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कृषि विज्ञान केंद्र में बकरी, भेड़ पालन प्रशिक्षण, अभी पंजीकरण करें

कृषि विज्ञान केंद्र में बकरी, भेड़ पालन प्रशिक्षण, अभी पंजीकरण करें
पोस्ट -10 मई 2025 शेयर पोस्ट

बकरी, भेड़ पालन प्रशिक्षण : इच्छुक किसान जल्दी कराएं पंजीयन

krishi vigyan kendra pokaran jaisalmer :  पशुपालन क्षेत्र में रोजगार और आजीविका के अवसर को देखते हुए सरकार द्वारा राष्ट्रीय पशुधन मिशन, मुद्रा योजना, पशुधन बीमा योजना जैसी कई अन्य सरकारी योजनाओं चलाई जा रही है। सरकार इन योजनाओं के माध्यम से मुर्गीपालन, मत्स्य पालन, गाय-भैंस पालन, सूअर, भेड़-बकरियों जैसे छोटे पशुओं के पालन हेतु किसानों को प्रोत्साहित करती है। इसके लिए सरकार की ओर से किसानों सस्ता लोन, सहायतानुदान एवं अन्य सुविधाएं प्रदान की जाती है। हालांकि, इन सरकारी योजनाओं में विभिन्न लाभों एवं अनुदान को प्राप्त करने हेतु प्रशिक्षण अनुभव प्रमाण पत्र मांगा जाता है। ऐसे में सरकार कृषि विश्वविद्यालयों से जुड़े “कृषि विज्ञान केंद्र” (केवीके) और कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) संस्थानों के माध्यम से किसानों एवं पशुपालकों को विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाता है। इस कड़ी में कृषि विज्ञान केंद्र पोकरण द्वारा वैज्ञानिक बकरी व भेड़ पालन विषयक सात दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य पशुधन बाहुल्य क्षेत्र में पशु उत्पादकता व कौशल को बढ़ाना है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों को भेड-बकरी पालन के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। इच्छुक किसान, युवा उद्यमी प्रशिक्षण के लिए अपना पंजीकरण करा सकते है। बकरी भेड् पालन के लिए प्रशिक्षण की अवधि 11 मई 2025 तक निर्धारित की गई। ऐसे में लाभार्थीयों के पास केवल 2 दिन शेष है, जल्द से जल्द पंजीकरण कराएं और प्रशिक्षण से भेड़-बकरी पालन को आगे बढ़ाएं। 

इन विषयों के लिए दिया जाएगा प्रशिक्षण (Training will be provided for these subjects)

कृषि विज्ञान केंद्र पोकरण के वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष डॉ. दशरथ ने बताया कि केंद्र द्वारा वैज्ञानिक बकरी व भेड़ पालन विषयक सात दिन का प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। प्रशिक्षण की अवधि 5 मई 2025 से 11 मई 2025 तक है। इस प्रशिक्षण प्रोग्राम में भेड़-बकरी पालन व्यवसाय का महत्व, प्रमुख नस्लों की पहचान एवं विशेषता तथा आवास व्यवस्था, आहार प्रबंधन, स्वास्थ्य प्रबंधन, अजोला एवं साइलेज तकनीक का भेड़-बकरी पालन व्यवसाय में महत्व, छोटे बच्चों को कोलस्ट्रम पिलाने का महत्व, कर्मीनाशक दवा और टीकाकरण तथा विभिन्न व्याख्यान भेड़-बकरियों में होने वाली विभिन्न बीमारियों और उनका प्रबंधन एवं बकरियों में बांझपन तथा प्रबंधन, प्रजनन संबंधी समस्याओं के निवारण  इत्यादि विषयों के लिए प्रशिक्षण दिए जायेगा। 

कहां से करा सकते हैं पंजीकरण? (From where can I register?)

वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष डॉ दशरथ ने बताया कि राज्य एवं केंद्र की सरकारी योजनाओं जैसे राष्ट्रीय पशुधन मिशन (National Livestock Mission), मुद्रा योजना (Mudra Scheme), पशुधन बीमा योजना (Pashudhan Bima yojana) इत्यादि में विभिन्न लाभों एवं अनुदान को प्राप्त करने हेतु प्रशिक्षण अनुभव प्रमाण पत्र मांगा जाता है। जिसको ध्यान में रखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र पोकरण (केवीके) द्वारा बकरी, भेड़ पालन पर विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। गैर आवसीय प्रशिक्षण के लिए पशुपालकों की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु प्रशिक्षण शुल्क (Training Fee) एक हजार रुपये रखा है। इच्छुक किसान, पशुपालक,  युवा, उद्यमी प्रशिक्षण के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र पोकरण के फेसबुक पेज पर जाकर ऑनलाइन लिंक व केन्द्र पर जाकर अपना ऑफलाइन पंजीकरण करा सकते है। समय–समय पर ऐसे शिविर आयोजित किए जाते हैं। 

सरकार से मिलती है 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी (Up to 50 percent subsidy is available from the government)

बता दें कि राजस्थान सरकार केंद्र की “राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना” के तहत राज्य में  भेड़, बकरी और मुर्गी पालने के साथ ही चारा विकास के लिए 50 प्रतिशत तक सब्सिडी देती है। फिलहाल, राज्य के बाड़मेर जिले में  इस योजना के माध्यम से किसानों को लाभ दिया जा रहा है। बता दें कि सरहदी बाड़मेर जिले में अधिकांश किसान कृषि और पशुधन पर ही  निर्भर रहते हैं, जिसके लिए, राज्य सरकार “राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना” (National Livestock Mission) के अंतर्गत यहां के लोगों को भेड़-बकरी और मुर्गी पालन के जरिये रोजगार देने का प्रयास कर रही है। 

पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. विनय मोहन खत्री के अनुसार, “राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना” के तहत 50 लाख रुपए की लागत के मुर्गी फार्म (Poultry Farm) पर अधिकतम 25 लाख का अनुदान दिया जाएगा।  भेड़ व बकरी फार्मिंग यूनिट के लिए अधिकतम 50 लाख का अनुदान किसानों को देय है, जबकि चारा ब्लॉक बनाने या चारा मूल्यवर्धन यूनिट की लगाने के लिए अधिकतम 50 लाख रुपए सब्सिडी देने का प्रावधान है। यह अनुदान राशि 2 समान किस्तों में किसानों को देय है। पहली किस्त बैंक की ओर से ऋण उपलब्ध कराने पर और दूसरी परियोजना कार्य पूरा होने पर दी जाएगी, जो सरकार की ओर से ऋण देने वाले बैंक के तहत दी जाती है।  

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