Paddy Bonus : सरकार द्वारा किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। इसके, तहत सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही है, जिनके माध्यम से किसानों की फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर खरीदा जा रहा है। खास बात यह है कि कई राज्यों में किसानों को एमएसपी पर बोनस के रूप अतिरिक्त लाभ भी प्रदान किया जा रहा है। इस बीच मध्य प्रदेश के किसानों को इस वर्ष के समर्थन मूल्य पर डबल फायदा मिलने वाला है, क्योंकि राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के किसानों के लिए बड़ी घोषणा की है। सरकार प्रदेश के किसानों से प्रति क्विंटल 2600 रुपए की दर से गेहूं खरीदने और धान किसानों को 2000 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर बोनस प्रदान करेगी। यह घोषणा मुख्यमंत्री ने जबलपुर में गौशाला परियोजना के पहले चरण का भूमिपूजन कार्यक्रम के दौरान की।
दरअसल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बुधवार के दिन जबलपुर के ग्राम उमरिया में 53 एकड़ में बनाई जा रही गौशाला परियोजना के पहले चरण का भूमिपूजन करने के लिए एक कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कई घोषणाएं की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा 2600 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य यानी (एमएसपी) पर गेहूं लेने का फैसला लिया गया है। साथ ही प्रदेश के धान उत्पादक किसानों को 2 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन राशि इसी माह से दी जायेगी। प्रदेश सरकार की इस घोषणा से लाखों किसानों को लाभान्वित किया जाएगा।
बता दें कि केंद्र ने रबी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। अगर मध्य प्रदेश की मोहन सरकार इस वर्ष 2600 रुपए प्रति क्विंटल की समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर किसानों से खरीदी करती है, तो किसानों को 175 प्रति क्विंटल के हिसाब से बोनस के रूप में अतिरिक्त राशि मिलेगी। सरकार के मुताबिक, इस वर्ष अभी तक प्रदेश के 1.88 लाख से अधिक किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं बेचने के लिए अपना पंजीयन करवाया है। इच्छुक किसान 31 मार्च 2025 तक एम.पी. ऑनलाइन कियोस्क, कॉमन सर्विस सेन्टर कियोस्क, लोक सेवा केन्द्र और निजी व्यक्तियों द्वारा संचालित साइबर कैफे पर पंजीयन के लिए निर्धारित शुल्क का भुगतान कर पंजीयन करा सकते हैं। इसके अलावा, किसान ऐप के माध्यम से किसान घर बैठे नि:शुल्क पंजीयन कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही ‘कोदो और कुटकी’ धान के उत्पादन के लिए प्रोत्साहन देने का फैसला किया था। अब राज्य सरकार धान उत्पादक किसानों को 2000 रुपए प्रति हेक्टेयर के मान से उनके बैंक खाते में प्रोत्साहन राशि अंतरित करेगी। उन्होंने बताया कि इसका लाभ प्रदेश के छोटे धान उत्पादक किसानों को भी मिलेगा। बता दें कि इस बार मध्यप्रदेश में विपणन वर्ष 2024-25 में 6 लाख 69 हजार किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीद की गई है। ऐसे में मुख्यमंत्री यादव की घोषणा के बाद इन सभी किसानों को धान पर प्रोत्साहन राशि मिल सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा, पशुपालकों के हित में राज्य सरकार ने और अधिक लाभ पहुंचने के लिए भी एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। इसके तहत, सरकार दुग्ध उत्पादक से दूध खरीदेगी और उन्हें बोनस भी देगी। इसके लिए सरकार ने दुग्ध समितियों की संख्या दुगनी करने का फैसला लिया है। सरकार का यह मानना है कि यदि दुग्ध समितियों की संख्या और अधिक बढ़ा दी जाती है, तो इससे पशुपालकों को भी लाभ मिलेगा क्योंकि अधिकांश पशुपालक द्वारा पशु पालन किया जाता है और दुग्ध को समितियों आदि तक पहुंचाया जाता है। सीएम ने कहा कि इसके लिए अगले पांच सालों तक मप्र स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन और उससे जुड़े दुग्ध संघों का प्रबंधन और संचालन का जिम्मा राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) को सौंपने का तय कर लिया गया है। इसके लिए एक एमओयू प्रदेश सरकार और एनडीडीबी के बीच किया जाएगा। यह एमओयू केंद्रीय मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में 25 फरवरी को भोपाल में किया जाएगा।
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