Seed Act Haryana : खेती में फसलों के अच्छे उत्पादन के लिए किसानों को गुणवत्ता युक्त असली बीज, खाद और कीटनाशक जैसे कृषि इनपुटों की जरुरत पड़ती है। किसानों को गुणवत्तापूर्ण खाद, बीज और कीटनाशक उपलब्ध कराने और धोखाधड़ी को रोकने के लिए सरकार ने कई योजनाएं और पहल शुरू की हैं, जिनमें बीज, कीटनाशक और उर्वरक (नियंत्रण) आदेश आदि जैसे विभिन्न प्रावधान शामिल हैं।
इस कड़ी में हरियाणा में नकली और मिलावटी बीजों की बिक्री पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़ गई है। कई बीज उत्पादक और विक्रेता अच्छे बीजों को खराब या निम्न गुणवत्ता वाले बीजों के साथ मिलाकर बेचते हैं, जिसके कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। इसको देखते हुए हरियाणा सरकार ने बड़ा ही सख्त कदम उठाया है। गुरुवार को विधानसभा में हरियाणा सरकार ने पुराने बीज अधिनियम और कीटनाशक अधिनियम में संशोधन कर नया बिल पास कराए हैं, जिसमें नकली बीज खाद और कीटनाशक बनाने वाली कंपनी और विक्रेता दोनों के खिलाफ कड़े प्रावधान किए हैं। संशोधित कानून के तहत राज्य में अब नकली बीज और कीटनाशक बेचने वाली कंपनियों और विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, अगर कोई कंपनी या विक्रेता दोषी पाया जाता है, तो उसे एक से लेकर 3 साल तक की जेल और पांच लाख रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। साथ ही इसे अब गैर-जमानती अपराध घोषित किया गया है।
गुरुवार को विधानसभा ने कुल छह विधेयक पारित किए। इसमें बीज (हरियाणा संशोधन) विधेयक और कीटनाशक (हरियाणा संशोधन) अधिनियम 2025 शामिल है। आधिकारिक बयान के मुताबिक, बीज अधिनियम और कीटनाशक अधिनियम में संशोधन का उद्देश्य राज्य में नकली व मिलावटी बीजों और कीटनाशकों की बिक्री पर अंकुश लगाना और दोषियों को कड़ी सजा दिलाना है ताकि किसानों को गुणवत्तापूर्ण उत्पाद मिल सकें।
बयान में कहा गया है कि हरियाणा सरकार ने घटिया बीज और कीटनाशकों की बिक्री रोकने के लिए पुराने कानूनों में संशोधन किया है। इस संशोधन के तहत बीज अधिनियम, 1966 हरियाणा राज्यार्थ की धारा 7 के उल्लंघन के लिए धारा 19 के बाद धारा 19-क जोड़ी गई है। इसमें कड़े दंड के लिए राज्य सरकार ने नकली या घटिया बीज बेचने को संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध बनाया गया है। इसके अलावा, कीटनाशी अधिनियम, 1968 हरियाणा राज्यार्थ की धारा 29 की उपधारा (1) के उपखण्ड (i) तथा (ii) प्रतिस्थापित किया गया है। बयान में बताया गया है कि नकली बीजों और कीटनाशाकों की धोखाधड़ी को रोकने और किसानों को गुणवत्तापूर्ण उत्पाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए बीज अधिनियम वर्ष 1966 लागू किया गया, जिसमें 1972 में संशोधन हुआ था। इसी तरह, कीटनाशक से संबंधित अधिनियम भारत सरकार द्वारा वर्ष 1968 में बनाया गया था।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि नकली, मिलावटी और घटिया बीजों के उत्पादन, बिक्री और वितरण में सजा और जुर्माना को पहले से और अधिक सख्त कर दिया गया है। पुराने कानून के तहत पहली बार नकली या मिलावटी बीज बेचने पर मात्र 500 रुपये तक जुर्माने का प्रावधान था। दूसरी बार या बाद के अपराध में अधिकतम छह माह कारावास या 1000 रुपए तक जुर्माना अथवा दोनों को सजा का प्रावधान था। नए संशोधित कानून के तहत पहली बार अपराध करने पर दोषी को अधिकतम 2 वर्ष की कैद और तीन लाख रुपए तक जुर्माना होगा। दूसरी बार या बाद के अपराध में दोषी को अधिकतम तीन वर्ष कारावास तथा अधिकतम पांच लाख रुपए जुर्माना का प्रावधान किया गया है। इसी तरह, नकली, मिलावटी या घटिया बीज बेचने और वितरित करने का दोषी पाए जाने वाले विक्रेताओं के लिए, नए प्रावधानों में पहली बार अपराध करने पर 50,000 रुपये से 1 लाख रुपये तक के जुर्माने के साथ-साथ न्यूनतम छह महीने से एक साल की सजा का प्रावधान है। दूसरे या उसके बाद के अपराध करने पर एक से दो साल की कैद और 1 लाख रुपए से लेकर 2 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
मौजूदा कानूनों के तहत सजा के प्रावधान पर्याप्त कठोर नहीं होने के कारण राज्य में नकली व मिलावटी बीज और कीटनाशकों की बिक्री पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। पिछले कुछ वर्षा में यह बिक्री काफी बढ़ गई, जिससे किसान ठगे जा रहे हैं और उन्हें फसल में भारी नुकसान उठाना पड़ता है। खेती की लागत बढ़ने के बावजूद फसलों की पैदावार प्रभावित होती है और किसानों के साथ-साथ पर्यावरण काे भी नुकसान पहुंचता है। इसलिए हरियाणा सरकार ने नकली बीज और कीटनाशकों को बेचने पर रोक लगाने के लिए पुराने कानून में संशोधन कर सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया। इससे राज्य के किसानों को बड़ी राहत मिलेगी और कृषि क्षेत्र में सुधार आएगा।
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