Krishak Uphaar Yojana Rajasthan : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा कृषि में नवाचार करने एवं सर्वश्रेष्ठ काम करने वाले कृषकों को पुरस्कृत किया जाता है, ताकि किसान को खेती-किसानी एवं संबंधित क्षेत्र में नई तकनीकों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। इस कड़ी में राजस्थान सरकार की तरफ से राज्य में “कृषक उपहार” योजना चलाई जा रही है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को कृषि उपज ऑनलाइन यानी “ई-नाम” पोर्टल के माध्यम से बेचने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसके लिए किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए उपहार कूपन जारी किया जाता है और चयनित व्यक्तियों को पुरस्कृत किया जाता है। कृषक उपहार योजना का उद्देश्य किसानों को कृषि उपज को E-Nam पोर्टल के माध्यम से विक्रय करने एवं E-Payment के माध्यम से भुगतान प्राप्त करने के लिए प्रेरित करना है। साथ ही किसानों को उनकी उपज का अधिकाधिक लाभ दिलाना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है।
योजना के अंतर्गत लाभार्थी किसानों का चयन लॉटरी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है। पुरस्कारों की लॉटरी राज्य सरकार द्वारा गठित समिति द्वारा निकाली जाती है। पुरस्कार प्राप्त करने के लिए आवदेन- पत्र प्राप्त होने की अंतिम तिथि से 30 दिन के पश्चात चयनित किसान को पुरस्कार प्रदान किया जाता है। इस क्रम में सीकर जिले के क्षेत्रीय उप निदेशक कृषि विपणन दयानंद सिंह ने बताया कि राज्य में राजस्थान कृषि उपज विपणन अधिनियम 1961 धारा 34 ए के अंतर्गत किसान को ई-नाम (E-Nam) के माध्यम से कृषि उपज को विक्रय एवं ई-भुगतान (E-Payment) के माध्यम से भुगतान प्राप्त करने हेतु प्रेरित करने के लिए शुरू की गई। इस योजना के अंतर्गत 1 जनवरी से 30 जून 2024 तक ई-नाम पोर्टल पर खंड स्तर पर 95897 उपहार कूपन मंडी समितियों द्वारा जारी किए गए थे, जिसके बाद लॉटरी ड्रा प्रक्रिया से कृषक का चयन कर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार दिए जा रहे हैं।
क्षेत्रीय उप निदेशक कृषि विपणन दयानंद सिंह ने बताया कि उपहार कूपनों का ड्रा मंडी समिति, सीकर स्थित सभागार में प्रशासक, (मंडी खंड मुख्यालय) अतिरिक्त जिला कलेक्टर सीकर रणजीत सिंह, सचिव, कृषि उपज मंडी समिति सीकर, अमर चन्द सैनी, व्यापार संघ प्रतिनिधियों, किसान संघ प्रतिनिधियों एवं उपस्थित किसानों एवं आमजन के समक्ष निकाला गया। कृषक उपहार योजना के अंतर्गत प्रथम पुरस्कार विजेता श्रीमाधोपुर के किसान रूडमल को 50 हजार रुपए राशि का नकद पुरस्कार दिया गया है, जबकि द्वितीय पुरस्कार विजेता सूरजगढ़ के किसान प्रदीप को 30 हजार रुपए व तृतीय पुरस्कार विजेता नागौर के किसान बलदेवराम 20 हजार रुपए देकर पुरस्कृत किया गया है।
योजना के अंतर्गत दी जाने वाली संपूर्ण पुरस्कार राशि का भुगतान संबंधित मंडी समिति द्वारा किया जाता है। मंडी समिति द्वारा पुरस्कार राशि व योजना पर किए गए व्यय का पुनर्भरण राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा किया जाता है। कृषक उपहार योजना के तहत कृषकों को मंडी स्तर पर गेट पास की विक्रय पर्चियों पर प्रथम पुरस्कार 25 हजार रूपए, द्वितीय पुरस्कार 15 हजार रुपए व 10 रुपए का तृतीय पुरस्कार दिया जाता है। इसी प्रकार खंड स्तर पर प्रथम पुरस्कार 50 हजार रूपए, द्वितीय पुरस्कार 30 हजार रुपए व तृतीय पुरस्कार 20 हजार रुपए दिया जाता है। राज्य स्तर पर प्रथम पुरस्कार 2.5 लाख रुपए, द्वितीय पुरस्कार 1.5 लाख रुपए व तृतीय पुरस्कार 1 लाख रुपए तक कृषकों को प्रदान किए जाते हैं।
कृषि उपज मंडी समिति में अधिसूचित कृषि उपज को E-Nam पर बेचने वाले किसान को विक्रय पर्ची पर ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से नि:शुल्क उपहार कूपन दिया जाता है, जिस पर मंडी शुल्क देय होता है। जारी कूपनों पर निर्धारित तारीख को इनामी ड्रॉ निकालकर कृषक को पुरस्कृत किया जाता है। पुरस्कार प्राप्त करने के लिए किसान को अपनी कृषि उपज को ई-नाम के माध्यम से विक्रय करना होगा तथा ई-भुगतान पर्ची प्राप्त करनी होगी। योजना के अंतर्गत आवेदन-पत्र प्राप्त होने की अंतिम तिथि से 30 दिन के बाद गठित समिति द्वारा लॉटरी ड्रा निकाल कर प्रत्येक पुरस्कार राशि का भुगतान संबंधित मंडी समिति द्वारा विजेता को किया जाएगा।
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