One Time Settlement (OTS) Scheme : सरकार द्वारा सहकारी भूमि विकास बैंकों के माध्यम से किसानों और लघु उद्यमियों को दीर्घकालिक कृषि और गैर-कृषि ऋण उपलब्ध कराए जाते हैं, ताकि वे बिना किसी तनाव के खेती कार्यों समेत कृषि यंत्रों के लिए निवेश कर सकें। लेकिन कई बार आपदाओं और अन्य कारणों के चलते किसान अपने द्वारा लिए गए ऋण का भुगतान समय पर नहीं कर पाते हैं। परिणामस्वरूप, ऐसे ऋणी सदस्य बैंक द्वारा डिफ़ॉल्टर घोषित हो जाते हैं और उन्हें कृषि के लिए नया ऋण भी नहीं मिल पाता। इस स्थिति को देखते हुए राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने किसानों और लघु उद्योगों के व्यापारियों के लिए एकमुश्त समझौता योजना (ओटीएस) लागू की है। इसके तहत, मूलधन राशि जमा करने पर किसानों/जमाकर्ताओं को शत-प्रतिशत ब्याज में छूट मिलेगी। इस योजना से कमजोर आर्थिक स्थिति से जूझ रहे भूमि विकास बैंकों को भी संजीवनी मिलेगी। सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना के माध्यम से 760 करोड़ रुपये के अवधिपार ऋणों की वसूली आसान हो और ऋणी सदस्यों को 5 प्रतिशत अनुदान योजना के तहत फिर से ऋण मिल सके।
सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक ने बताया कि राज्य के सहकारी भूमि विकास बैंक किसानों और जरूरतमंद लघु उद्यमियों को दीर्घकालिक कृषि ऋण एवं अकृषि लोन प्रदान करके प्रदेश के कृषि और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के कारण ऋणी किसान बैंक के ऋण की किस्तें नहीं चुका सके, जिसके परिणामस्वरूप इन बैंकों का अवधिपार ऋण (overdue loan) लगभग 760 करोड़ रुपए हो गया। अब मुख्यमंत्री ने एकमुश्त समझौता (One Time Settlement) योजना लागू की है, जिसके लिए 200 करोड़ रुपए का व्यय प्रस्तावित है। इससे भूमि विकास बैंकों के ऋणों की वसूली आसान होगी और उनकी आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी।
सहकारिता मंत्री दक ने कहा कि राज्य सरकार के ‘सुराज संकल्प’ में किसानों की भूमि नीलाम नहीं होने देने का प्रावधान किया गया है, जिसके तहत भूमि विकास बैंक (Land Development Banks) द्वारा वसूली के लिए की जाने वाली भूमि नीलामी कार्यवाही को भी स्थगित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि किसानों का यह वर्ग आशान्वित था कि राज्य सरकार उन्हें राहत देते हुए एकमुश्त समझौता (OTS) योजना लागू करेगी। मुख्यमंत्री ने उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरते हुए वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा का जवाब देने के दौरान यह बड़ा ऐलान किया है।
सहकारिता मंत्री दक ने बताया कि इस घोषणा के अंतर्गत भूमि विकास बैंकों के 1 जुलाई, 2024 तक अवधिपार हो चुके मध्यकालीन एवं दीर्घकालीन ऋण की मूलधन की 100 प्रतिशत राशि जमा करवाने पर अवधिपार ब्याज में 100 प्रतिशत की राहत दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश के भूमि विकास बैंकों से जुड़े 36,351 अवधिपार ऋणी सदस्यों को अवधिपार ब्याज में शत-प्रतिशत राहत का लाभ मिलेगा। इन सदस्यों को नवीन कृषि और अकृषि गतिविधियों के लिए राजस्थान सरकार की 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान योजना में नया ऋण मिल सकेगा। इससे उनका आर्थिक उन्नयन होगा तथा वे दोबारा मुख्यधारा में लौट सकेंगे।
बता दें कि राजस्थान में किसानों एवं लघु उद्यमियों को सहकारी भूमि विकास बैंकों के माध्यम से मात्र 5.05 प्रतिशत एवं 7.05 प्रतिशत की ब्याज दर पर दीर्घकालिक कृषि और अकृषि लोन उपलब्ध कराया जाता है। किसान इस ऋण का उपयोग पॉली हाउस, नेट हाउस, फार्म पोंड, तारबंदी, कृषि यंत्र, डेयरी और अन्य कार्यों के लिए कर सकेंगे।
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