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सरकार ने दुग्ध उत्पादकों को गोकुल और नन्दबाबा पुरस्कार से किया सम्मानित

सरकार ने दुग्ध उत्पादकों को गोकुल और नन्दबाबा पुरस्कार से किया सम्मानित
पोस्ट -12 मार्च 2025 शेयर पोस्ट

दुग्ध उत्पादकों ने दिया रिकॉर्ड तोड़ दूध का उत्पादन, पशुपालकों को मिला 2 लाख रुपए तक का पुरस्कार 

RECORD MILK PRODUCTION IN UP : देश में सबसे अधिक दुग्ध उत्पादन करने वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश पहले नंबर है। दुग्ध उत्पादन के मामले में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर यूं ही नहीं पहुंचा है, इसके पीछे राज्य सरकार की योजनाएं एवं दुग्ध उत्पादकों की कड़ी मेहनत है। इस कड़ी में होली से पहले उत्तर प्रदेश दुग्ध उत्पादक पशुपालकों को सरकार की ओर से बड़ा तोहफा दिया गया है। सबसे अधिक दुग्ध उत्पादन और आपूर्ति कर यूपी का नाम रिकॉर्ड में दर्ज करने वाले 107 दुग्ध उत्पादकों को प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने गोकुल पुरस्कार और नंदबाबा पुरस्कार से सम्मानित किया। इस मौके पर उन्होंने सभी विजेताओं को बधाई दी और कहा कि पुरस्कृत सभी 107 दुग्ध उत्पादकों में से 36 महिला लाभार्थी है, जो दुग्ध उत्पादन (Dairy Production) के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी का एक सशक्त उदाहरण है। बता दें कि यूपी में पशुपालकों को मुख्यमंत्री राज्य पशुधन मिशन योजना, नंद बाबा दुग्ध मिशन (Nand Baba Milk Mission) के तहत “मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन जैसी कई योजनाओं का लाभ मिल रहा है, जिसके चलते प्रदेश में डेयरी उद्योग को प्रोत्साहित कर दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा मिला है।

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प्रतीक चिह्न, पुरस्कार स्वरूप धनराशि एवं प्रमाण-पत्र दिए (Symbols, prize money and certificates were given)

पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने वर्ष 2023-24 में प्रदेश के सर्वाधिक दुग्ध आपूर्तिकर्ता (Milk Suppliers) 63 दुग्ध उत्पादकों (dairy farmers) को गोकुल पुरस्कार और गाय का सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाले 44 उत्पादकों को नंदबाबा पुरस्कार (Nanda Baba Award) से सम्मानित किया। पुरस्कृत सभी पशुपालकों को प्रतीक चिह्न, पुरस्कार स्वरूप धनराशि एवं प्रमाण-पत्र दिए गए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारतीय गोवंशीय देशी गाय के दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है और गोवंश के संरक्षण एवं संवर्धन प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। 

आय में कर सकते हैं बढ़ोतरी (can increase your income)

इस मौके पर पशुधन मंत्री ने दुग्ध उत्पादकों से दुग्ध समितियों (milk societies) के माध्यम से व्यवसाय करने का आह्वान किया और कहा कि समितियों (societies) के माध्यम से दुग्ध व्यवसाय (Dairy Business) करके और डेयरी व्यवसाय अपनाकर किसान एवं पशुपालक अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं। दुग्ध संघों एवं अधिकारियों द्वारा अनुरोध किए जाने पर उन्होंने दुग्ध अनुदान (milk subsidy) दिए जाने के संबंध में विचार किए जाने का भी आश्वासन दिया। उन्होंने प्रत्येक जनपद में अधिक से अधिक दुग्ध समितियों के गठन किए जाने और देशी गाय के दूध के उपयोग पर बल दिया। दूध प्रोसेसिंग की कमियों को दूर करने, किसानों को प्रशिक्षण देने और दुग्ध उत्पादन में नई तकनीक व नई जानकारी देने का कार्य विभाग कर रहा है, जिससे प्रति पशु दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि हो रही है। 

इन दुग्ध उत्पादकों को मिला 2 लाख रुपए की राशि का पुरस्कार (These milk producers got a reward of Rs 2 lakh)

कार्यक्रम में गोकुल पुरस्कार के तहत लखनऊ दुग्ध संघ के लखीमपुर-खीरी के वेलवा मोती समिति के वरुण सिंह को 230862.0 लीटर दुग्ध आपूर्ति के लिए राज्य स्तरीय प्रथम पुरस्कार (स्टेट लेवल फर्स्ट प्राइज)  और बरेली दुग्ध संघ के बदायूं जिले के कुवाडान्डा निवासी हरविलास सिंह को 72140.00 लीटर दुग्ध आपूर्ति के लिए द्वितीय पुरस्कार (second prize) प्रदान किया गया। इन दोनों दुग्ध उत्पादकों को 2 लाख और डेढ़ लाख रुपए की धनराशि पुरस्कार स्वरूप मिली, जबकि शेष चयनित लाभार्थियों को जनपद स्तरीय पुरस्कार (District Level Awards) के अंतर्गत 51 हजार रुपए की राशि प्रदान की गई है। इसी प्रकार नंदबाबा पुरस्कार (Nand Baba Award) के अंतर्गत लखनऊ दुग्ध संघ के रायबरेली निवासी दुग्ध समिति लालूपुर खास के लाभार्थी नरेन्द्र कुमार को 14361.00 लीटर दुग्ध आपूर्ति के लिए स्टेट लेवल फर्स्ट प्राइज से सम्मानित करते हुए पुरस्कार स्वरूप 51 हजार रुपए की नकद राशि प्रदान की गई है। इनके अतिरिक्त, डिस्ट्रिक्ट लेवल पुरस्कार के माध्यम से 21 हजार रुपए की राशि प्रदान की गई।  

गौवंशों के गले में रेडियम पट्‌टी (Radium strips around the neck of cows)

राज्य के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि राज्य सरकार निराश्रित गौवंश के कारण होने वाली आकस्मिक दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। आगामी 15 मार्च से हाईवे या मुख्य सड़कों के किनारे बसे गांवों के आसपास विचरण करने वाले गौवंशों के गले में रेडियम पट्टी लगाए जाने का काम किया जाएगा। इस अवसर पर, पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के प्रमुख सचिव के. रविन्द्र नायक ने कहा कि उत्तर प्रदेश में स्वरोजगार को बढ़ाने में, दुधारू पशुओं के पालन में दुग्ध विकास विभाग अपनी महत्वूपर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहा है। आज दुग्ध उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है, लेकिन दुग्ध उत्पादन (milk production) में अन्य प्रदेशों के मुकाबले में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता कम है, जिसमें वृद्धि करने का प्रयास है। 

किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए दिया जाता है पुरस्कार (Awards are given to encourage farmers)

प्रमुख सचिव के. रविन्द्र नायक ने बताया कि गोकुल पुरस्कार के अंतर्गत दुग्ध विकास के तहत दुग्ध उत्पादन में वृद्धि करने के लिए कृषकों को प्रोत्साहन देने को ही गोकुल पुरस्कार (Gokul Award) का वितरण प्रत्येक वित्तीय वर्ष में किया जाता है। गोकुल पुरस्कार के चयन के लिए वे ही दुग्ध उत्पादक पात्र होते हैं, जिन्होंने वित्तीय वर्ष में 5 हजार लीटर या इससे अधिक दूध दुग्ध समिति में आपूर्ति किया हो। प्रदेश की दुग्ध समिति में सर्वाधिक दुग्ध आपूर्तिकर्ता दुग्ध उत्पादक को प्रथम और द्वितीय लाभार्थी को राज्य स्तरीय पुरस्कार एवं शेष को जनपद स्तरीय पुरस्कार देकर प्रोत्साहित  किया जाता है। उन्होंने बताया कि नंदबाबा पुरस्कार के अंतर्गत दुग्ध विकास के तहत भारतीय गोवंश की गाय के दूध में वृद्धि करने के लिए किसानों को प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु नंदबाबा पुरस्कार का वितरण प्रत्येक वित्तीय वर्ष में किया जाता है। नंदबाबा पुरस्कार के लिए भारतीय गोवंश की गाय के सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाले वे ही दुग्ध उत्पादक पात्र होते हैं, जिनके द्वारा वित्तीय वर्ष में कम से कम 1500 लीटर या उससे अधिक दूध दुग्ध समिति में आपूर्ति किया गया हो।

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