laser leveler machine price : देश में आगामी महीने से खरीफ फसल का सीजन शुरू हो जाएगा, जिसको लेकर राज्यों ने जरुरी तैयारी पहले से शुरू कर दी है। तकनीक का उपयोग कर किसान फसलों से अधिक पैदावार हासिल कर सके, इसके लिए कृषि विभाग के एक्सपर्ट्स द्वारा खेती बाड़ी से जुड़े कई कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को जागरूक भी किया जा रहा है। इस बीच उत्तर प्रदेश शासन द्वारा राज्य स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी कार्यक्रम के माध्यम से किसानों को खेती के उन्नत तौर-तरीकों का प्रशिक्षण व जानकारी दी जा रही है, ताकि किसान कम लागत में अच्छी पैदावार ले सके। साथ ही, खेत को समतल कराने वाली आधुनिक मशीन “लेजर लैंड लेवलर” पर सरकार 50 प्रतिशत या अधिकतम 2 लाख रुपए तक की सब्सिडी भी दे रही है, जिससे किसान खेत का अच्छे से समतलीकरण कर आधे पानी में फसलों की अच्छी सिंचाई कर सके। इस मशीन पर सब्सिडी उपलब्ध कराने का उद्देश्य खेत की सिंचाई में क्रांति लाना है।
दरअसल 'खेत का पानी खेत में' इसकी महत्वता से प्रत्येक किसान अच्छे से वाकिफ है। खेत में लंबी अवधि तक नमी बनी रहे, भारी बारिश के दौरान खेत की उपजाऊ मिट्टी की परत का अपरदन (भू-सतह पर एक जगह से मिट्टी) न हो, जरूरत के बाद अवशेष जल भूगर्भ में जाकर आस-पास के तालाब, पोखरों और कुओं के जलस्तर को बनाए रखे, इसके लिए किसान को नियमित अंतराल पर कुछ विशेष कृषि कार्य करने होते है। उदाहरण के लिए खेत की मजबूत और ऊंची मेडबंदी, गर्मी में गहरी जुताई। इसके संबंध में सटीक पूर्वानुमान और सलाह देने वाले महाकवि घाघ ने बताया कि, "जेतना गहिरा जोते खेत, बीज परे फल अच्छा देत"। मेडबंदी एवं गहरी जोताई के पश्चात तीसरी महत्वपूर्ण चीज है, खेत की लेवलिंग यानी समतलीकरण करना। आमतौर पर अधिकतर किसान इस कार्य की अनदेखी करते हैं, जबकि कई कारणों से यह सबसे महत्वपूर्ण कृषि कार्यों में से एक है। खेत की लेवलिंग (समतलीकरण) होने से सिंचाई में केवल आधा पानी खर्च होगा और फसल उत्पादन रकबा भी बढ़ेगा।
खेत का समतलीकरण करने वाली आधुनिक मशीन 'लेजर लैंड लेवलर' ने इस कार्य को आसान और अधिक प्रभावी कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार कृषि यंत्र सब्सिडी योजना के तहत इस मशीन पर 50 प्रतिशत या अधिकतम दो लाख रुपए तक का अनुदान भी दे रही है। कृषि विभाग, उत्तर प्रदेश के मुताबिक, इस यंत्र की बुकिंग कृषि विभाग के पोर्टल www.agriculture.up.gov.in पर यंत्र बुकिंग लिंक पर क्लिक कर ऑनलाइन की जा सकती है। बता दें कि पोर्टल पर बुकिंग हेतु किसान के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा, यदि किसान का मोबाइल नंबर अपडेट नहीं है अथवा उपलब्ध नहीं है, तो किसान द्वारा स्वयं अपने आधार पंजीकृत मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी के माध्यम से अपडेट किया जा सकता है। आवेदक द्वारा अपने या ब्लड रिलेशन सदस्य (माता, पिता, भाई, बहन, पुत्र, पुत्री, पुत्रवधू) के मोबाइल नंबर से भी आवेदन किया जा सकता है। इसकी पुष्टी सत्यापन के समय भी की जाती है।
लेजर लैंड लेवलर मशीन से समतल किया गया खेत एक फुटबाल मैदान की तरह होता है, जिससे आपके खेत की सिंचाई में सिर्फ आधा पानी लगेगा। मेड़ों एवं नालियों की संख्या कम होने से खेत का रकबा करीब 3 से 6 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा। सीड ड्रिल, रेज्ड बेड आदि आधुनिक कृषि यंत्रों का उपयोग आसान व प्रभावी होने से घटी लागत में भी विभिन्न फसलों की उपज अच्छी खासी बढ़ जाएगी। उदाहरण के लिए धान की फसल की पैदावर लगभग 61 फीसद और गन्ने एवं गेहूं का उत्पादन क्रमश: 40 फीसदी तक बढ़ सकता है। खेत को लेवल करने की यह आधुनिक मशीन जीपीएस (ग्लोबल पोजिसनिंग सिस्टम) से लैस है, जिससे निकलने वाली लेजर बीम को ट्रैक्टर में लगा संयंत्र रिसीव करता है। इसी से चालक को खेत का लेवल पता चलता है। ट्रैक्टर के पीछे लगे बकेट सबसे ऊंची जगह से मिट्टी निकाल कर, निचली जगहों को भरता है।
एक प्रगतिशील किसान के अनुसार सारी दक्षता इस मशीन को सेट करने की है। यदि एक बार यह मशीन सेट हो गई और चालक ने ट्रैक्टर के साथ पूरा खेत घूम लिया तो उसे पता चल जाएगा कि भूमि कहां कितनी ऊंची-नीची है, जिसके बाद उसे केवल इतना करना होगा कि सबसे ऊंची जगह से मिट्टी काटकर नीची जगह पर भरना होगा। इससे खेत समतल हो जाएगा और किसी मैदान की भांति ही खेत दिखाई देगा। समतल खेत में सिंचाई करने पर कम समय और पानी में समान रूप से संतृप्त होता है। खेत में बराबर नमी के कारण बीज का जमाव एक साथ अच्छे से होता है। लिहाजा फसल भी एक साथ तैयार होती है। धान एवं गेहूं वाले फसल चक्र में बीस लाख हेक्टेयर खेत को अगर उक्त विधा से बराबर किया जाए, तो 3 वर्ष में करीब 15 मिलियन हेक्टेयर पानी, 20000 लाख लीटर डीजल, और 500 किलोग्राम ग्रीन हाउस गैस की बचत होगी। पूरी तरह बराबर खेत में यूरिया ही नहीं अन्य खाद एवं पोषक तत्व पौधों को समान रूप से मिलता है।
गंगा का सर्वाधिक बहाव क्षेत्र (बिजनौर से बलिया) में नियमित अंतराल पर खेत की लेवलिंग जरूरी है। गंगा के इन मैदानी क्षेत्रों के लिए यह लेजर लैंड लेवर मशीन बेहद उपयोगी है। उल्लेखनीय है कि धान-गेहूं इस क्षेत्र की मुख्य फसल है। उर्वर भूमि, भरपूर पानी और श्रम के नाते इस क्षेत्र में अब भी उपज बढ़ाने की भरपूर संभावना है। केंद्र का भी मानना है कि देश में दूसरी हरित क्रांति की शुरुआत इसी क्षेत्र से होगी, जिसको देखते हुए कई योजनाएं भी लागू की गई हैं। संयोग से जलवायु के बदलाव का सर्वाधिक प्रभाव भी इसी क्षेत्र पर पड़ता है। समतल खेत होने से जीरो सीड ड्रिल, रेज्ड बेड कृषि यंत्र से कतार में बीजों की बुवाई आसान हो जाती है। फसल लाइन में होने से कीटों, रोगों और खरपतवारों का नियंत्रण आसान होता है।
Website - TractorGuru.in
Instagram - https://bit.ly/3wcqzqM
FaceBook - https://bit.ly/3KUyG0y