National Livestock Mission Scheme : देश के ग्रामीण क्षेत्र में सरकार द्वारा किसानों व युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है। सरकार इसके लिए “राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना” संचालित कर रही है। इस योजना के अंतर्गत विभिन्न परियोजनाएं लागू कर पशु / पक्षियों के पालन हेतु आर्थिक मदद प्रदान की जा रही है। इस कड़ी में राजस्थान के बाड़मेर जिले में पशुपालकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और पशुपालन से जुड़ी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना में किसानों को भेड़, बकरी और मुर्गी पालने के साथ ही चारा विकास के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। इस मिशन योजना के माध्यम से जो किसान अपनी आमदनी बढ़ाना चाहते हैं या खुद का रोजगार शुरू करना चाहते हैं, उन्हें सरकार की ओर से आर्थिक मदद प्रदान की जाती है।
बता दें कि सरहदी बाड़मेर में अधिकतर किसान कृषि और पशुधन पर ही आश्रित रहते हैं। इसलिए, सरकार राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के तहत यहां के लोगों को भेड़-बकरी और मुर्गी पालन से रोजगार देने का प्रयास कर रही है, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जा सके। आइए, जानते हैं कि सरकार की इस योजना के तहत पशुपालन के लिए कितना अनुदान मिलेगा और फार्मिंग यूनिट के लिए कितना खर्च आएगा।
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. विनय मोहन खत्री ने बताया कि “राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना” के माध्यम से सरकार भेड़, बकरी और मुर्गी पालने के साथ ही चारा विकास के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी दे रही है। एनएलएम योजना के तहत 50 लाख रुपए की लागत के मुर्गी फार्म (Poultry Farm) पर अधिकतम 25 लाख का अनुदान दिया जाएगा। इसी प्रकार भेड़ व बकरी फार्मिंग यूनिट के लिए अधिकतम 50 लाख का अनुदान सरकार किसानों को दे रही है। वहीं, चारा ब्लॉक बनाने या चारा मूल्यवर्धन यूनिट की स्थापना पर अधिकतम 50 लाख रुपए सब्सिडी देने की व्यवस्था की गई है। यह अनुदान राशि 2 समान किस्तों में किसान व पशुपालकों को दी जाती है। उन्होंने बताया कि पहली किस्त बैंक की ओर से ऋण उपलब्ध कराने पर और दूसरी परियोजना का कार्य पूरा होने पर दी जाएगी, जो सरकार की तरफ से ऋण देने वाले बैंक के तहत दी जाती है।
डॉ. खत्री ने बताया कि जो किसान अपनी आय बढ़ाना चाहते हैं और खुद का रोजगार करना चाहते हैं, उन्हें राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के तहत आर्थिक मदद प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत सरकार की ओर से किफायती ब्याज दर व बेहद आसान प्रक्रिया के साथ ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। इसके लिए किसी भी सरकारी या निजी बैंक से राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के तहत आवेदन किया जा सकता है।
आवेदक आधिकारिक वेबसाइट https://nlm.udyamimitra.in/login पर ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकता है। कोई भी व्यक्तिगत किसान, स्वयं सहायता समूह, किसान उत्पादक संगठन, किसान सहकारिताएं, संयुक्त देयता समूह एवं धारा 8 के तहत स्वीकृत कंपनियां राष्ट्रीय पशुधन मिशन के लिए आवेदन कर सकती हैं। इसके अलावा, राजस्थान सरकार द्वारा चालू वर्ष के लिए बकरी पालन योजना का क्रियान्वयन भी किया जा रहा है। इस योजना के माध्यम से सरकार बकरी फार्म स्थापित करने के लिए लाभुकों को 5- 50 लाख रुपए तक का ऋण तथा इस ऋण पर 50- 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी दे रही है। राज्य के अनुसूचित जाति/जनजाति एवं सामान्य वर्ग के स्थाई निवासी किसान परिवार राजस्थान बकरी पालन योजना के तहत लाभ उठा सकते हैं। राजस्थान सरकार की इस योजना में बेरोजगार नागरिक, छोटे किसान व ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को प्राथमिकता से लाभ देने का प्रावधान किया गया है।
बता दें कि पशुपालन में अगर आप 100 बकरियों की पालन (Goat Farming) इकाई स्थापित करना चाहते हैं, तो इसके लिए लागत करीब 20 लाख रुपए तक आती है। इस पर केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही योजना राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत 50 प्रतिशत या अधिकतम 10 लाख रुपए की सब्सिडी मिल जाती है। इसी प्रकार योजना के तहत 50 लाख रुपए की सब्सिडी का लाभ लेने के लिए 500 बकरियां की इकाई स्थापित करनी होंगी। इसके लिए आपको प्रोजेक्ट में 25 बीजू बकरियां भी रखनी होंगी। राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के तहत 500 बकरियों और 25 बीजू बकरियों के पालन की इकाई परियोजना लागत 1 करोड़ रुपए तय की गई है, जिस पर सरकार की ओर से 50 प्रतिशत यानी 50 लाख रुपए की सब्सिडी दी जाती है। हालांकि आप किस राज्य में बकरी पालन कर रहे हैं, यह इस पर भी निर्भर करता है क्योंकि इस तरह की परियोजनाएं राज्य सरकार की ओर से लागू की जाती हैं। बकरी पालन पर एकल किसानों में पुरुष और महिला दोनों को अनुदान लाभ देने का प्रावधान है।
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