वर्तमान में किसानों को परंपरागत खेती-बाड़ी पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए। आजकल केंद्र और राज्य सरकारें किसानों की आर्थिक हालत को सुधारने लिए कई तरह की योजनाएं ला रही है। इन योजनाओं में बैंकों और अन्य सरकारी एजेंसियों की ओर से संबंधित व्यवसाय शुरू करने पर अनुदान दिया जाता है। पशुपालन और डेयरी व्यवसाय में किसानों के अतिरिक्त कमाई के बेहतर अवसर हैं। पशुपालन व्यवसाय को ही देखें तो इसमें देश के लाखों किसान कई सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर खूब मुनाफा कमा रहे हैं। हाल ही भारत सरकार ने Nabard Subsidy Scheme शुरू की है। यह योजना डेयरी फॉर्मिंग के लिए है। इसमें किसानों के अलावा कोई भी एनजीओ या व्यक्तिगत उद्यमी आवेदन कर नाबार्ड की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी का लाभ लेकर डेयरी फॉर्मिग शुरू कर सकता है। यह एक अच्छी कमाई वाला व्यवसाय है। यहां ट्रैक्टरगुरू की इस पोस्ट में आपको नाबार्ड सब्सिडी स्कीम के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है।
नाबार्ड सब्सिडी स्कीम में कैसे फायदा उठाए जाए और इसमें कितनी सब्सिडी मिलेगी? यह जानने के लिए आपको बता दें कि इसमें एक ही परिवार के एक से ज्यादा सदस्यों को लोन जारी हो सकता है। इसमें शर्त यह है कि आवेदक अलग-अलग स्थानों पर इकाइयां स्थापित कर रहे हों। वहीं डेयरी व्यवसाय शुरू करने पर नाबार्ड द्वारा परियोजना लागत का 25 प्रतिशत हिस्सा एससी/ एसटी किसानों के लिए अनुदान के रूप में प्रदान किया जाएगा।
आप यदि नाबार्ड सब्सिडी स्कीम में डेयरी व्यवसाय शुरू करने के लिए आवेदन करते हैं और आपका लोन स्वीकृत हो जाता है तो आपको स्कीम का एक अतिरिक्त लाभ भी नाबार्ड देगा। आप आसान किश्तों के रूप में भी लोन चुका सकते हैं। इस दौरान ईएमआई की कुछ किस्तें बैंक द्वारा माफ हो जाएगी। इसके बाद ईएमआई पर दी जाने वाली छूट की राशि नाबार्ड की सब्सिडी स्कीम में समायोजित कर दी जाएगी।
बता दें कि नाबार्ड सब्सिडी स्कीम का पूरा लाभ आपको तभी मिल पाएगा जब आप अपने व्यवसाय को कंपनी या एनजीओ के रूप में रजिस्टर्ड कराएंगे। इस प्रोसेस को पूरा करने के बाद ही आप बैंक में लोन के लिए आवेदन करें। इससे आपको आगे चल कर कोई परेशानी नहीं आएगी और योजना के सभी लाभ मिल सकेंगे। इस योजना का लाभ डेयरी सहकारी समितियां, दुग्ध उत्पादक संघ या पहले से पंजीकृत एनजीओ भी उठा सकेंगे।
नाबार्ड की ओर से पशुपालन, मत्स्य पालन, पोल्ट्री और डेयरी फॉर्मिंग के लिए पहले भी एक पायलट योजना शुरू की गई थी। इसे डेयरी उद्यमिता विकास योजना का नाम दिया गया था। वर्तमान में भी इस योजना में आवेदन कर इसका लाभ उठाया जा सकता है। इसमें भी किसान, उद्यमी, गैर सरकारी संगठन (ngo) आवेदन कर सकते हैं।
आपको यदि डेयरी फार्मिंग व्यवसाय शुरू करना है तो इसके लिए पहले छोटे स्तर पर काम करें। इसके लिए कम संख्या में अच्छी नस्ल की गायें या भैंस रखें। धीरे-धीरे आय बढ़ने पर मवेशियों की संख्या बढा सकते हैं। इसके अलावा डेयरी व्यवसाय मालिकों के लिए समय-समय पर अपने पशुओं का टीकाकरण भी कराना चाहिए।
डेयरी व्यवसाय की शुरूआत करने के लिए आपको कई चीजों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। इनमें पशुओं के लिए चारे-पानी का पर्याप्त प्रबंध, चारागाह पर सिंचाई प्रणाली, मौसम से बचाव के लिए शेड तैयार करना, दूध के भंडारण की सुविधा और डेयरी संबंधी कई मशीनरी एवं उपकरणों की व्यवस्था करना आदि शामिल हैं। इसके अलावा दूध बेचने के लिए अलग से दुकान का निर्माण करें और उस पर अपनी फर्म का नाम का विज्ञापन बोर्ड भी लगाएं। इससे आपका व्यवसाय ज्यादा लाभ प्रदान कर सकता है।
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