Rabi Marketing Season 2025-26 : रबी विपणन सत्र 2025-26 के लिए रबी फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी की MSP पर उपार्जन के लिए राज्य सरकारों द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई है। क्योंकि आने वाले महीनों में फसलों की कटाई साथ ही मंडियों में उपज की आवक शुरू होने का अनुमान है। इस बीच हरियाणा सरकार द्वारा राज्य में उगाई जाने वाली विभिन्न दलहनी और तिलहनी फसलों की समर्थन मूल्य (support price) पर खरीद के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। हरियाणा सरकार द्वारा रबी सीजन की सभी फसलें गेहूं, चना, सरसों, मसूर, समर मूंग, सूरजमुखी और जौ की खरीद केंद्र सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर की जाएगी। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा रबी विपणन सीजन 2025-26 के लिए सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5950 रुपए प्रति क्विंटल, चने के लिए 5650 रुपए प्रति क्विंटल, सूरजमुखी का 7280 रुपए, समर मूंग के लिए 8682 रुपए और मसूर का समर्थन मूल्य (एमएसपी) 6700 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया गया है।
हरियाणा के मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी ने बीते दिन रबी विपणन सीजन 2025-26 के लिए तिलहन और दलहन की सरकारी खरीद को लेकर समीक्षा बैठक की। इस बैठक में बताया गया कि राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर मसूर की खरीद 20 मार्च से, सरसों की खरीद 28 मार्च से, चने की खरीद 1 अप्रैल से, समर मूंग की खरीद 15 मई से और सूरजमुखी फसल की खरीद 1 जून 2025 से शुरू होगी। इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी ने अधिकारियों को खरीद की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने, खरीद केन्द्रों को चिन्हित करने, भंडारण और बारदाने की समुचित व्यवस्था करने तथा समय पर खरीदी शुरू करने के दिशा-निर्देश दिए। वहीं, उत्तर प्रदेश में इस बार गेहूं की सरकारी दाम पर खरीद पिछली बार से 15 दिन पहले शुरू होने की खबर है, जिसके लिए मंडल और जिलावार अधिकारियों को निर्देश जारी किए जा चुके हैं। जनपदों में खरीद केंद्रों की सूची भी जारी की जा रही है। इन केंद्रों पर किसान अपनी गेहूं उपज को 150 रुपए अधिक पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बेच सकेंगे।
समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव को बताया गया कि राज्य में चालू वर्ष 2024-25 के दौरान सरसों की खेती लगभग 21.08 लाख एकड़ भूमि में की गई है, जबकि चना, सूरजमुखी और मसूर की खेती क्रमशः 0.61 लाख एकड़, 0.63 लाख एकड़ तथा 98 एकड़ भूमि क्षेत्र में की गई है। इस वर्ष 740 किलोग्राम प्रति एकड़ के दर से सरसों (Mustard) की 15.59 लाख मीट्रिक टन उत्पादन की संभावना है। इसी तरह, 494 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से चने की 0.30 लाख मीट्रिक टन तथा 800 किलोग्राम प्रति एकड़ के अनुसार सूरजमुखी का 0.50 लाख मीट्रिक टन पैदावार होने की संभावना है।
इसी प्रकार, 700 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से मूंग का 68 मीट्रिक टन उत्पादन होने की उम्मीद है। वहीं, समर मूंग की खेती औसतन 1 लाख एकड़ भूमि पर की गई है, जिससे 480 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से इस वर्ष समर मूंग का 0.48 लाख मीट्रिक टन पैदावार होने की संभावना है। वहीं, केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने बताया है कि इस वर्ष लगभग 324.38 लाख हेक्टेयर भूमि में गेहूं की खेती की गई है, जो पिछले वर्ष के 315.63 लाख हेक्टेयर की तुलना में लगभग 9 लाख हेक्टेयर अधिक है।
आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) द्वारा पहले ही रबी मार्केटिंग ईयर 2025-26 के लिए सभी जरूरी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) घोषित कर दिया गया है। सरकार ने इस बार एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि रेपसीड और सरसों के लिए 300 रुपए प्रति क्विंटल और मसूर के लिए 275 रुपए प्रति क्विंटल की है। इसी प्रकार चना, गेहूं, कुसुम और जौ के लिए समर्थन मूल्य पर क्रमशः 210 रुपए प्रति क्विंटल, 150 रुपए प्रति क्विंटल, 140 रुपए प्रति क्विंटल और 130 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है। इस बढ़े हुए एमएसपी पर ही राज्य सरकारों द्वारा फसलों का उपार्जन किया जाएगा।
मार्केटिंग ईयर 2025-26 के लिए सभी जरूरी रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) (Minimum Support Price (MSP) for all essential Rabi crops for marketing year 2025-26) | ||||
क्र. सं. | फसल | 2024-25 एमएसपी रुपए/ क्विंटल | 2025-26 एमएसपी रुपए/ क्विंटल | प्रति क्विंटल बढ़ा दाम रुपए |
1 | गेहूं | 2,275 | 2,425 | 150 |
2 | जौ | 1,850 | 1,980 | 130 |
3 | चना | 5,440 | 5,650 | 210 |
4 | रेपीसीड और सरसों | 5,650 | 5,950 | 300 |
5 | कुसुम | 5,800 | 5,940 | 140 |
6 | मसूर | 6,425 | 6,700 | 275 |
हरियाणा सरकार ने राज्य में आढ़तियों को बड़ी राहत देते हुए रबी विपणन वर्ष 2024-25 में नमी के कारण तोल में हुई कमी के नुकसान की भरपाई के लिए उन्हें प्रतिपूर्ति राशि देने को मंजूरी दे दी है। इसके लिए राज्य सरकार कुल 3,09,95,541 रुपये की राशि वहन करेगी। सीएम नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। इस कुल राशि में से 77,22,010 रुपए खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा वहन किए जाएंगे, जबकि 1,71,16,926 रुपए की राशि हरियाणा राज्य सहकारी आपूर्ति एवं विपणन संघ लिमिटेड (हैफेड) द्वारा वहन की जाएगी और शेष 61,56,605 रुपए की राशि हरियाणा राज्य भंडारण निगम (एचएसडब्ल्यूसी) द्वारा वहन की जाएगी।
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