Rain and Hailstorm : मौसम खराब के चलते दिसंबर के आखिरी हफ्ते में हरियाणा समेत कई राज्यों में कोहरा, बारिश और ओलावृष्टि की गतिविधियां देखी गई। हरियाणा के कई जिलों में बीते 2 से 3 दिनों में बारिश हुई, जिससे बड़ी संख्या में किसानों को फायदा हुआ है, तो वहीं कई स्थानों पर भारी बारिश के साथ ओलावृष्टि से बड़े पैमाने पर फसलों को नुकसान हुआ। इससे परेशान किसानों ने हरियाणा सरकार से जल्द से जल्द खराब फसल का मुआवजा दिए जाने की मांग की। अब ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों के लिए थोड़ी राहत भरी खबर है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने फसल नुकसान के लिए किसानों को जल्द ही मुआवजा उपलब्ध कराने की घोषणा की है।
बता दें कि, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रविवार को सोशल साइट एक्स पर ट्वीट कर ओलावृष्टि से नुकसान झेलने वाले किसानों को उचित मुआवजा देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि बारिश और ओलावृष्टि के नुकसान की प्रदेश के मेरे किसान भाई चिंता नहीं करें। सरकार आपके साथ है। क्षतिपूर्ति उपलब्ध कराने के लिए जल्द ही ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला जाएगा।
हरियाणा में भारी बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है। इसको लेकर राज्य के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल ने सोमवार को राजस्व अधिकारियों को गिरदावरी (ग्राम भूमि रिकॉर्ड) के काम में तेजी लाने और राज्य के विभिन्न जिलों में हाल ही में हुई ओलावृष्टि से हुए फसलों के नुकसान का आकलन करने का निर्देश दिया है। आपदा प्रबंधन मंत्री ने अफसरों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि फसल नुकसान के सर्वे में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विपुल गोयल ने राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के कार्यों की समीक्षा की और गिरदावरी के कार्य को तेजी से पूरा करने के लिए कहा है। साथ ही उन्होंने प्रदेश में अग्निशमन तथा आपातकालीन सेवा सिस्टम को भी तत्काल उन्नत कर उसे बेहतर बनाने का निर्देश भी दिया।
हरियाणा कृषि विभाग के अनुसार, राज्य में भारी बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसलों को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है। राज्य के हिसार, रेवाड़ी, चरखी दादरी, फतेहाबाद में बारिश के साथ ओला गिरने से किसानों की फसलों का नुकसान हुआ है। हिसार जिले में 50 से अधिक गांवों में ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है। चरखी दादरी में 15 गांवों में 6 हजार एकड़ और फतेहाबाद के 13 गांव में किसानों की सरसों एवं बागवानी फसलों का नुकसान हुआ है। फतेहाबाद जिले के ढांगर, बिगर, सालमखेड़ा, बड़ोपल, मोहम्मदपुर रोही, भिरडाना, बिस्ला, बरसीन माजरा, ढाणी माजरा, झलानिया और जांडली खुर्द गांवों में ओलावृष्टि होने से सबसे अधिक नुकसान हुआ है। इन क्षेत्रों के किसान बारिश होने से खुश थे, जिससे फसलों की सिंचाई की जरूरत पूरी हो जाती, लेकिन ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हो गया।
ओलावृष्टि होने से किसानों की गेहूं और सरसों की फसलों का काफी नुकसान हुआ है। गुरुग्राम के पटौदी और आसपास के क्षेत्रों ओलावृष्टि होने से गेहूं की फसल को 70 प्रतिशत और सरसों की फसल को 100 फीसदी तक नुकसान पहुंचा है। सब्जियों की फसलें भी खराब हो गई। स्थानीय किसानों की जानकारी के अनुसार, उनकी गेहूं और सरसों की फसल लगभग एक फीट ओले से पटी पड़ी थी, जिससे सरसों की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई, जबकि गेहूं में 70 प्रतिशत नुकसान हुआ है। हिसार में गेहूं व सरसों की फसलों को 50 से 70 फीसदी तक नुकसान हुआ है। जिला के कृषि विभाग ने सरसों की फसल में 25 फीसदी नुकसान की रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी है। हिसार के नारनौंद में सबसे अधिक 82350 एकड़ क्षेत्र में गेहूं और 7750 एकड़ में सरसों की फसल को ओलावृष्टि से नुकसान हुआ है। सरकार के आदेशों के पश्चात कृषि विभाग ने उच्च अधिकारियों को अपनी रिपोर्ट भेजी है।
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