कृषि यंत्र और उपकरण न केवल मानव श्रम पर निर्भरता कम करते हैं, बल्कि ये खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में भी सहायक हैं। ऐसे में खेती कार्यों में मशीनीकरण (यंत्रीकरण) को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। केंद्र सरकार के सहयोग से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के गांव-गांव में “कृषि उपकरण बैंक” यानी फार्म मशीनरी बैंक या फार्म मशीनरी हब स्थापित किए जा रहे हैं, जिससे छोटे एवं सीमांत किसानों को भी उन्नत कृषि उपकरणों का लाभ मिल सके और अपनी कृषि उत्पादकता बढ़ा सके। इसी बीच कोडरमा जिले में किसानों की खेती को आसान और कम लागत वाली बनाने के लिए राज्य सरकार ने एक नई योजना शुरू की है। इस योजना के तहत जिले में कृषि उपकरण बैंक की स्थापना की जाएगी, जिसके लिए व्यक्तिगत और समूह आधारित किसानों को कृषि यंत्रों और मशीनों पर 80% तक अनुदान दिया जाएगा। राज्य सरकार की यह नई योजना उन किसानों के लिए सुनहरा मौका है, जो अनुदान पर कृषि यंत्रों के साथ फार्म मशीनरी बैंक / फार्म मशीनरी हब की स्थापना करना चाहते हैं। इस योजना के माध्यम से किसान भाई ट्रैक्टर व उन्नत कृषि उपकरण 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी पर खरीद सकते हैं।
जिला कृषि संरक्षण पदाधिकारी हिमांशु कुमार ने बताया कि जिले में यह योजना “राष्ट्रीय कृषि विकास” (RKVY) योजना के अंतर्गत लागू की जा रही है। इस योजना का उद्देश्य खेती कार्यों में मशीनीकरण को बढ़ावा देने के साथ ही छोटे व सीमांत किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों तक पहुंच प्रदान करना है। योजना के तहत जिले में 10 ग्राम स्तरीय कृषि उपकरण बैंक स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रत्येक कृषि उपकरण बैंक (farm machinery bank) की स्थापना के लिए कुल इकाई लागत 10 लाख रुपए तय की गई है। किसानों को योजना के तहत लागत का 80 प्रतिशत या अधिकतम 8 लाख रुपए अनुदान के रूप में दिए जाएंगे।
जिला कृषि संरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि योजना का संचालन कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग द्वारा किया जा रहा है। इस योजना के तहत जिले में करीब 230 व्यक्तिगत कृषि यंत्र और मशीन उपकरण भी किसानों को अनुदान पर दिए जाएंगे। यह योजना उन स्थानीय किसानों को विशेष रूप से लक्षित करती है, जो खेती में आधुनिक कृषि तकनीक के उपयोग से उत्पादकता बढ़ाना चाहते हैं। योजना के तहत किसानों को अनुदान पर ट्रैक्टर, पावर टिलर, पावर वीडर, केज व्हील, राइस ट्रांसप्लांटर, कल्टीवेटर, मल्टी क्रॉप थ्रेशर, पैडी थ्रेशर, रोटावेटर, सीड ड्रिल, मिनी राइस मिल, मैन्युअल स्प्रेयर, सोलर पावर स्प्रेयर और पोर्टेबल इरिगेशन पंप जैसे उन्नत उपकरण और यंत्र दिए जाएंगे।
किसानों को अनुदान पर दिए जा रहे ये कृषि उपकरण और मशीनें खेत की तैयारी से लेकर फसल की कटाई तक, हर कृषि कार्य में बेहद उपयोगी है। कृषि उपकरण बैंक और यंत्रों पर अनुदान लाभ लेने के लिए इच्छुक किसानों को अपने पूर्ण रूप से भरे हुए आवेदन पत्र जिला कृषि पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, डीपीएम जेएसएलपीएस (JSLPS), डीडीएम नाबार्ड (NABARD) के माध्यम से कार्यालय को उपलब्ध कराया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, किसान अपने आवेदन पत्र सीधे जिला संयुक्त कृषि कार्यालय में भी जमा कर सकते हैं
जिला कृषि संरक्षण पदाधिकारी हिमांशु कुमार ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी कोडरमा द्वारा गठित महिला स्वयं सहायता समूहों का प्राथमिकता के आधार पर चयन किया जाएगा। विशेष कर उन महिला स्वयं सहायता समूह, महिला सखी मंगल और कृषक समूह को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनके सदस्यों में से कम से कम एक सदस्य के पास ट्रैक्टर चलाने का वैध लाइसेंस और समूह के पास कृषि योग्य 10 एकड़ से अधिक भूमि होगी।
उन्होंने आगे बताया कि अधिक से अधिक किसान सरकार की इन महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं और आधुनिक कृषि उपकरणों तक अपनी पहुंच बना सकते हैं। इन कृषि यंत्र और उपकरण से जुताई, बुवाई, सिंचाई, खरपतवार नियंत्रण और फसल कटाई जैसे विभिन्न चरणों में किसानों का काम आसान बनाएंगे, जिससे न केवल समय और श्रम की बचत होगी, बल्कि उत्पादकता में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी। झारखंड सरकार की यह योजना किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और कृषि क्षेत्र को टिकाऊ और मजबूत करने में सहायक सिद्ध होगी।
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