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Wheat Price: किसानों को MSP से ज्यादा बाजार में मिल रही गेहूं की कीमत

Wheat Price: किसानों को MSP से ज्यादा बाजार में मिल रही गेहूं की कीमत
पोस्ट -14 मई 2024 शेयर पोस्ट

किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से ज्यादा बाजार में मिल रही गेहूं की कीमत

देश का गेहूं उत्पादक किसान जिसके पास अच्छी क्वालिटी का गेहूं है, वह इस सााल गेहूं की कीमत में तेजी की उम्मीद लगाए बैठा है। वहीं देश में इस बार गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन के बावजूद सरकारी गोदाम भरेंगे या खाली रहेंगे, यह सवाल इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। सरकारी अनुमान के मुताबिक फसल वर्ष 2023-24 (जुलाई-जून) में गेहूं का उत्पादन 11.4 करोड़ टन के स्तर पर पहुंचेगा। लेकिन अभी तक सरकारी खरीद केंद्रों पर गेहूं की जितनी आवक हुई है, उस हिसाब से सरकार को गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा करने में मुश्किलें नजर आ रही हैं। केंद्र सरकार ने रबी मार्केटिंग सीजन 2024-25 के लिए गेहूं खरीद का लक्ष्य 372.9 लाख मीट्रिक टन रखा है। लेकिन 13 मई की सुबह तक 249 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है। ऐसे में पिछले दो साल की तरह इस बार भी गेहूं खरीद का सरकारी लक्ष्य अधूरा रह सकता है। आइए, ट्रैक्टर गुरु की इस पोस्ट से जानें कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं की सरकारी खरीद की क्या स्थिति है और गेहूं के बाजार भाव को लेकर किसानों को क्या उम्मीद है।

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सबसे पहले जानिए बाजार में क्या चल रहा है गेहूं का भाव (First of all know what is the price of wheat going on in the market)

केंद्र सरकार ने इस साल गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। जबकि दो राज्य राजस्थान और मध्यप्रदेश में किसानों को गेहूं पर 125 रुपए का बोनस मिल रहा है। यहां किसानों से 2400 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं की खरीद की जा रही है जबकि अन्य गेहूं उत्पादक राज्यों में सिर्फ एमएसपी पर गेहूं की खरीद जारी है। वर्तमान में गेहूं का औसत भाव 2350 रुपए प्रति क्विंटल है। बेहतर क्वालिटी के गेहूं भाव 2500 से लेकर 2700 रुपए तक चल रहा है। खेती बाड़ी डॉट कॉम के अनुसार कानपुर व कोटा मंडी में गेहूं का अधिकतम भाव 2700 रुपए बना हुआ है। गुजरात की भाव नगर मंडी में गेहूं का भाव 2600 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच चुकी है। किसान भी दीपावली के बाद तक 3000 रुपए प्रति क्विंटल तक गेहूं की कीमत पहुंचने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। 

पंजाब और हरियाणा में सबसे ज्यादा गेहूं की खरीद (Highest wheat procurement in Punjab and Haryana)

इस साल पंजाब और हरियाणा में गेहूं का बंपर उत्पादन हुआ है। केंद्र सरकार ने पंजाब और हरियाणा को गेहूं खरीद का जो लक्ष्य दिया था वह पूरा होने की उम्मीद बनी हुई है। पंजाब अपने खरीद लक्ष्य के काफी करीब पहुंच चुका है। पंजाब के लिए 130 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य है, पंजाब अब तक करीब 120 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद चुका है। सरकार ने हरियाणा के लिए 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य तय किया है, हरियाणा में करीब 70 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो चुकी है। अगर मध्यप्रदेश की बात करें तो एमपी में 80 लाख टन खरीद का टारगेट है, जहां अब तक 43.37 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है। 

उत्तरप्रदेश और राजस्थान ने किया निराश (Uttar Pradesh and Rajasthan disappointed)

भारत में गेहूं के सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तरप्रदेश ने गेहूं की सरकारी के लक्ष्य को पूरा करने में केंद्र सरकार को अभी तक निराश किया है। गेहूं के कुल उत्पादन में यूपी की हिस्सेदारी करीब 35 प्रतिशत तक है। यूपी के किसान पिछले तीन साल से गेहूं की सरकारी खरीद में रूचि नहीं दिखा रहे हैं और हर साल लक्ष्य अधूरा रह जाता है। एफसीआई के अनुसार रबी मार्केटिंग सत्र 2022-23 में यूपी को 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का टारगेट दिया गया था। इस लक्ष्य के मुकाबले मात्र 3.36 लाख मीट्रिक टन ही गेहूं की खरीद हो पाई थी। इसके बाद सरकार ने अगले सत्र 2023-24 में गेहूं खरीद का लक्ष्य घटाकर मात्र 35 लाख मीट्रिक टन तय किया, लेकिन यह टारगेट भी पूरा नहीं हुआ हुआ और मात्र 2.19 लाख मीट्रिक टन ही गेहूं की खरीद हो पाई। अब चालू विपणन सीजन 2024-25 में 60 लाख मीट्रिक टन लक्ष्य के मुकाबले अब तक मात्र लगभग 8 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है। यूपी में गेहूं की खरीद अभी 15 जून तक जारी रहेगी।

राजस्थान भी गेहूं की सरकारी खरीद में अभी तक पिछड़ा हुआ है। राजस्थान को 20 लाख मीट्रिक टन की खरीद का टारगेट दिया गया है। लेकिन अभी तक 7.57 लाख मीट्रिक टन की खरीद हुई है।

खुले बाजार में ज्यादा कीमत ने बिगाड़ा गणित (High prices in the open market spoiled the mathematics)

खुले बाजार में गेहूं की कीमत ज्यादा मिलने के कारण किसान मंडियों में ही अपना गेहूं बेचने में रूचि दिखा रहे हैं। पिछले दो साल की तरह इस साल भी गेहूं की सरकारी खरीद का लक्ष्य अधूरा रह सकता है। रबी विपणन सीजन 2022-23 में 444 लाख मीट्रिक टन और 2023-24 में 341.50 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का टारगेट सरकार ने तय किया था। इन दोनों सालों में क्रमश: 187.9 लाख मीट्रिक टन और 262 लाख मीट्रिक टन की खरीद हो पाई। इस साल 372.9 लाख मीट्रिक टन का टारगेट तय है, अब तक 249 लाख मीट्रिक टन ही गेहूं एमएसपी पर खरीदा गया है।

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