Surya Mitra Yojana : केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा कई योजनाओं के अंतर्गत किसानों को अनुदान पर सोलर पैनल और सौर ऊर्जा से चलने वाले कृषि पंप दिए जाते हैं, ताकि फसल उत्पादन लागत कम करने के साथ ही किसानों को सस्ती बिजली उपलब्ध हो सके। इस कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार अब किसानों को बिजली उत्पादक बनाने जा रही है, जिसके लिए राज्य में “सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना” शुरू की गई है। राज्य के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने बताया कि “सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना” के तहत प्रदेश के छोटे किसान अब बिजली उत्पादक बनेंगे। साथ ही इसमें छोटे निवेशकों से भी सहयोग लिया जाएगा। सरकार चाहती है कि छोटे निवेशकों के साथ ही किसान इस योजना में निवेश करके सस्ती बिजली का उत्पादन करें, उसका उपयोग भी करें और बेचकर लाभ भी अर्जित करें।
मंत्री राकेश शुक्ला ने बताया कि किसानों के लिए यह एक अभिनव प्रयोग है, जो नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए मददगार साबित होगा। सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना (Surya Mitra Agriculture Feeder Scheme) का लाभ लेकर किसान सौर ऊर्जा के माध्यम से “बिजली उत्पादक” बन सकते हैं। इस योजना से किसानों को दिन में भी सस्ती बिजली उपलब्ध कराई जा सकेगी। यह योजना प्रदेश में किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कारगर साबित होगी।
उन्होंने बताया कि सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना में पावर ग्रिड (विद्युत ग्रिड) से जुड़े कृषि पंपों को सौर ऊर्जा से बिजली देने के लिए फीडर पर सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना प्रस्तावित है। योजनांतर्गत विद्युत सब स्टेशन की 100% क्षमता तक की सौर परियोजनाओं को स्थापित किया जाएगा। वोकल फॉर लोकल के अंतर्गत स्थानीय उद्यमियों के लिए निवेश एवं रोजगार के अवसर मिलेंगे। शासन के साथ 25 वर्षों तक का विद्युत क्रय अनुबंध किया जाएगा। प्रदेश में 1900 से अधिक सब-स्टेशनों पर 14500 मेगावाट क्षमता परियोजनाओं के चयन के लिए उपलब्ध हैं।
नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने बताया कि परियोजनाओं को एग्रीकल्चर इन्फ्रा फंड से सात वर्षों तक 3 प्रतिशत ब्याज में छूट का प्रावधान है। परियोजनाओं की स्थापना सही तरीके से हो सके, परियोजनाओं को सरलता से ऋण उपलब्ध हो सके, स्थापना के पश्चात परियोजनाएं बेहतर ढंग से क्रियान्वित हों, परियोजनाओं से अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सके, इसके लिए सरकार द्वारा बैंकों, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) साइन किए हैं। जीआईज़ेड के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम किया गया, जिसमें 100 से अधिक डवलपर्स व संयंत्र स्थापनाकर्ता ईकाईयों ने हिस्सा लिया।
सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना की मूल भावना ग्रिड पर कृषि लोड का दिन में प्रबंध कर किसान को सिंचाई के लिए दिन में निर्बाध बिजली उपलब्ध कराना है। इससे किसानों की जीवन शैली व्यवस्थित हो सकेगी। इस योजना से सीधे 11 किलो वोल्ट साइड पर बिजली देने से विद्युत सब-स्टेशन के सभी फीडरों को दिन में एक साथ बिजली उपलब्ध कराई जा सकेगी। इसके लिए विद्युत सब-स्टेशन के सुधार / नए ट्रांसफार्मर पर होने वाले तात्कालिक खर्चे में कमी होगी। एमपी पॉवर मेनेजमेंट कंपनी लिमिटेड को सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध करवाने से कृषि क्षेत्र में विद्युत सब्सिडी का भार कम हो सकेगा। इस योजना से सीधे विद्युत खपत स्थल पर ऊर्जा प्रदाय कर पारेषण हानि को कम करना, 33/11 केवी वोल्ट विद्युत वितरण उप-केन्द्रों पर स्थापित पावर ट्रांसफार्मर पर ओवर- लोडिंग, लो-वोल्टेज व पावर कट जैसी समस्या कम करना है।
पत्रकार वार्ता यह भी बताया गया कि प्रदेश में प्रधानमंत्री कुसुम योजना के विस्तार का भी सरकार ने निर्णय लिया है। योजना के तहत सिंचाई सुविधाओं के लिए करीब आठ हजार अलग से कृषि फीडर्स स्थापित किए गए हैं। इन पर लगभग 35 लाख कृषि पंप कनेक्शन हैं। इन पृथक कृषि फीडर्स और मिश्रित फीडर्स जिन पर भी कृषि पंप हैं, को शीघ्र सौर ऊर्जा से बिजली देने के लिए फीडर पर सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना की जाएगी। प्रदेश में अब तक 80 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी हैं, जिससे 16000 से अधिक किसानों को सिंचाई के लिए बिजली देने का काम हो चुका है। 240 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं के विद्युत क्रय अनुबंध होकर स्थापनाधीन हैं और 200 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं प्रक्रियाधीन हैं। परियोजनाओं की स्थापना से एक लाख से अधिक कृषि पंपों को सौर ऊर्जा से बिजली दी जाएगी।
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