महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सरकार उन्हें अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से हर महीने नकद सहायता प्रदान करती है। ऐसी ही एक लोकप्रिय स्कीम है जिसे “लाड़ली बहना योजना” के नाम से जाना जाता है। देश के 8 राज्यों मध्यप्रदेश ,हरियाणा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलगांना, झारखंड और छत्तीसगढ़ में लाड़ली बहना योजना जैसी योजनाएं चल रही हैं। लाडली बहना योजना में लेटेस्ट अपडेट यह है कि इसमें लाखों महिलाओं को 1500 की जगह 500 रुपए मिलेंगे। सरकार ने ऐसी महिलाओं की सूची तैयार कर ली है जिन्हें अगली किश्त में 500 रुपए की राशि ट्रांसफर की जाएगी। आइए, लाडकी बहीण योजना के बारे में लेटेस्ट अपडेट जानते हैं।
महाराष्ट्र सरकार की बहुचर्चित 'लाडकी बहीण योजना' के तहत कुछ महिला लाभार्थियों को प्रति माह ₹1500 की बजाय सिर्फ ₹500 ही दिए जाएंगे। ऐसी लाभार्थियों की संख्या करीब 6.5 लाख बताई जा रही है। मराठी समाचार पोर्टल सकाळ की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य सरकार की हालिया कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जो महिलाएं पहले से 'पीएम किसान' और “नमो शेतकरी महासम्मान निधि (NSMN)” जैसी योजनाओं का लाभ उठा रही हैं, उन्हें अब 'लाडकी बहीण' योजना के अंतर्गत केवल ₹500 प्रतिमाह ही दिए जाएंगे।
इसके अलावा जिन महिलाओं के परिवार की वार्षिक आय ₹2.5 लाख से अधिक है या जो आयकर के दायरे में आती हैं, उन्हें योजना से बाहर किया जाएगा। इस वर्ग की पहचान आयकर विभाग के जरिए की जाएगी, और जिला स्तर पर दोबारा लाभार्थियों का सत्यापन किया जाएगा।
महाराष्ट्र में 'लाडकी बहीण योजना' 24 जुलाई 2024 को शुरू हुई थी। इस योजना के तहत अब तक राज्य सरकार ने लगभग ₹25,250 करोड़ की राशि महिला लाभार्थियों को वितरित की है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, योजना के लिए 2.63 करोड़ महिलाओं ने आवेदन किया था, जिनमें से 2.41 करोड़ को पात्र पाया गया। अभी भी 11 लाख आवेदन प्रक्रियाधीन हैं, जबकि 11 लाख महिलाओं के आधार लिंक लंबित हैं।
महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले के बाद विपक्ष हमलावर हो गया है। शिवसेना (उद्धव गुट) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने सरकार पर “लाडकी बहीणों के साथ विश्वासघात” का आरोप लगाया। वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, "सरकार ने चुनाव से पहले महिलाओं को ₹2100 प्रति माह देने का वादा किया था, लेकिन अब वह केवल ₹500 दे रही है। यह साफ तौर पर धोखा है।"
इधर, राज्य के वित्त राज्य मंत्री आशीष जायसवाल ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाली महिलाओं को कोई कटौती नहीं झेलनी पड़ेगी और उन्हें पूर्ववत ₹1500 मिलते रहेंगे। उन्होंने कहा, “राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार होने पर लाभ और बढ़ाए जाएंगे।”
महाराष्ट्र सरकार ने लाडकी बहीण योजना में चयन के लिए 5 मापदंड निर्धारित किए हैं जो इस प्रकार है :
महाराष्ट्र में लाडकी बहीण योजना में सरकार की ओर से स्क्रूटनी करवाई जा रही है। स्क्रूटनी में ऐसी लाखों महिलाओं का पता चला है जो लाडकी बहीण योजना के साथ-साथ अन्य योजनाएं जैसे नमो शेतकारी महासम्मान निधि का भी लाभ उठा रही हैं और दोनों योजनाओं से 1500 रुपए प्रतिमाह का भुगतान उठा रही हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पहले कह चुके हैं कि स्क्रूटनी प्रक्रिया के बाद उम्मीद है कि लाभार्थियों की संख्या 10 से 15 लाख तक कम हो जाएगी।
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