Sugarcane Price Hike : बढ़ती महंगाई और गन्ने की पैदावार लागत को देखते हुए, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैट ने सरकार से गन्ने का राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) 500 रुपए प्रति क्विंटल घोषित करने की मांग की है। वहीं, बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) आने वाले दिनों में गन्ना किसानों को बड़ा तोहफा दे सकती है। इस बीच ओडिशा के गन्ना किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। ओडिशा में ‘अस्का कोऑपरेटिव शुगर इंडस्ट्रीज लिमिटेड (एसीएसआईएल)’ की प्रबंध समिति ने इस साल गन्ने का मूल्य (Sugarcane Price) 420 रुपए बढ़ाकर 3,500 रुपए प्रति टन कर दिया है। साथ ही इस बार मिल 10 किलोमीटर से अधिक दूरी के मामले में गन्ने का परिवहन खर्च भी वहन करेगी। एसीएसआईएल के प्रबंध निदेशक सुशांत कुमार पांडा ने इस बारे में जानकारी दी है।
एसीएसआईएल (ACSIL) के प्रबंध निदेशक सुशांत कुमार पांडा ने बताया, मिल की वित्तीय स्थिति एवं गन्ना खेती (sugarcane farming) में लागत कारक सहित सभी पहलुओं पर विचार करते हुए, प्रबंध समिति ने प्रशासन के परामर्श से गन्ने की कीमत बढ़ाकर 3,500 रुपए प्रति टन करने की घोषणा की है। यह निर्णय गंजम जिला गन्ना उत्पादक संघ की ओर से गन्ने की कीमत 4,500 रुपए प्रति टन तय करने की मांग के बीच लिया गया है। गन्ना संघ ने कहा था कि अगर मिल अधिकारी उनकी मांग पर विचार नहीं करते हैं, तो वे मिल के लिए गन्ना आपूर्ति नहीं करेंगे।
एसीएसआईएल के प्रबंध निदेशक ने कहा कि कारखाना 10 किलोमीटर के दायरे के बाहर ले जाए जाने वाले गन्ने के परिवहन शुल्क का भी वहन करेगा। उन्होंने समिति के मूल्य निर्धारण निर्णय को प्रभावित करने वाले वित्तीय विचारों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि किसानों द्वारा शुरू में 4,500 रुपए प्रति टन की कीमत की मांग करने और आपूर्ति रोकने की धमकी देने के बावजूद, मिल ने 17 जनवरी से पेराई सत्र शुरू करने की योजना बनाई है, जिसका लक्ष्य 50 हजार मीट्रिक टन से अधिक उत्पादन करना है। प्रबंध निदेशक पांडा ने बताया कि पिछले साल मिल ने 49,255 टन गन्ने की पेराई की थी और 3080 रुपए प्रति टन की कीमत से गन्ने मूल्य का भुगतान किया था। यानी इस बार किसानों को गन्ने पर 420 रुपए अतिरिक्त का भुगतान मिलेगा।
एसोसिएशन के अध्यक्ष समीर प्रधान ने कहा, हमने सरकार से गन्ना उत्पादकों को 1 हजार रुपए प्रति टन की अतिरिक्त इनपुट सब्सिडी प्रदान करने की आग्रह किया है। एसोसिएशन के सचिव पूर्ण चंद्र बराड़ ने बताया, "सरकार ने पहले ही धान सहित अन्य फसलों के लिए इनपुट सब्सिडी बढ़ा दी है, इसलिए यह उम्मीद है कि गन्ना उत्पादकों को भी इसी तरह की सहायता मिले। पांडा ने बताया कि पिछले साल फैक्ट्री ने किसानों को गन्ना खरीदने के लिए 16.37 करोड़ रुपए का भुगतान किया था। इस साल गन्ना के मूल्य में बढ़ोतरी के चलते यह राशि बढ़कर 18 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने मिल को अधिक दिनों तक चलाने के लिए गंजम के अलावा पड़ोसी नयागढ़ और खुर्दा जैसे आस-पास के जिलों से भी गन्ना खरीदने का फैसला लिया है।
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