फसल मुआवजा : बाढ़ से बर्बाद फसल पर मिलेगा 15 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा

पोस्ट -21 जुलाई 2023 शेयर पोस्ट

जानें, किन किसानाें को मिलेगी फसल मुआवजा राशि और कैसे करना होगा आवेदन     

crop loss compensation haryana :  हरियाणा में बारिश के चलते कई इलाकों के खेत अभी भी जलमग्न है। जिसके कारण खेतों में लगी धान सहित अन्य खरीफ फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। बारिश और बाढ़ से राज्य में हजारों एकड़ में बोई गई धान, कपास, मक्का और चारा फसलें बर्बाद हो चुकी है। बर्बाद फसलों की क्षतिपूर्ति के लिए हरियाणा की खट्टर सरकार 15 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से मुआवजा देगी। 

12 जिले बाढ़ से प्रभावित, 18 हजार एकड़ में फसल बर्बाद

मानसून सीजन में बारिश ने कई राज्यों में भारी तबाही मचाई हुई है। देश के अलग-अलग राज्यों में हो रही कम और  ज्यादा बारिश ने कृषि क्षेत्र को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। देश के अलग-अलग इलाकों में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते खेतों में अभी भी पानी भरा हुआ है। इसके चलते खेतों में बुवाई-रोपाई की गई खरीफ फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। इस बीच हरियाणा के अलग-अलग इलाकों में बारिश और बाढ़ से खेतों में रोपी गई धान सहित अन्य फसलें बड़े पैमाने पर बर्बाद हो गई है। प्रारंभ‍िक अनुमान में पता चला है कि‍ हरियाणा में भारी बारिश के कारण लगभग 18 हजार एकड़ में फसल पूरी तरह से तबाह हो गई है। राज्य के 12 जिले बाढ़ से प्रभावित है और 35 लोगों की मौत हो गई। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बारिश से बर्बाद फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए प्रभावित किसानों को मुआवजा देने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन इलाकों में बाढ़ के कारण फसलें 100 प्रतिशत बर्बाद हुई है। उन इलाकों में किसानों को 15 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन खेतों में से बाढ़ का पानी निकल गया है। उन खेतों में 31 जुलाई तक दोबारा धान की रोपाई की जाएगी। इसके लिए किसानों को धान के पौधे फ्री में उपलब्ध कराए जाएंगे। 

इन जिलों को बाढ़ प्रभावित घोषित किया

चंडीगढ़ में आयोजि‍त एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम मनोहरलाल ने घोषणा की कि हरियाणा सरकार राज्य में हाल में हुई बारिश से बर्बाद फसलों के लिए 15 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा देगी। उन्होंने कहा कि राज्य के 12 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। हरियाणा के जिन जिलों को बाढ़ प्रभावित घोषित किया गया है उनमें पंचकूला, अंबाला, करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र, पानीपत, सोनीपत, सिरसा और यमुनानगर शामिल हैं।

मृतक के निकट परिजन को मुआवजे के रूप में मिलेंगे 4 लाख रुपए

खट्टर ने संवाददाताओं से कहा कि पंजाब और हरियाणा के कई जिले पिछले सप्ताह भारी बारिश से प्रभावित हुए जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया और बड़ी संख्या में रिहायशी इलाकों और कृषि क्षेत्रों में पानी भर गया। भारी बारिश के कारण 35 लोगों की मौत हो गई। प्रत्येक मृतक के निकट परिजन को मुआवजे के रूप में 4-4 लाख रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राहत और बचाव के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और सेना की कई टीम को बुलाया गया है। 6629 लोगों को 41 राहत शिविरों में ले जाया गया। फिलहाल, 1774 लोग अब भी शिविरो में रह रहे हैं, जबकि बाकी लोग अपने घर लौट चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 3369 बिजली के खंभे और 1470 ट्रांसफॉर्मर क्षतिग्रस्त हो गये।

बारिश और बाढ़ से ये फसलें हुई बर्बाद

खट्टर ने कहा कि भारी बारिश और बाढ़ के कारण राज्य में 18 हजार एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैली फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। राज्य में लगभग 14 हजार एकड़ में चारा फसलों की बर्बादी हुई है, जिससे पशुओं के लि‍ए चारे की दि‍क्कत होगी। 1500 एकड़ में कॉटन की फसल खराब हुई है और इसी प्रकार करीब 1 हजार एकड़ में मक्के की फसल को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने डि‍जास्टर मैनेजमेंट फंड से बाढ़ प्रभाव‍ित जि‍लों में 80 रुपए प्रति बड़े जानवर और 45 रुपए प्रति छोटे जानवरों के लिए राशि भेजने का निर्णय लिया है, जिससे पशुओं को चारे की किसी प्रकार कोई दिक्कत नहीं हों। वहीं, बाढ़ प्रभाव‍ित जि‍लों में 50 लाख पशुओं का टीकाकरण करवाया गया है, जिससे कि पशुओं में काेई बीमारी न फैले। मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी घटने पर बाढ़ प्रभावित इन क्षेत्रों में 31 जुलाई तक धान की रोपाई दोबारा की जाएगी। 

मुआवजा लेने के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर करें क्लेम

मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने कहा कि राज्य के बाढ़ प्रभावित जिलों के किसान बोई गई फसलों का ब्यौरा 31 जुलाई तक पोर्टल पर अपडेट कर दें। इसके बाद राज्य में 15 अगस्त तक सर्वे और मॉन‍िटरिंग का कार्य विभाग द्वारा किया जाएगा। फि‍र कोई भी कि‍सान रजि‍स्ट्रेशन नहीं कर पाएगा। कि‍सानों से कहा जा रहा है इस बार वो अपनी खाली कृषि‍ भूमि का भी रज‍िस्ट्रेशन पोर्टल पर करें। बारिश और बाढ़ के दौरान हुए फसलों में नुकसान का मुआवजा के लिए ई-क्षति‍पूर्ति‍ पोर्टल पर क्लेम करना होगा। उन्होंने कहा कि पोर्टल 1 महीने के लि‍ए खुला है। प्रत्येक सप्ताह जो आवेदन आएंगे उनका सत्यापन कर मुआवजा की राशि प्रभावित किसानों के खातें में भेजी जाएगी। 

इस कारण बाढ़ की आई नौबत 

मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हरियाण में बीते दिनों सामान्य से 110 एमएम बारि‍श अधिक हुई। जिसमें यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, पंचकूला और अंबाला में सामान्य से दस गुना बारिश अधिक हुई है। वहीं, हि‍माचल प्रदेश से भी भारी मात्रा में पानी आया। यमुना, घग्गर, सरस्वती, मारकंडा और टांगरी, में पानी ज्यादा आया, जिसके चलते राज्य में बाढ़ की नौबत आई।

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