Procurement of gram and mustard at MSP : रबी सीजन 2025-26 के लिए कृषि मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, तो वहीं कुछ राज्यों में फसलों की खरीद प्रक्रिया शुरू होना बाकि है। इस बीच राजस्थान की कृषि उपज मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर होने वाली चना और सरसों की फसल की खरीद में हो रही देरी किसानों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। राज्य सरकार ने इस बार एक महीने की देरी से एमएसपी पर फसलों की खरीद शुरू करने का फैसला लिया है। चने और सरसों की फसल (Crops) को समर्थन मूल्य यानी एमएसपी (MSP) पर बेचने के लिए किसान 1 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे। राजिस्ट्रेशन के पश्चात 10 अप्रैल से समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद शुरू कर दी जाएगी। ऐसे में खरीद केंद्र पर हो रही देरी के कारण किसान अपनी फसल को बाजार में एमएसपी से कम रेट पर बेचने के लिए मजबूर हैं। इससे किसानों को सरसों और चना उपज पर करीब 650 रुपए प्रति क्विंटल का नुकसान उठाना पड़ रहा हैं।
इस संबंध में जानकारी देते हुए झालावाड़ जिले के किसान संघ समिति के प्रवक्ता महेश मैहर ने बताया कि पिछले वर्ष सरकार ने मार्च माह में रजिस्ट्रेशन कार्य शुरू कर न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर सरसों व चने की फसल की खरीद का काम शुरू कर दिया था। इस बार यह प्रक्रिया एक माह देरी से शुरू हो रही है, जिस कारण कई किसान अपनी फसल को बाजार भाव पर बेचने के लिए बेबस हैं। समिति के प्रवक्ता ने बताया कि किसान ऋण लेकर फसल उत्पादन करता है। फसल तैयार होने पर उसे ब्याज पर लिया गया कृषि कर्ज (Agricultural Loan) चुकाना पड़ता है। इस बार फसल जल्दी आने के कारण किसानों को फसल बाजार में बेचनी पड़ रही है।
उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों में शादी-विवाह का सीजन शुरू होने वाला है। ऐसे में बड़े पैमाने पर किसान अपनी फसल को बेचकर फ्री होना चाहता है। इधर सरकारी खरीद केंद्र पर 1 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन शुरू होगा और 10 अप्रैल से सरसों-चना की खरीद होगी, जो किसानों पर भारी पड़ रही है। इसके कारण फसल बाजार में बेचनी पड़ रही है। इससे किसानों को सरसों व चना के समर्थन मूल्य (एमएसपी) से करीब 650 प्रति किवंटल की हानि हो रही है। बाजार में व्यापारी चने की फसल प्रति क्विंटल 5000 रुपए के भाव से खरीद रहे हैं, जबकि सरकार ने इस वर्ष चने का न्यूतम समर्थन मूल्य करीब 5650 प्रति क्विंटल तय किया है। इसी प्रकार खुले बाजार में सरसों की फसल 5300 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से ली जा रही है, जबकि सरकार ने इस पर एमएसपी 5950 रुपए प्रति किवंटल तय किया हुआ है। ऐसे में खरीद केंद्र पर हो रही देरी से किसानों को सीधे-सीधे 650 रुपए प्रति क्विंटल का नुकसान भुगतना पड़ रहा है।
प्रदेश सरकार में सहकारिता राज्यमंत्री गौतम कुमार दक ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार की ओर से रबी सीजन 2025-26 में न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर चना व सरसों की खरीद के लिए सभी आवश्यक तैयारियां शुरू की जा चुकी है। सरसों ओर चने की फसल (Crops) को समर्थन मूल्य (MSP) पर बेचने के लिए किसान 1 अप्रैल से ई-मित्र के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे, जबकि रजिस्ट्रेशन के बाद सरकार की ओर से खरीद का काम 10 अप्रैल से शुरू होगा। इस बार केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप राज्य में सरसों (Mustard) की 13.89 लाख टन और चने (Chickpeas) की 6.30 लाख टन खरीद किया जाना प्रस्तावित है।
सहकारिता राज्यमंत्री दक ने बताया कि इस वर्ष राज्य में नोडल एजेंसी नेफेड के साथ-साथ एनसीसीएफ द्वारा भी दलहन-तिलहन की खरीद का कार्य राजफेड के माध्यम से भी किया जाएगा। इसके लिए सरसों एवं चने के लिए एनसीसीएफ को 217-217 और नेफेड को 288-288 खरीद केन्द्र स्वीकृत किए गए हैं। राज्य में सरसों व चने के कुल 505-505 क्रय केन्द्र स्वीकृत किए गए हैं, जिनकी जिलेवार लिस्ट भी जारी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि,"एनसीसीएफ द्वारा राजफेड क्षेत्रीय कार्यालय अजमेर, जोधपुर, बीकानेर और कोटा के 19 जिलों में खरीद होगी। वहीं, नेफेड द्वारा राजफेड क्षेत्रीय कार्यालय जयपुर, उदयपुर, गंगानगर और भरतपुर क्षेत्र के 21 जिलों में क्रय कार्य करवाया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा इस वर्ष सरसों का समर्थन मूल्य 5,950 रुपए प्रति क्विंटल और चने का समर्थन मूल्य 5,650 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया गया है। "
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