किसानों को स्मार्ट बनाएगा ’बलराम एप’ मिलेगा हर कृषि समस्या का समाधान

पोस्ट -04 मई 2023 शेयर पोस्ट

हर पल मिलेगा कृषि समस्याओं का समाधान, किसानों के लिए ’बलराम एप’ लांच

खेती में टेक्नोलॉजी और डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए सरकार के साथ-साथ कृषि वैज्ञानिक कई महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं। किसानों को खेती की आधुनिक तकनीकों से जोड़कर स्मार्ट किसान बनाने के लिए नए-नए डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किए जा रहे हैं। आज कृषि में डिजिटलाइजेशन के उद्देश्य से कई प्रकार की तकनीकों पर आधारित ऐप को विकसित किया जा रहा है। इन ऐप की मदद से किसानों को हर पल कहीं भी कृषि से संबंधित हर प्रकार की समस्याओं का समाधान कृषि एक्सपर्ट द्वारा आसानी से मिल रहा है। इसी क्रम में मध्यप्रदेश सरकार ने कृषि में डिजिटल क्रांति लाने के लिए एक अहम कदम उठाया है। किसानों को सही समय पर कृषि संबंधित सही जानकारी देने एवं डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ने के लिए ’बलराम’ मोबाइल ऐप लॉन्च किया गया है। टू वे कम्युनिकेशन फीचर्स आधारित ये ऐप पहले चरण में मध्य प्रदेश के 10 जिलों में लॉन्च किया जा चुका है। इस मोबाइल एप्लीकेशन पर किसानों को कृषि संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए खास एडवायजरी कृषि वैज्ञानिकों द्वारा मिलेगी। आईये, इस ट्रैक्टर गुरु लेख के माध्यम से बलराम एप के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

’बलराम’ मोबाइल एप्लीकेशन

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मध्य प्रदेश के किसानों के लिए इंडो-जर्मन तकनीक के संयुक्त प्रोजेक्ट के तहत ’बलराम एप’ को लॉन्च किया गया है। इस संयुक्त मोबाइल एप्लीकेशन प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी राज्य के जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय को सौंपी गई है। ’बलराम’ मोबाइल एप्लीकेशन को लेकर जीआईजे, नई दिल्ली के नवीन होरो का कहना है कि इस एप को मिट्टी को स्वस्थ रखने के साथ ही कृषि से जुड़ी अलग-अलग प्रकार की समस्याओं को साझा करने के लिए तैयार किया गया है। ऐसा राज्य में पहली बार होगा कि किसान अपने मोबाइल फोन पर राज्य सरकार की कोई भी एडवाइजरी आसानी से प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही कृषि से जुड़ी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए कृषि वैज्ञानिकों से सलाह ले सकेंगे। 

हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं का विकल्प 

जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति, मिश्रा ने बलराम एप्लीकेशन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि किसानों के लिए बलराम एप महत्वपूर्ण डिजिटल प्लेटफॉर्म है। इस ऐप को टू-वे कम्यूनिकेशन टेक्निक के अंतर्गत विकसित किया गया है। इस प्लेटफॉर्म पर किसान कृषि विशेषज्ञों से कृषि समस्याओं के समाधान के लिए सीधे संपर्क कर सवाल पूछ सकते हैं। बलराम एप्लकेशन में केवल अंग्रेजी और हिंदी दो ही भाषाओं का ऑप्शन दिया गया है। किसान हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषा में सवाल पूछकर एडवायजरी प्राप्त कर सकते हैं। 

शुरूआत में इन जिलों को किया गया शामिल

जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संचालित बलराम एप में सरकार ने पहले चरण की शुरुआत में प्रदेश के 10 जिलों को शामिल किया है। जिसमें खरीफ के सीजन के समय सागर, रीवा, शहडोल, जबलपुर, सिंगरौली, मंडला, बालाघाट, कटनी, दमोह और छतरपुर जिले में कृषि संबंधित समस्याओं के समाधान की जानकारी किसानों को दी जाएगी। 

पहले चरण में 25 हजार किसानों को ऐप से जोड़ा जाएगा

एप्लीकेशन प्रोजेक्ट के प्रभारी व वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनय रावत का कहना है कि बलराम एप में प्रदेश, जिला, विकासखंड और ब्लॉक स्तर से जुड़ी कृषि से संबंधित हर प्रकार की जानकारी उपलब्ध होगी। इस ऐप के पहले चरण में प्रदेश के 10 जिलों से लगभग 25 हजार किसानों को जोड़ा जा रहा है। इस ऐप के बेहतर क्रियान्वयन के लिए सरकार अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रही है। इसके अलावा, जबलपुर में कृषि विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारियों को तकनीकी तौर पर तैयार करके मास्टर ट्रेनर बनाया जा रहा है। साथ ही विश्वविद्यालय के डॉ. डीके पहलवान, डॉ. यतिराज खरे एवं डॉ. टीआर शर्मा का भी इसमें विशेष सहयोग है।

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