स्मार्ट सीडर की सहायता किसान मूंग, उड़द की बोनी बिना खेत तैयार किए कर सकते हैं। हैप्पी सीडर को 45 हॉर्स पावर या उससे अधिक हॉर्स पावर के ट्रैक्टर से चलाया जा सकता है। लेकिन 50 एचपी के ट्रैक्टर से हैप्पी सीडर को आसानी से चलाया जा सकता है। हैप्पी सीडर में एक रोटर लगा होता है, जिस पर लेच लगे होते हैं। यह खड़े हुए तना को काट-काट कर गिराते हैं एवं पीछे से बोनी हो जाती है। कटा हुआ भूसा भूमि की सतह पर फैल जाता है एवं समय के साथ-साथ धीरे-धीरे सड़कर कार्बनिक पदार्थ में बदल जाता है। भूसे की सतह के कारण वाष्पीकरण कम होता है, जिससे एक सिंचाई की भी बचत होती है। हैप्पी सीडर के उपयोग से खेत तैयार करने की लागत में भी कमी आती है। वहीं, सुपर सीडर को चलाने हेतु लगभग 60 हॉर्स पावर के ट्रैक्टर की आवश्यकता होती है। सुपर सीडर भी भूसे को काटकर मिट्टी में दबा देता है और पीछे से बीज की बोनी कर देता है।
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