दक्षिणी-पश्चिमी मानसून आगमन की अनुकूल परिस्थितियों को देखते हुए राज्य शासन के निर्देश पर गांव-गांव में विकसित कृषि संकल्प अभियान चलाया जा रहा है। इसमें खरीफ बोनी की तैयारियां से लेकर किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों, क्षेत्रीय फसलों के लिए उन्नत किस्मों और कृषि वैज्ञानिक सलाह दी जा रही है। ताकि इस बार खेती से बेहतर उत्पादन के साथ अधिक मुनाफा हासिल करने में मदद मिल सके। फिलहाल, देश के कई राज्यों में प्री-मानसूनी बरसात की शुरुआत हो चुकी है, जिसको देखते हुए किसानों ने खरीफ बोनी की तैयारियां प्रारंभ कर दी है। खेत की जुताई हो या फसल की बुवाई हो, हर काम के लिए किसान आधुनिक कृषि यंत्रों का उपयोग कर रहे हैं। इन यंत्रों ने बुवाई लागत कम करने और उत्पादन बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसके चलते आज ये किसानों के काफी अधिक लोकप्रिय हो चुके है। किसान इन विभिन्न कृषि एप्लीकेशन्स के लिए कई टॉप ट्रैक्टर ब्रांड के विभिन्न मॉडल उपयोग करते हैं। ये कम ईंधन लागत पर बेहतर प्रदर्शन देने के लिए लोकप्रिय है। आइए, इन ट्रैक्टर मॉडल और कृषि मशीनों के बारे में विस्तार से जानें।
भारतीय कृषि प्रणाली में तेजी से मशीनीकरण हो रहा है। किसान खेती में आधुनिक तकनीक और कृषि यंत्रों को अपना रहे हैं। खेत का जुताई यंत्र हो, फसल की कटाई मशीन या ट्रॉली ढुलाई जैसे अनुप्रयोग के लिए ट्रैक्टर एक जरूरी साधन बन गया है। सीड ड्रिल, बेड प्लांटर और सुपर सीडर जैसे आधुनिक बुवाई यंत्रों के लिए महिंद्रा 575 डीआई एक्सपी प्लस, महिंद्रा अर्जुन 555 डीआई, महिंद्रा 585 युवो टेक+, न्यू हॉलैंड 3630 TX सुपर प्लस, जॉन डियर 5105, स्वराज 744 एक्स टी, और सोनालीका डीआई 42 RX जैसे कई टॉप ट्रैक्टर मॉडल का उपयोग किया जा रहा है। ये ट्रैक्टर अच्छा माइलेज, दमदार इंजन, हाई लोडिंग कैपेसिटी और शानदार फीचर्स के साथ कृषि एप्लीकेशन्स के लिए आपको बेहतर प्रदर्शन और उत्पादकता प्रदान करते हैं। साथ ही ये हर तरह की खेती के काम में सबसे ज्यादा काम आते हैं और छोटे और बड़े किसानों के लिए बेहद फायदेमंद है, तो आइए जानते है टॉप बुवाई यंत्रों और दमदार ट्रैक्टर मॉडल की खूबियों के बारे में।
मानसून आने की संभावना को देखते हुए किसान भाइयों खरीफ सीजन में धान की बुवाई हेतु इसकी नर्सरी डालने की तैयारी शुरू कर दी है। वहीं, कुछ क्षेत्रों के किसान धान की सीधी बिजाई करने की सोच रहे हैं। धान की सीधी बुवाई करने के लिए जीरो सीड ड्रिल मशीन का उपयोग कर सकते हैं। यह फसलों की सीधी बुवाई करने के लिए उपयुक्त है। बाजार में दशमेश, जगतजीत, लैंडफोर्स, खेदूत, जॉन डियर सीड ड्रिल मशीन और महिंद्रा जैसे प्रतिष्ठित और विश्वसनीय ब्रांड की सीड ड्रिल मशीनें उपलब्ध है। इनकी पावर क्षमता 35 से लेकर 75 एचपी तक है।
सीड ड्रिल मशीन किसानों के लिए काफी लाभकारी होती है। यह बीज और उर्वरक निर्धारित मात्रा में खेत में डालने की अद्भुत कार्यक्षमता रखती हैं। सरकार द्वारा किसानों के लिए लागू की गई कृषि यंत्र अनुदान योजना के अंतर्गत सीड ड्रिल मशीनों पर अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। बाजार में मैनुअल सीड ड्रिल मशीन की अनुमानित कीमत 40-90 हजार तक होती है, जबकि ऑटोमेटिक सीड ड्रिल यंत्र की कीमत 50-1.5 लाख रुपए तक हो सकती है। इसमें जीएसटी समेत अन्य खर्चे भी शामिल हो सकते हैं या अलग हो सकते हैं।
कटाई के बाद खेतों में बचे हुए फसल अवशेषों (नरवाई) के प्रबंधन में हैप्पी सीडर और सुपर सीडर कृषि यंत्र काफी उपयुक्त है। किसान इन दोनों कृषि यंत्रों की मदद से फसलों की सीधी बुवाई कर सकते हैं। साथ ही, फसल अवशेषों का उचित प्रबंधन कर अधिक उत्पादन भी प्राप्त कर सकते हैं। हैप्पी सीडर एवं सुपर सीडर कृषि यंत्र से बिना जुताई के अगली फसल की बुवाई भी की जा सकती है। इससे फसल उत्पादन लागत तो कम होती ही है। साथ ही फसलों का उत्पादन भी बढ़ता है। इन दोनों यंत्रों की सहायता से फसल अवशेषों को काटकर सीधे बोनी की जाती है। बाजार में हैप्पी सीडर की अनुमानित कीमत करीब 2 लाख 60 हजार रुपए से 2 लाख 85 हजार रुपए तक और सुपर सीडर करीब दो से ढाई लाख रुपए हो सकती है। सरकार कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत किसानों को इन यंत्रों की खरीद के लिए 50 प्रतिशत की सब्सिडी देती है। सुपर सीडर एवं हैप्पी सीडर पर उपलब्ध अनुदान लाभ पर अधिक जानकारी के लिए किसान अपने ब्लॉक या जिले के कृषि कार्यालय में संपर्क करें।
रेज्ड बेड प्लान्टर मशीन शुष्क भूमि पर बुवाई के लिए अत्यधिक उपयुक्त है। रेज्ड बेड प्लांटर (आरबीएफ) या बीबीएफ प्लांटर से मक्का, सोयाबीन, मूंग, काला, अरहर, मूंगफली, सूरजमुखी, कपास, सोरघम, मैलेट आदि जैसी कई प्रकार की फसलों की बोनी उठाए गए बिस्तर पर कर सकते हैं और साथ ही साथ फरो भी बना सकता है। बेड प्लांटर का उपयोग करके, बुवाई अलग-अलग पंक्तियों के अंतराल पर 8 से 18 इंच तक की जा सकती है, जबकि बुवाई की गहराई 2 से 4 इंच तक बनाए रखी जा सकती है। इसमें उपयुक्त मीटरिंग तंत्र प्रदान किया गया है, जिसमें फ़्लूटेड रोलर्स शामिल हैं जो बीज और उर्वरक को मीटर करते हैं। यह सिस्टम ग्राउंड व्हील द्वारा संचालित होता है, जो उपकरण के सामने से जुड़ा होता है। बुवाई से पहले, बीज और उर्वरक के प्रवाह को "समायोजन घुंडियों" का उपयोग करके काटने के पैटर्न और बोई जाने वाली फसल के अनुसार समायोजित किया जा सकता है। यंत्र के पीछे एक लेवलर है जो बोए गए बीजों को मिट्टी से ढक देता है और इस प्रकार बिस्तर को समतल कर देता है। लेवलर और रिजर दोनों को जरूरी गहराई के लिए समायोजित किया जा सकता है, जबकि टाइन को पार्श्व में समायोजित किया जा सकता है।
Website - TractorGuru.in
Instagram - https://bit.ly/3wcqzqM
FaceBook - https://bit.ly/3KUyG0y