Pradhan Mantri Awas Plus Scheme online registration : देश के ग्रामीण क्षेत्रों में पीएम आवास योजना (PMY) के अंतर्गत आवासहीन या कच्चे/अर्धपक्के घरों में निवास करने वाले परिवारों को आवास का लाभ दिया जा रहा है। साथ ही ऐसे परिवारों को आर्थिक सहायता सुनिश्चित की जाती है, जो अपने मकान की टूट-फूट या खराब और जर्जर दीवारों को ठीक करने के लिए सरकार से वित्तीय सहायता (Financial Assistance) प्राप्त करना चाहते हैं। इस कड़ी में राजस्थान सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना (Pradhan Mantri Awas Plus Scheme) के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को आवास (PM Awas) दिया जा रहा है। योजना के तहत आवासों के लिए पंजीयन प्रक्रिया प्रारंभ है, जो पात्र व्यक्ति पीएम आवास योजना में आवास का लाभ चाहते है वे अब घर बैठे अपने एंड्रॉइड मोबाइल से एप के जरिए स्वयं पंजीकरण कर सकते हैं। इस योजना के तहत आवास के लिए 31 मार्च तक पंजीयन किया जा सकता है, जो व्यक्ति योजना में आवास का लाभ उठाना चाहते हैं वह जल्द ही अपना पंजीयन करा लें। वरना आपके हाथों से यह मौका छूट जाएगा।
दरअसल, प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना के तहत राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चे मकानों में रहने वाले गरीब परिवारों को पक्का आवास (Concrete housing) दिया जा रहा है। राज्य सरकार ने इस योजना को पहले से और अधिक आसान बना दिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशानुसार, अब पात्र लाभार्थी घर बैठे अपने एंड्रॉइड मोबाइल से ऐप के जरिए पीएम आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Plus Scheme) के लिए स्वयं पंजीकरण कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने हेतु केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार ने मिलकर यह डिजिटल पहल शुरू की है। साथ ही सरकार ने 31 मार्च 2025 तक राज्य के सभी पात्र लाभार्थी परिवारों को प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना (Pradhan Mantri Awas Plus Scheme) से जोड़ने के निर्देश दिए हैं।
राजस्थान के सवाई माधोपुर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव बुडानिया के मुताबिक, अब तक प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के अंतर्गत कई पात्र लोगों को आवास का लाभ (Housing Benefit) मिला है, लेकिन अब भी कई ऐसे पात्र परिवार हैं, जो अब तक इस योजना के लाभ से वंचित रहे हैं। ऐसे परिवार जो आवासहीन हैं, वर्षो से किराए के मकान में रह रहे हैं या उनके पास सिर्फ कच्चा मकान है, पीएम आवास योजना के लिए प्राथमिक लाभार्थी होंगे। साथ बेघर, बेसहारा, भीख मांगकर गुजारा करने वाले, हाथ से मैला ढोने वाले, जनजातीय समुदाय के लोग और वैधानिक रूप से मुक्त कराए गए बंधुआ मजदूरों को इस योजना में प्राथमिकता दी जाएगी।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया है कि इन परिवारों के लिए सर्वे (survey) के दौरान जियो टैगिंग (Geo Tagging) की जाएगी। सभी सदस्यों के आधार कार्ड, जॉब कार्ड और बैंक खाते की जानकारी एकत्रित की जाएगी। परिवार में महिला सदस्य को लाभार्थी बनाया जाएगा। अगर परिवार में कोई महिला सदस्य नहीं है, तो अन्य सदस्य को इसका लाभ दिया जाएगा।
पीएम आवास योजना के तहत कुछ श्रेणियों के लोग पात्र नहीं होंगे। अगर किसी परिवार के पास मोटरचालित तिपहिया (थ्री-व्हीलर) या चौपहिया (फॉर-व्हील) वाहन है, ट्रैक्टर जैसे अन्य मशीनीकृत कृषि यंत्र हैं, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की लिमिट 50 हजार रुपए या उससे अधिक है, परिवार में कोई सरकारी कर्मचारी है, कोई सदस्य आयकर दाता है, या परिवार की मासिक आय 15 /- हजार रुपए से अधिक है, तो वे लोग इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे। जिनके पास 2.5 एकड़ या उससे अधिक कृषि भूमि क्षेत्र है, वह भी पीएम आवास प्लस योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगे।
इस योजना के लिए 31 मार्च तक पंजीयन किया जा सकता है। लाभार्थी स्वयं अपने मोबाइल से पंजीकरण कर सकते हैं। एक मोबाइल से केवल एक आवेदन स्वीकृत किया जा सकता है। ग्राम विकास अधिकारी और कनिष्ठ सहायक अपने मोबाइल से कई आवेदनों को मैप कर सकते हैं और जरूरतमंदों का सर्वे कर सकते हैं। इस योजना के माध्यम से लाभार्थी परिवारों को कुल 1 लाख 55 हजार 940 रुपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी, जिसमें 1.20 लाख रुपए आवास निर्माण के लिए तीन किस्तों में मिलेंगे, 90 दिन का मनरेगा पारिश्रमिक (23,940 रुपए) एवं शौचालय निर्माण (टॉयलेट कंस्ट्रक्शन) के लिए 12,000 रुपए की धनराशि शामिल है।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव बुडानिया के अनुसार, ग्राम पंचायतों को यह प्रमाण पत्र देना होगा कि उनके इलाके में कोई भी पात्र लाभार्थी परिवार इस सर्वे से वंचित नहीं है। अगर किसी लाभार्थी का नाम छूट जाता है, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही सर्वे के दौरान लाभार्थियों को आवास निर्माण के लिए चार नक्शे दिए जाएंगे, जिनमें से वे अपनी पसंद का नक्शा चुन सकते हैं। जिले में अभी तक 75,132 पात्र परिवार आवास योजना के तहत अपना पंजीकरण करा चुके हैं, जिनमें से 61,619 लाभार्थियों ने मोबाइल ऐप के माध्यम से खुद पंजीकरण किया है, जबकि 13,513 लाभार्थियों का सर्वे ग्राम विकास अधिकारियों द्वारा किया गया है, जिन लोगों ने अब तक योजना के लिए पंजीकरण नहीं कराया है, वे सभी 31 मार्च 2025 तक अपना नाम जुड़वा सकते हैं।
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