Crop Compensation Bihar : पिछले कुछ दिनों से देश के कई राज्यों में मौसम ने करवट ली है। कहीं तेज गर्मी से बुरा हाल है, तो कहीं आंधी, बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। इन प्राकृतिक आपदाओं ने जायद सीजन की खेती करने वाले किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। आंधी बारिश से किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान (Financial loss) उठाना पड़ सकता है। ऐसे में बिहार राज्य के रहने वाले वे सभी किसान जिनकी फसल बारिश, ओलावृष्टि, तेज़ हवा जैसी आपदाओं से क्षतिग्रस्त हुई है उनके लिए अच्छी खबर है। ऐसे किसानों को सरकार द्वारा क्षतिपूर्ति (compensation) के लिए मुआवजा एवं अन्य सहायता मिलेगी। सरकार ने फसल नुकसान आंकलन (Crop Damage Assessment) के लिए आधिकारियों को निर्देश जारी कर भौतिक सत्यापन करने के लिए कहा है, ताकि प्रभावित किसानों जल्द ही नुकसान मुआवजा देने की व्यवस्था की जा सके।
उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बीते दिनों राज्य के विभिन्न हिस्सों में आंधी और असमय बारिश हुई, जिसके कारण किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है। ऐसे में सभी जिलाधिकारियों से भौतिक सत्यापन कर वास्तविक फसल नुकसान का आंकलन (crop loss assessment) करने को कहा गया है, जिसके आधार पर राज्य सरकार प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा एवं अन्य सहायता देने की व्यवस्था करेगी। उन्होंने कहा कि प्रभावित जिलों से फसल क्षति की रिपोर्ट आते ही किसानों को आवश्यक सहायता देने की तुरंत कार्यवाही की जाएगी।
मंत्री ने कहा कि हाल के दिनों में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में आई आंधी और असमय बारिश के कारण फसलों को हानि पहुंचने की आशंका है। उन्होंने कहा कि सभी जिला कृषि पदाधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रभावित क्षेत्रों का तुरंत सर्वेक्षण करें। नुकसान का विस्तृत आंकलन कर मुख्यालय को शीघ्र सूचित करें। इसके आधार पर सरकार किसानों के लिए मुआवजा देने की व्यवस्था करेगी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की सरकार किसानों को हरसंभव सहायता पहुंचाएगी। सरकार की प्राथमिकता है कि आपदा प्रभावित किसानों को उनके फसल नुकसान का उचित मुआवजा मिले।
कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि हाल ही में आंधी और असमय बारिश से राज्य में गेहूं, गरमा मूंग, उड़द, तिल मक्का, मूंगफली, पान, अरहर, केला, प्याज, सहित कई उद्यानिकी फसलों के प्रभावित होने की आशंका है। इनमें से कई फसलें कटाई के लिए बिलकुल निकट थीं, इस कारण नुकसान अधिक हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार स्थिति का गहनता से मूल्यांकन कर रही है। किसानों को आवश्यक राहत देने एवं सहायता कार्यों की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। आपदा और अवसर दोनों में राज्य के किसानों के साथ सरकार खड़ी है। किसी भी स्थिति में सरकार अन्नदाताओं का अहित नहीं होने देगी।
बता दें कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में फसल सहायता योजना (Fasal Sahayata Yojana) संचालित की गई है। इस योजना के तहत अत्यधिक बारिश, ओलावृष्टि, तेज़ हवा और सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं ने प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए सरकार मुआवज़ा (compensation) देती है। योजना के तहत किसानों को 20 प्रतिशत की फसल क्षति होने पर 7,500 रुपए प्रति हेक्टेयर, जबकि किसानों की फसल 20 प्रतिशत से अधिक फसल क्षतिग्रस्त होने पर उन्हें कुल 10,000 रुपए प्रति हेक्टय़र की दर नुकसान मुआवजना दिया जाता है।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा इस योजना के तहत रबी एवं खरीफ मौसम की फसलों की क्षतिपूर्ति के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस कल्याणकारी योजना के तहत राज्य के रैयत, गैर रैयत या फिर आंशिक तौर पर रैयर सभी प्रकार के किसानों को इसमें लाभ प्रदान करके उनका आर्थिक विकास सुनिश्चित किया जाएगा। आवेदन के दौरान किसानों की जेब की वित्तीय बोझ नहीं पड़े, इसके लिए आवेदन प्रोसेस को नि:शुल्क (Free) रखा जाता है। विभागीय वेबसाइट पर प्रभावित किसान अपने फोटो, पहचान-पत्र, बैंक पासबुक की प्रति आवासीय प्रमाण-पत्र सभी दस्तावेजों को स्कैन करके पीडीएफ (PDF) प्रारूप कर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के वक्त किसानों को केवल फसल एवं बुआई का रकवा की जानकारी देनी होगी।
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