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15 जून तक चलेगी गेहूं की सरकारी खरीद, 5780 मोबाइल क्रय केंद्र सक्रिय

15 जून तक चलेगी गेहूं की सरकारी खरीद, 5780 मोबाइल क्रय केंद्र सक्रिय
पोस्ट -10 अप्रैल 2025 शेयर पोस्ट

सरकार ने गेहूं खरीद के लिए मोबाइल क्रय केंद्र शुरू किए, एमएसपी पर 100 क्विंटल तक बेचने की सुविधा।

Wheat procurement season 2024-25 : रबी की प्रमुख फसल गेहूं की कटाई का काम अब अपने चरम पर है। वहीं, रबी फसल सत्र 2024-25 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर फसल की खरीद भी अब तेजी पकड़ने लगी है। आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल की तुलना में इस बार गेहूं की खरीद में काफी तेजी दिख रही है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश में पहली बार अप्रैल के पहले सप्ताह में सरकारी क्रय केंद्रो के माध्यम से एक लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं खरीद हुई है। गेहूं की सरकारी खरीद में तेजी का कारण कटाई के पहले से ही गांव-गांव जाकर किसानों से संपर्क कर, उन्हें क्रय केंद्र पर गेहूं बेचने के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके अलावा, इस वर्ष मोबाइल क्रय केंद्र के माध्यम से किसानों के गांवों और खेतों में जाकर समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद सुनिश्चित की गई। 

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15 जून 2025 तक चलेगी सरकारी खरीद (Government procurement will continue till June 15, 2025)

गेहूं क्रय नीति 2025-26 के तहत प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं की खरीद (Wheat Procurement) 15 जून 2025 तक चलेगी। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष के लिए गेहूं का समर्थन मूल्य 150 रुपए बढ़ा दिया गया है। इस वर्ष के लिए गेहूं का समर्थन मूल्य 2,425 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया गया है। पिछले वर्ष यह मूल्य 2275 रुपये प्रति क्विंटल था। प्रदेश में अब तक 20409 किसानों से गेहूं खरीद हो चुकी है। वहीं, कुल 3.56 लाख से अधिक किसानों ने गेहूं बिक्री के लिए अपना रजिस्ट्रेशन भी करा लिया है। 

पंजीकरण एवं सत्यापन की व्यवस्था में सुधार (Improvement in the system of registration and verification)

इस सीजन गेहूं की अच्छी खरीद हो, यह सुनिश्चित करने के लिए खाद्य व रसद विभाग ने कटाई के पहले से ही गांव गांव जाकर किसानों से संपर्क साधा और उन्हें सरकारी क्रय केंद्र पर बिक्री के लिए प्रेरित किया। प्रदेश की योगी सरकार के प्रयास से पंजीकरण एवं सत्यापन की व्यवस्था में व्यापक सुधार हुआ। अब काेई भी पंजीकृत किसान सत्यापन के बिना 100 क्विंटल तक गेहूं बेच सकता है। ⁠सत्यापन के बाद कुल उत्पादकता के आधार पर अगेंस्ट उत्पादन क्षमता के तीन गुना तक गेहूं बेचने की सुविधा दी गई है, जिससे सत्यापन अथवा अभिलेखों में त्रुटि के कारण किसान को उत्पादित गेहूं बेचने में असुविधा न हो। 

पहली बार किसानों के खेत तक पहुंच खाद्य विभाग (For the first time, the Food Department reached the farmers' field)

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, खाद्य व रसद विभाग पहली बार मोबाइल क्रय केंद्रों के माध्यम से किसान के खेत तक पहुंचा। एक तरफ़ कटाई चल रही है, तो दूसरी ओर वहीं मौके पर गेहूं तौला जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के आदेश पर छुट्‌टी वाले दिनों में भी क्रय केन्द्र खुले हैं, जिससे किसानों को गेहूं बेचना काफी आसान हो गया है। योगी सरकार का यह कदम किसानों को खूब रास आ रहा है। सरकारी खरीद केंद्रों पर उपज बेचने के लिए किसानों की भारी भीड़ भी उमड़ रही है। सरकार को उम्मीद है कि इस बार खरीद के लिए तय लक्ष्य समय से पहले ही पूरा कर लिया जाएगा। 

3 लाख से अधिक किसान हुए पंजीकृत (More than 3 lakh farmers registered)

प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर सरकारी क्रय केंद्रों पर बैठने, शुद्ध पेयजल की भी समुचित व्यवस्था की गई है। अधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसानों को 48 घंटे के भीतर उपज का भुगतान सुनिश्चित करें। भारत सरकार के PFMS पोर्टल के माध्यम से 48 घंटे के अंतर्गत गेहूं के एमएसपी (MSP) का भुगतान किसानों के आधार से लिंक और एनपीसीआई पोर्टल पर मैप्ड बैंक खाते में सीधे किया जा रहा है। किसान कंप्यूटराइज्ड वेरिफाइड खतौनी, किसान रजिस्ट्रेशन और आधार की फोटो कॉपी क्रय केंद्र पर जरूर लेकर जाएं। गेहूं की बिक्री के लिए आठ अप्रैल तक 3.56 लाख से अधिक किसानों ने पंजीकरण करा लिया है।  

प्रदेश में 5780 क्रय केंद्र (There are 5780 purchasing centers in the state)

उन्होंने बताया कि ई-पॉप पर की गई खरीद के अतिरिक्त किसी भी खरीद को मान्यता नहीं दी जाएगी। मोबाइल क्रय केन्द्रों से होने वाली प्रत्येक गेहूं खरीद को ई-पॉप डिवाइस द्वारा भी कैप्चर किया जाएगा। बटाईदार किसान व मूल किसान/भूस्वामी के मध्य लिखित सहमति से मूल किसान के भूलेख तथा उसके आधारलिंक्ड मोबाइल पर ओटीपी प्रेषित कर पंजीकरण कराया जाएगा। गेहूं की बिक्री के लिए किसानों को खाद्य व रसद विभाग के पोर्टल fcs.up.gov.in या विभाग के मोबाइल ऐप UP KISAN MITRA पर पंजीकरण-नवीनीकरण कराना अनिवार्य है। खाद्य एवं रसद विभाग सहित 8 क्रय एजेंसियों द्वारा पूरे प्रदेशभर में 5780 क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं। इस वर्ष बटाईदार किसानों से भी समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद की जा रही है। 

किसान यहां करा सकते हैं पंजीकरण-नवीनीकरण (Farmers can do registration-renewal here)

खाद्य विभाग ने किसानों से अनुरोध किया है कि गेहूं को ओसाकर, मिट्टी, कंकड़, धूल आदि को साफ कर अच्छी तरह से सुखाकर ही क्रय केंद्र पर बिक्री के लिए लेकर आएं। जनसुविधा केंद्र, साइबर कैफे, मोबाइल एप्लीकेशन और वर्तमान में चालू धान क्रय केंद्र प्रभारी के माध्यम से किसान खाद्य विभाग के पोर्टल fcs.up.gov.in पर गेहूं बिक्री के लिए पंजीकरण-नवीनीकरण करा सकते हैं। क्रय केंद्रों पर प्रतिदिन गेहूं की खरीद प्रात: 8 से शाम 8 बजे तक की जा रही है। सरकार ने जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देश दिया है कि गेहूं बिक्री के दौरान किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।  किसी भी विषम परिस्थितियों के लिए खाद्य व रसद विभाग ने टोल फ्री नंबर 18001800150 जारी किया है। समस्या के समाधान के लिए किसान जिला खाद्य विपणन अधिकारी या तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी या ब्लॉक के विपणन अधिकारी से संपर्क भी कर सकते हैं।

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