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सरकार का ऐलान: चीनी मिलों में ब्रिकेटिंग प्लांट स्थापित होंगे

सरकार का ऐलान: चीनी मिलों में ब्रिकेटिंग प्लांट स्थापित होंगे
पोस्ट -16 जनवरी 2025 शेयर पोस्ट

सरकार का बड़ा आदेश, सभी सहकारी चीनी मिलों में जैव ईंधन ब्रिकेटिंग प्लांट स्थापित किए जाएं

Biofuel Briquetting Plant Haryana : गन्ना उत्पादक राज्यों में सहकारी और निजी चीनी मिलों की आर्थिक स्थिति मजूबत करने के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत सभी शुगर कारखानों में एथनॉल प्लांट भी स्थापित किए जा रहे हैं, इन प्लांट को लगाने का मुख्य उद्देश्य गन्ना किसानों की आय को बढ़ाना है। इस कड़ी में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश की सभी सहकारी चीनी मिलों में जैव ईंधन ब्रिकेटिंग प्लांट स्थापित किए जाए ताकि चीनी-मिलों (Sugar Mills) की वित्तीय स्थिति में भी सुधार आ सके। मुख्यमंत्री चंडीगढ़ में नारायणगढ़ शुगर मिल की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। 

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मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि कैथल सहकारी चीनी मिल में पायॅलट प्रोजेक्ट के तौर पर जैव ईंधन ब्रिकेटिंग प्लांट (Biofuel Briquetting Plant) की स्थापना का कार्य शुरू किया जा चुका है। जिसमें बैगास की ब्रिकेट बनाकर हरियाणा के थर्मल पावर प्लाटों और अन्य उपभोक्ताओं को विक्रय किया जा रहा है, जिससे चीनी-मिल (Sugar Mill) की वित्तीय स्थिति में भी काफी हद तक सुधार आया है। 

किसान कमा सकेंगे पैसा (farmers will be able to earn money)

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इसी तर्ज पर प्रदेश की अन्य सहकारी चीनी मिलों में भी जैव ईंधन ब्रिकेटिंग प्लांट की स्थापना की जाए। इससे चीनी मिलों की वित्तीय स्थिति में भी सुधार आ सकेगा। सहकारी चीनी मिलों को घाटे से उभारने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं। उन्होंने राज्य में सरकार द्वारा सहकारी चीनी मिलों (Co-operative Sugar Mills) एवं किसानों के हित में उठाए जा रहे कदमों एवं सहकारी चीनी मिलों की कार्यकुशलता में लगातार सुधार पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, जैव ईंधन ब्रिकेट प्लांट से गन्ना किसानों की आमदनी में भी इजाफा होगा। जैव ईंधन बनाने के लिए पराली या अन्य फसल अवशेषों का इस्तेमाल होता है, जिसे किसान चीनी मिलों को बेचकर पैसा कमा सकेंगे। 

चीनी-मिलों की वित्तीय स्थिति सुधारने के सुझाव (Suggestions to improve the financial condition of sugar mills)

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शुगर मिल की समीक्षा बैठक में बताया कि वर्तमान पिराई सत्र 2024-25 में 13 जनवरी तक हरियाणा शुगरफैड से संबंधित सभी सहकारी चीनी मिलों ने कुल 113.56 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई की और 8.70 प्रतिशत औसत चीनी रिकवरी के साथ 9.18 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है। गत पिराई सत्र में रोहतक, सोनीपत, जींद, पलवल, महम, कैथल और गोहाना सहकारी चीनी मिलों ने लगभग 7.14 लाख क्विंटल बैगास की बचत करते हुए 1630.31 लाख रुपए का अतिरिक्त राजस्व कमाया था। बैठक में राज्य के शुगरफैड के चेयरमैन धर्मबीर सिंह डागर ने भी चीनी-मिलों की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए कई सुझाव दिए। 

क्या है जैव ईंधन ब्रिकेट? (What is Biofuel Briquette?)

वास्तव में, जैव ईंधन ब्रिकेट पराली या अन्य कृषि अवशेषों और जानवरों से मिलने वाले बायोमास (कार्बनिक पदार्थ) से बनी छोटे-छोटे ब्लॉक या ईंटी होती हैं। इसे चारकोल या कोयले की जगह ईंधन के रूप में जलाया जाता है। इस ब्रिकेट का प्रयोग बड़े पैमाने पर चीनी मिलों में किया जा सकता है। ब्रिकेटिंग प्लांट पर किसान इन चीनी मिलों को बड़े पैमाने पर पराली या फसल कटाई के बाद खेत में बचे पौधों के हिस्से जैसे तना, पत्तियां, जड़ें, डंठल, छिलके वगैरह को कच्चे माल के रूप में बेचकर कमाई कर सकते हैं।  इसके अलावा, हरियाणा सरकार प्रदेश में गन्ने के रकबे को बढ़ाने के लिए काम कर रही है। इसके लिए सरकार कृषि विभाग के माध्यम से कई योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं के अंतर्गत राज्य के गन्ना कृषकों को खेती के विस्तार के लिए अनुदान लाभ भी दिया जा रहा है। 

किसानों को दिया जाता है अनुदान (Farmers are given grants)

विशेष तौर पर सरकार द्वारा यह अनुदान गन्ने की बुवाई के प्रदर्शन प्लांट लगाने वाले किसानों को दिया जाता है। इसका उद्देश्य प्रदेश में अच्छी गुणवत्ता वाले गन्ने के उत्पादन को बढ़ावा देना और चीनी मिलों को पेराई हेतु गन्ने की आपूर्ति कराना है। इस योजना में गन्ना की किस्म 15023 का रोपण और गन्ना किस्म 15023 को खेती के लिए बीज के रूप में बेचने पर किसान को पांच हजार रुपए पर प्रति एकड़ की दर से सरकार की ओर से अनुदान मिलेगा। इसका लाभ लेने के लिए कृषक को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर गन्ने की फसल का पंजीकरण कराना होता है। पंजीकरण करवाने के बाद कृषि एवं किसान कल्याण विभाग हरियाणा की वेबसाइट www.agriharyana.gov.in पर एग्री स्कीम गवर्नेंस लिंक पर अपना आवेदन ऑनलाइन प्रस्तुत करना होता है। 

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