Union Budget 2025 : कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्र से लेकर देश के हर प्रमुख वर्ग को आगामी केंद्रीय बजट का बेसब्री से इंतजार है। आगामी एक फरवरी 2025 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में मोदी सरकार 3.0 का पहला पूर्ण बजट 2025 पेश करेगी। केंद्र सरकार ने इसको लेकर तैयारियां तेज कर दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने हाल ही में विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों एवं संबंधित पक्षों के साथ एक महीने लंबी चर्चा का समापन किया, जो आगामी बजट को तैयार करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी। मोदी सरकार 3.0 का यह पहला पूर्ण बजट होगा। इस बजट में कृषि और ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े कई प्रस्तावों को रखा जा सकता है। 1 फरवरी को संसद में बजट 2025-26 का प्रस्तुतिकरण होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र सरकार किसानों की आय बढ़ाने, कृषि अनुसंधान को बढ़ावा देने और निर्यात क्षमता में सुधार के लिए कौन-कौन सी नई सौगात लाती है।
केंद्रीय बजट 2025 कृषि और ग्रामीण के लिए केवल मौजूदा योजनाओं का विस्तार करता है या फिर कोई नया और ऐतिहासिक फैसला इसमें लिया जाता है? क्या यह बजट एग्रीकल्चर क्षेत्र में अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त वित्तीय राशि आवंटन प्रदान करेगा? बजट की घोषणाएं 1 फरवरी को संसद में पेश की जाएंगी और तभी साफ होगा कि क्या मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में कृषि और ग्रामीण क्षेत्र के लिए कोई ऐतिहासिक निर्णय लेगी या नहीं। सूत्रों के अनुसार, बताया जा रहा है कि इस बार बजट 2025 में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना के तहत ऋण सीमा को मौजूदा 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए प्रति किसान किए जाने की संभावना है। कृषि उपकरणों पर जीएसटी (GST) दरों को कम करने पर भी बड़ा और ऐतिहासिक निर्णय लिया जा सकता है। हालांकि इस पर अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल द्वारा लिया जाएगा, न कि केंद्रीय बजट 2025-26 में।
सूत्रों का कहना है कि कृषि सेक्टर में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एग्रीटेक कंपनियों के लिए एक समर्पित फंड स्थापित करने की चर्चा की जा रही है। इससे कृषकों को नई तकनीकों का लाभ मिलेगा एवं क्षेत्र में नए स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन मिलेगा। हालांकि, बड़ा सवाल यह है कि क्या बजट 2025 (Budget 2025) कृषि अनुसंधान और विकास (R&D) पर खर्च बढ़ाने की दिशा में कोई बड़ा कदम उठाएगा? जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को देखते हुए, देश में कृषि सिस्टम को भविष्य के लिए तैयार करना बेहद जरूरी हो गया है। सरकार ने हाल ही में मुफ्त खाद्यान्न योजना को पांच साल के लिए बढ़ाने का फैसला लिया है, जिससे खाद्य सब्सिडी का बोझ बढ़ने की संभावना है। यूरिया और डीएपी जैसे उर्वरकों की कीमतों में वृद्धि रोकने की सरकार उर्वरक सब्सिडी भी बढ़ सकती है।
ग्रामीण क्षेत्रों में मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (Pradhan Mantri Awas Yojana-Rural) एवं ग्रामीण सड़क योजनाएं शामिल होंगी। इस बजट में केंद्रीय योजना ‘लखपति दीदी’ योजना को भी विशेष महत्व मिलने की संभावना बताई जा रही है क्योंकि यह ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। ग्रामीण आवास योजना के तहत, अगले पांच वर्षों में दो करोड़ नए आवास बनाने की मंजूरी पहले ही मंत्रिमंडल द्वारा प्रदान की जा चुकी है, जो उन 3 करोड़ घरों के अतिरिक्त होंगे, जिनका निर्माण पहले ही किया जा चुका है। योजना के पात्रता नियमों में बदलाव किया गया है और नए लाभार्थियों की पहचान के लिए सर्वेक्षण कार्य भी शुरू हो चुका है।
इसी बीच मोदी सरकार 3.0 के पहले पूर्ण बजट का लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों और कृषि विशेषज्ञों के साथ व्यापक विचार-विमर्श भी शुरू कर दिया है। इस विचार विमर्श का उद्देश्य किसानों की समस्याओं को समझना और कृषि क्षेत्र को उन्नति की नई दिशा देने वाले सुझाव जानना है। कृषि मंत्री ने ‘कृषि भवन’ में प्री-बजट बैठकों का आयोजन किया। इसमें किसान संगठनों, कृषि उद्यमियों और उद्योग विशेषज्ञों को शामिल किया गया। बैठकों में कृषि क्षेत्र की चुनौतियों और संभावित सुधारों पर विस्तार से चर्चा हुई।
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा बजट प्रस्ताव तैयार करने के लिए आंतरिक समीक्षा भी की जा रही है। मंत्रालय द्वारा प्राप्त सभी सुझावों का गंभीरता से विश्लेषण किया जा रहा है। किसानों व अन्य हितधारकों के साथ लगातार संवाद बनाए रखा जा रहा है। मंत्रालय ने कृषि में वैल्यू एडिशन की रणनीतियां, निर्यात सुविधाओं का विस्तार, कृषि अनुसंधान को प्रोत्साहन, इनपुट लागत पर नियंत्रण, किसानों की सुरक्षा के लिए ठोस उपाय जैसे प्रमुख मुद्दों पर हितधारकों के साथ चर्चाएं की है। इस बैठकों में NABARD, CII, PHD चैंबर ऑफ कॉमर्स, ASSOCHAM, भारतीय स्टेट बैंक और सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया जैसे प्रतिष्ठित संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
सूत्रों के अनुसार, कुछ दिन पहले केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर बजट 2025 से जुड़े नए कृषि प्रस्तावों पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने अपने मंत्रालय के सभी विभागों – कृषि, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR), ग्रामीण विकास और भूमि संसाधन के बजट प्रस्तावों को रखा। कृषि मंत्री ने किसानों, प्रोसेसर्स एवं अन्य हितधारकों की चिंताओं को लेकर सुझाव दिए और उन्हें बजट 2025 में शामिल करने का आग्रह किया। इसके अलावा, मंत्री ने पीएम मोदी द्वारा हाल ही में जारी किए गए ICAR के 109 नई फसल किस्मों की उपलब्धि को भी रेखांकित किया।
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