Budget 2025 : एक फरवरी को पेश होने वाले केंद्रीय बजट 2025-26 में किसानों के लिए एक बड़ी सौगात मिलने की उम्मीद है। संसद भवन में पेश होने वाले इस बजट में सरकार किसानों के लिए कई बड़ी घोषणाएं कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, बताया जा रहा है कि सरकार किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की कर्ज सीमा को 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने की घोषणा कर सकती हैं। यह फैसला किसानों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत देने के उद्देश्य से लिया जा सकता है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हाल के वर्षों में खेती की लागत में काफी वृद्धि हुई है, जबकि किसान क्रेडिट कार्ड के लिए उधार सीमा लंबे समय से नहीं बढ़ाई गई है। किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के उद्देश्य से सरकार बजट 2025 (Budget 2025) में इस लिमिट को बढ़ाने पर विचार कर रही है। अगर सरकार यह घोषणा करती है, तो यह बजट 2025 (Budget 2025) किसानों के लिए बड़ा राहत भरा साबित होगा। वर्तमान में किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की ऋण की सीमा (Loan Limit) 3 लाख रुपए है। किसान संगठन इस सीमा को बढ़ाने की मांग कर रहे थे। यदि यह सीमा बजट 2025 (Budget 2025) में 5 लाख रुपए तक बढ़ाई जाती है, तो किसान कम ब्याज दरों पर ज्यादा कर्ज ले पाएंगे। इससे न केवल उनकी आय बढ़ेगी, बल्कि उनकी वित्तीय स्थिति भी मजबूत होगी।
राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के चेयरमैन शाजी केवी ने बताया कि केसीसी योजना केवल बड़े किसानों के लिए ही नहीं है, बल्कि छोटे और सीमांत किसानों, पशुपालकों और मछलीपालकों को भी वित्तीय लाभ देने के लिए है। कृषि केवल फसल उत्पादन तक सीमित नहीं है, इससे जुड़ी अन्य गतिविधियों का विकास भी जरूरी है। नाबार्ड राज्य सरकारों को प्रोत्साहित कर रहा है कि वे अधिक से अधिक मत्स्यपालकों का पंजीकरण कराएं, जिससे उन्हें भी केसीसी पर सस्ती दरों पर लोन मिल सके। विशेषज्ञों के अनुसार, खेती की बढ़ती लागत को देखते हुए यह बदलाव बहुत जरूरी है। इस बदलाव से किसान अपनी वित्तीय जरूरतें पूरी कर पाएंगे। साथ ही, बैंकिंग प्रणाली का जोखिम भी कम होगा। इसके अलावा, किसान इससे बेहतर उपकरण, उन्नत बीज और कृषि तकनीक का उपयोग कर सकेंगे, जिससे उनकी आय में भी सुधार होगा।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना (KCC) 1998 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य किसानों को कृषि एवं उससे संबंधित गतिविधियों के लिए सुलभ और किफायती ऋण उपलब्ध कराना है। वर्तमान में इस कार्ड के तहत किसानों को अल्पकालिक फसल लोन (Short Term Crop Loan) 9 प्रतिशत ब्याज दर पर दिया जाता है। हालाँकि, सरकार 2 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी प्रदान करती है, और समय पर ऋण चुकाने वाले किसानों को 3 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट मिलती है। इस तरह, किसान केवल 4 प्रतिशत की ब्याज दर पर केसीसी ऋण ले सकते हैं। नाबार्ड के आंकड़ों के मुताबिक, 30 जून 2023 तक, किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 7.4 करोड़ से ज़्यादा सक्रिय खातों पर 8.9 लाख करोड़ रुपए का बकाया कर्ज था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2024 तक सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों ने 167.53 लाख किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए थे, जिनकी कुल उधार सीमा 1.73 लाख करोड़ रुपए थी। इसमें डेयरी किसानों के लिए 10,453.71 करोड़ रुपए तथा मछलीपालकों के लिए 341.70 करोड़ रुपए की क्रेडिट सीमा शामिल है। किसान क्रेडिट कार्ड के अलावा, सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) को बेहतर बनाने पर भी विचार कर रही है। अधिकारियों के अनुसार, (Budget 2025) योजना के तहत मुआवज़ा की प्रक्रिया को तेज़ और सरल बनाने के लिए राज्य सरकारों की भूमिका को सीमित किया जा सकता है, जिससे नुकसान की स्थिति में कृषकों को जल्द राहत प्रदान की जा सकेगी।
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