यूरिया गोल्ड फर्टिलाइजर हुआ लॉन्च, फसल का बढ़ेगा उत्पादन, किसानों को मिलेगा लाभ

पोस्ट -31 जुलाई 2023 शेयर पोस्ट

प्रधानमंत्री मोदी ने लॉन्च किया यूरिया गोल्ड फर्टिलाइजर, कम होगी उर्वरक की खपत और बढ़ेगा उत्पादन

राजस्थान के सीकर जिले में गुरूवार को एक जनसभा के दौरान पीएम मोदी ने नई खाद “यूरिया गोल्ड यानी सल्फर यूरिया” (Sulphur Coated Urea) को लॉन्च किया है। देश में खेती करने वाले करोड़ों किसानों को इससे कई लाभ होंगे। यूरिया गोल्ड या सल्फर कोटेड यूरिया फर्टिलाइजर के इस्तेमाल से मिट्टी में सल्फर की कमी दूर होगी और फसलों की क्वालिटी व पैदावार भी बढ़ेगी। 

जानें, यूरिया गोल्ड या सल्फर कोटेड यूरिया क्या है, इससे किसानों को क्या लाभ होगा? 

Sulphur Coated Urea : कृषि में मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करते हुए, अच्छी क्वालिटी वाली फसल का उत्पादन लेने के लिए नए-नए उवर्रकों ( Fertilizer) को विकसित किया जा रहा है। पहले नीम कोटेड यूरिया, इफ्को नैनो यूरिया और इफ्को नैनो डीएपी (तरल) फर्टिलाइजर को लॉन्च किया गया। फसलों से गुणवत्ता युक्त बेहतर उत्पादन लेने के लिए आज देश के करोड़ों किसानों द्वारा इन फर्टिलाइजरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। पारंपरिक खादों की तुलना में ये फर्टिलाइजर किसानों को आधे से कम कीमतों पर उपलब्ध है। साथ ही ये भूमि की उर्वरक शक्ति को बढ़ाने में मदद करते हैं। अब केंद्र सरकार ने किसानों के लिए यूरिया की नई किस्म “यूरिया गोल्ड (Urea Gold) यानी सल्फर कोटेड यूरिया” ( Sulphur Coated Urea) फर्टिलाइजर की शुरूआत की गई है। गुरूवार को राजस्थान के सीकर जिले में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूरिया गोल्ड फर्टिलाइजर  (Urea Gold Fertilizer) को किसानों के लिए लॉन्च किया है। यूरिया गोल्ड (Urea Gold) के इस्तेमाल से किसानों को खेतों में कम खाद देनी पड़ेगी और फसल की क्वालिटी भी बढ़ेगी। यह सल्फर कोटेड यूरिया मिट्टी में सल्फर की कमी को पूरा कर मिट्टी में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाएगी। राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर लिमिटेड (RCF कंपनी द्वारा यूरिया गोल्ड खाद को तैयार किया जा रहा है। आईये जानते हैं कि यूरिया गोल्ड या सल्फर यूरिया क्या है और इससे किसानों क्या फायदा पहुंचेगा? 

सल्फर कोटेड यूरिया (Urea Gold) फर्टिलाइजर से किसानों को होंगे ये फायदे

सल्फर कोटेड यूरिया या यूरिया गोल्ड को मिट्टी में उर्वरकता की कमी को दूर करने और खेती में किसानों की लगने वाली इनपुट लागत को कम करने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया है। आर्थिक दृष्टि और गुणवत्ता के हिसाब से सल्फर कोटेड यूरिया मौजूदा नीम कोटेड यूरिया फर्टिलाइजर से कही ज्यादा अच्छी है। यह यूरिया मिट्टी में सल्फर की कमी को दूर करता है। यह पौधों में नाइट्रोजन यूज एफिशिएंसी को बढ़ाता है, जिससे फसल का उत्पादन बढ़ता है। परंपरागत यूरिया या नीम कोटेड यूरिया की तुलना में सल्फर कोटेड यूरिया से नाइट्रोजन धीरे-धीरे रिलीज होती है। यूरिया गोल्ड में ह्यूमिक एसिड मिलाने से उर्वरक के रूप में इसका जीवनकाल बढ़ जाता है। इससे जमीन में उर्वरक का उपयोग भी घटेगा। जिससे  किसानों की खेती में इनपुट लागत कम लगी है। साथ ही फसल की गुणवत्ता बढ़ती है। रिपोर्ट के अनुसार, 15 किलो यूरिया गोल्ड 20 किलो पारंपरिक यूरिया के बराबर लाभ देता है। यह यूरिया किसानों के लिए अधिक किफायती और प्रभावी विकल्प बनेगा। 

सल्फर की कोटिंग वाले यूरिया गोल्ड लाने का कारण 

सल्फर कोटेड यूरिया पर काम करने वाले पूसा के कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि देश में ज्यादातर किसान फसलों से बेहतर उत्पादन लेने के लिए खेती में यूरिया खाद (Urea Fertilizer) का इस्तेमाल करते हैं। देश में कुल नाइट्रोजन उर्वरकों में से 80-82 प्रतिशत हिस्सा यूरिया खाद का है। पिछले कुछ सालों में इसकी खपत में अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की गई। परंपरागत यूरिया का लगभग 30 से 40 प्रतिशत नाइट्रोजन ही पौधों के काम आता है, बाकी वाष्पीकरण बनकर उड़ जाता है। देश की भूमि में 42 फीसदी सल्फर की कमी है, जिसके चलते इस प्रकार के यूरिया खाद को विकसित करने की जरूरत पड़ी। इस यूरिया में नाइट्रोजन की एफिशिएंसी 48 फीसदी तक है और यह जमीन में सल्फर की कमी को भी पूरी करेगी। 

जिंक और बोरोन कोटेड यूरिया भी लाई जाएगी

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा के विशेषज्ञों के मुताबिक, ज्यादातर किसान हर प्रकार की फसल उत्पादन के लिए यूरिया और अन्य नाइट्रोजन उर्वरकों का इस्तेमाल करते हैं। जिससे जमीन में पोषक तत्वों की भारी कमी होती जा रही है। ऐसे में जोखिम को कम करने के लिए अच्छी क्वालिटी के यूरिया खाद के इस्तेमाल के लिए साल 2015 में केंद्र सरकार ने यूरिया पर नीम की कोटिंग (Neem Coated Urea) करना अनिवार्य कर दिया है। इससे खेतों की उपजाऊ शक्ति को भी बढ़ाया जा सके। इसी को देखते हुए पूसा के वैज्ञान‍िकों ने फरवरी में ही सरकार को सल्फर कोटिंग यूरिया खाद का प्रजेंटेशन दिया था। सल्फर कोटिंग को लेकर सरकार ने संजीदगी दि‍खाई और इसे बहुत जल्दी शुरू कि‍या और जुलाई 2023 में खेती के लिए लॉन्च कर दिया है। मिट्टी की सेहत को ठीक करने के लिए आने वाले दि‍नों में जिंक और बोरोन कोटेड यूरि‍या भी लाई जाएगी। भारती की जमीन में जिंक की 39 फीसदी और बोरॉन की 23 फीसदी कमी बताई गई है। 

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